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UP Monsoon Session:विधानसभा एक दिन के लिए स्थगित, परिषद में हंगामे के बाद विपक्ष का वॉकआउट

UP VidhanMandal Monsoon Session उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शनिवार 1100 बजे तक के लिए स्थगित। विधायक जन्मेजय सिंह के शोक में सदन ने अर्पित की श्रृद्धांजलि।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 08:44 AM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 05:19 PM (IST)
UP Monsoon Session:विधानसभा एक दिन के लिए स्थगित, परिषद में हंगामे के बाद विपक्ष का वॉकआउट
UP Monsoon Session:विधानसभा एक दिन के लिए स्थगित, परिषद में हंगामे के बाद विपक्ष का वॉकआउट

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र में विधानसभा में आज (शुक्रवार) दूसरे दिन भी कार्यवाही नहीं हो सकी। सर्वदलीय बैठक में लिए फैसले के अनुसार विधायक जन्मेजय सिंह के शोक में सदन श्रृद्धांजलि अर्पित करने के बाद स्थगित कर दिया गया। शनिवार को अवकाश नहीं होगा। आज का एजेंडा शनिवार को सदन में लागू होगा।

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विधानसभा तो भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण शोकसभा के बाद स्थगित कर दी गई, लेकिन विधान परिषद में विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा। कोरोना वायरस के साथ ही प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला।

प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने विधान परिषद में सरकार पर हमले किए। वहीं सरकार ने आंकड़ों के आधार पर कानून-व्यवस्था में बेहतरी का दावा किया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट बसपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। वहीं कोरोना संक्रमण के दौर में विधान परिषद में प्रश्नकाल शुरू होते ही सपा के नरेश चंद्र उत्तम ने प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, बाढ़ की बिगड़ती स्थिति और कोरोना संक्रमण के बेकाबू होते हालात पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराने की मांग की। इसी बीच सपा के सदस्यों ने सभापति के आसन के सामने आकर सरकार के विरोध में नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। सभापति रमेश यादव के समझाने पर भी सपा सदस्य शांत नहीं हुए और नारेबाजी जारी रही। 

कोरोना संक्रमण पर विपक्ष ने सरकार को घेरा 

विधान परिषद में विपक्षी दलों ने कोरोना संक्रमण के बिगड़ते हालात के लिए सरकार के रवैए को जिम्मेदार ठहराया। उनका आरोप था कि कोविड फंड के नाम पर धन उगाही और भ्रष्टाचार हो रहा है। सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के उपायों का जिक्र किया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

बता दें, विधानमंडल का मानसून सत्र आहूत करा रही योगी आदित्यनाथ सरकार शुक्रवार को विपक्ष के हंगामे के बीच में भी करीब डेढ़ दर्जन विधेयक पास कराने की तैयारी में थे। योगी सरकार ने इस वर्ष गोवध करने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया है, साथ ही दंगा करने वालों से सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए ट्रिब्यूनल गठित करने की मंजूरी दी है। इन दोनों विधेयकों को भी पास कराने की तैयारी की गई है।

इन फैसलों को सरकार ने कोरोना काल में विधानसभा सत्र नहीं होने पर अध्यादेश के तौर पर लागू किया है। संवैधानिक बाध्यता के तहत इन्हेंं 6 महीने में विधानमंडल की मंजूरी मिलना आवश्यक है। ऐसे में सरकार इन अहम मामलों से जुड़े एक दर्जन से ज्यादा विधेयक विधानसभा व विधान परिषद सत्र में पास कराएगी। इसके बाद इन पर राज्यपाल की मंजूरी ली जाएगी, फिर सभी अध्यादेश कानून का रूप ले सकेंगे।

हमलावार मूड में विपक्ष

विधानमंडल के मॉनसून सत्र में दूसरे दिन शुक्रवार को सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के लिए विपक्ष के फिर से हंगामा करने के आसार हैं। गुरुवार को पहले दिन विधान भवन में ही समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व कांग्रेस विधायक दलों की बैठक में जनसमस्याओं को सदन में उठाने की रणनीति तैयार की गई। समाजवादी सदस्य पार्टी कार्यालय से साइकिलों से विधानभवन पहुंचेंगे। नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति में नरेंद्र वर्मा, इकबाल महमूद व शैलेंद्र यादव ललई जैसे नेताओं पर नेतृत्व की जिम्मेदारी होगी।

सपा, बसपा के साथ कांग्रेस ने तैयार की रणनीति

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपराध वृद्धि, कोरोना उपचार में अनियमितताएं व भ्रष्टाचार, फर्जी मुठभेड़, बिजली व बकाया गन्ना मूल्य जैसे मुद्दों पर आवाज उठाने को कहा है। वहीं बसपा सदस्य दलित उत्पीडऩ, ध्वस्त कानून व्यवस्था व कोरोना उपचार में गरीबों के शोषण जैसी समस्याओं को लेकर हमलावर होगी। कांग्रेस विधान मंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने बताया कि बेकाबू अपराध और कोरोना की रोकथाम में नाकाम सरकार को सदन में घेरा जाएगा।

अपने भी बन सकते हैं सरकार का सिरदर्द

विपक्ष के अलावा सत्तापक्ष के लिए सदन मेें कुछ अपने भी सिरदर्दी बढ़ा सकते है। नेतृत्व ने ऐसे विधायकों को चिन्हित कर उनसे संवाद बनाने के निर्देश सचेतकों व प्रमुख नेताओं को दिए हैं।

पास होंगे करीब डेढ़ दर्जन विधेयक

दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश, राजकोषीय उत्तरदायित्व व बजट प्रबंध संशोधन अध्यादेश, मंत्री वेतन भत्ता व प्रकीर्ण उपलब्ध संशोधन अध्यादेश, राज्य विधानमंडल सदस्यों उपलब्धियां व पेंशन संशोधन अध्यादेश, माल और सेवा कर द्वितीय संशोधन अध्यादेश, आकस्मिकता निधि संशोधन अध्यादेश, लोक स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अध्यादेश, कृषि उत्पादन मंडी संशोधन अध्यादेश, गन्ना आपूर्ति एवं खरीद विनियमन संशोधन अध्यादेश, गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश, स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क विनियमन संशोधन अध्यादेश, विशेष सुरक्षा बल अध्यादेश व उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास संशोधन अध्यादेश आदि सदन के पटल पर प्रस्तुत करके पारित कराने का मन बनाया है।  


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