UP Rajyasabha Election 2020: BJP के टिकट पर उच्च सदन जाने वाले प्रदेश के दूसरे पूर्व डीजीपी हैं बृजलाल
UP RajyaSabha Election Result बसपा मुखिया मायावती के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया रहे बृजलाल को उनका भी करीबी माना जाता है। अब भाजपा उनको राज्यसभा में भेजकर उच्च सदन में पार्टी के दलित नेता के तौर पर उन्हेंं मजबूत करना चाहती है।
लखनऊ, जेएनएन। भारतीय पुलिस सेवा में अपन जांबाज कारनामों के साथ ही उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीडऩ के मामलों के निस्तारण में अहम भूमिका निभाने के साथ ही सरकार के पक्ष में खड़े रहने वाले पूर्व डीजीपी को भारतीय जनता पार्टी ने उच्च सदन में भेजा है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के दूसरे पूर्व डीजीपी होने का गौरव प्राप्त किया है, जिसे भाजपा ने राज्यसभा में भेजा है।
बसपा मुखिया मायावती के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया रहे बृजलाल को उनका भी करीबी माना जाता है। अब भाजपा उनको राज्यसभा में भेजकर उच्च सदन में पार्टी के दलित नेता के तौर पर उन्हेंं मजबूत करना चाहती है। वह उत्तर प्रदेश के दूसरे पुलिस महानिदेशक हैं, जो संसद के उच्च सदन तक पहुंचे हैं। इनसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजी रहे बीपी सिंघल भी राज्यसभा गए थे। इनमें भी खास बात यह है कि दोनों पूर्व डीजीपी को राज्यसभा में भेजने का काम भारतीय जनता पार्टी ने ही किया है। केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के कार्यकाल में लखनऊ के रहने वाले और उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजी बीपी सिंघल को भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा भेजा था। बीपी सिंघल का वर्ष 2012 में निधन हुआ था। वह विश्व हिंदू परिषद के दिग्गज नेता रहे अशोक सिंघल के छोटे भाई थे।
कांग्रेस ने पूर्व आइएएस अधिकारी पीएल पुनिया को उच्च सदन में भेजकर दलितों के बीच संदेश देने का प्रयास किया था। पीएल पुनिया का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, अब दलित चेहरे के रूप में भाजपा ने उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड डीजीपी बृजलाल को राज्यसभा भेजा है। यूपी में दलित उत्पीडऩ की कई घटनाओं में भाजपा का बचाव करने में पूर्व डीजीपी बृजलाल काफी अहम भूमिका निभा चुके हैं। माना जा रहा है कि राज्यसभा सांसद बनाकर पार्टी एक दलित नेता के तौर पर उन्हेंं मजबूत करना चाहती है। उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक बृजलाल सोमवार को यूपी की खाली हुई सीट से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए।
बृजलाल 1977 बैच के रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी है। वह किसी समय बसपा मुखिया मायावती के पसंदीदा अफसरों में थे। मायावती ने अपने कार्यकाल में दो वरिष्ठों के ऊपर बृजलाल को वरीयता देकर डीजीपी बनाया था। वह सितंबर 2011 में डीजीपी बने थे। इसके बाद विधानसभा चुनाव 2012 से पहले उनको विपक्षी दलों की शिकायत पर चुनाव आयोग ने उन्हेंं हटा दिया था। वह करीब तीन महीना ही डीजीपी रह सके थे। सिद्धार्थनगर के बृजलाल को 2018 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया। इसके बाद अब उनको राज्यसभा भेजकर पार्टी में उनका कद बढ़ाया है।