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यूपी के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा, शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड में हुए भ्रष्टाचार की जांच में आएगी तेजी

अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने आरोप लगाया कि दोनों वक्फ बोर्ड के पिछले चेयरमैनों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर रहा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 11:12 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 11:14 PM (IST)
यूपी के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा, शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड में हुए भ्रष्टाचार की जांच में आएगी तेजी
यूपी के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा, शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड में हुए भ्रष्टाचार की जांच में आएगी तेजी

लखनऊ, जेएनएन। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड के कार्यकाल खत्म होने के बाद अब दोनों बोर्ड में हुए भ्रष्टाचार की जांच में तेजी आएगी। शिकायतकर्ता चाहें तो वक्फ से संबंधित शिकायतें उनके ई-मेल stateministermohsinraza@gmail.com पर भेज सकते हैं।

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अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछले 10 वर्षों से इन दोनों बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से करवाने की पहल की। दोनों बोर्ड का ऑडिट भी कराने के आदेश भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए। साथ ही दोनों वक्फ बोर्ड में अभिलेखों की फोटोकॉपी व नकल प्राप्ति की बढ़ाई गई दरें वापस लीं। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों वक्फ बोर्ड के पिछले चेयरमैनों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर रहा। कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिलने के बाद नए बोर्ड के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। तब तक दोनों बोर्ड सरकार के अधीन संचालित रहेंगें। उन्होंने कहा कि जल्द ही दोनों वक्फ बोर्ड को मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल से जोड़ा जाएगा।

शिया वक्फ बोर्ड का भी कार्यकाल खत्म

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कार्यकाल खत्म हो गया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड भी पिछले डेढ़ माह से ज्यादा समय से रिक्त है। फिलहाल, दोनों बोर्ड प्रदेश सरकार के अधीन रहेंगे। दोनों में ही जरूरी प्रशासनिक कार्य मुख्य कार्यकारी अधिकारी निपटाते रहेंगे। हालांकि, दोनों ही बोर्ड में नीतिगत निर्णय नहीं हो सकेंगे। शिया वक्फ बोर्ड का कार्यकाल 18 मई को पूरा हो गया। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने 2015 में पदभार संभाला था। वसीम रिजवी अपने बयानों की वजह से आए दिन मीडिया की सुर्खियों में बने रहे। अपने कार्यकाल के बारे में उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा काम अयोध्या प्रकरण में राम मंदिर के पक्ष में अपनी बात देश की सबसे बड़ी अदालत में रखी और आखिर तक उस पर कायम रहे। उन्होंने सरकार को एक पत्र भी भेजा है, जिसमें वक्फ बोर्ड का चुनाव होने तक वर्तमान बोर्ड को ही कार्य करने देने का सुझाव दिया है।


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