जल निगम घोटाला : अब अभ्यर्थियों पर होगी FIR, भर्ती में शामिल अफसरों से होगी खर्च की वसूली
सपा शासनकाल में हुए जल निगम भर्ती घोटाले में यूपी की योगी सरकार ने सभी पदों की नियुक्तियां रद करने के बाद अब उन अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की तैयारी की है जिनके अंक बढ़ाए गए थे।
लखनऊ, जेएनएन। Jal Nigam Recruitment Scam : समाजवादी पार्टी (SP) शासनकाल में हुए जल निगम भर्ती घोटाले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सभी पदों की नियुक्तियां रद करने के बाद अब उन अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की तैयारी की है जिनके अंक बढ़ाए गए थे। जांच में ऐसे 175 अभ्यर्थी मिले हैं। इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही भर्ती प्रक्रिया में खर्च हुई धनराशि उन अफसर व कर्मचारियों से वसूल की जाएगी जो उस दौरान तैनात थे। साक्षात्कार बोर्ड में शामिल 35 विशेषज्ञों पर भी सरकार कार्रवाई करेगी। जरूरत पडऩे पर इनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा सकती है।
योगी सरकार ने इन भर्तियों में 853 जेई और 335 लिपिकों की भर्ती सोमवार को निरस्त कर दी थी। 122 सहायक अभियंताओं की भर्तियां पहले ही सरकार निरस्त कर चुकी है। 18 जून, 2016 को जल निगम ने इन भर्तियों का विज्ञापन जारी किया था। इसके रिजल्ट में बहुत सारी गड़बड़ियां सामने आने के बाद विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) को जांच सौंपी गई थी। जांच में रिजल्ट में गड़बड़ी किए जाने के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं।
इसमें 175 अभ्यर्थी ऐसे मिले हैं जिनके नंबर बढ़ाए गए थे। इन सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। भर्ती प्रक्रिया में शामिल अफसरों व कर्मचारियों को भी चिह्नित किया जा रहा है। इनसे भर्ती में खर्च हुई धनराशि की वसूली की जाएगी। सहायक अभियंताओं के 122 पदों में से 84 पदभार संभाल कर काम कर रहे थे। अवर अभियंताओं में 853 में से 729 कार्यरत थे। इसी प्रकार लिपिकों के 325 पदों में से 166 काम कर रहे थे।
भर्ती प्रक्रिया पूरा करने के लिए सात साक्षात्कार बोर्ड गठित किए गए थे। इसमें शामिल 35 लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है। यदि जरूरत हुई तो इनके खिलाफ भी एफआइआर दर्ज की जाएगी। जल निगम के एमडी विकास गोठलवाल ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत नियुक्त अवर अभियंता व लिपिकों को अब तक मिले वेतन भत्ते आदि का संरक्षण प्राप्त होगा। उनसे इसकी कोई वसूली नहीं होगी। साथ ही उनके द्वारा अब तक नियमानुसार किए गए प्रशासनिक व वित्तीय कार्य विधि मान्य होंगे। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को जल निगम बोर्ड में रखकर अनुमति ली जाएगी।
आजम सहित अन्य के खिलाफ आरोप पत्र शीघ्र
पूर्व मंत्री आजम खां समेत अन्य आरोपितों की मुश्किलें भी जल्द बढ़ सकती हैं। इस मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति सरकार से शीघ्र मिलने की उम्मीद है। परीक्षा कराने वाली संस्था अपटेक को भी काली सूची में डाला जा सकता है। एसआइटी की जांच में रिजल्ट में कई अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ाए जाने के साक्ष्य मिले हैं। एसआइटी ने इस मामले मेें पूर्व मंत्री आजम खां के अलावा जलनिगम के तत्कालीन एमडी पीके आसूदानी, नगर विकास विभाग के तत्कालीन सचिव एसपी सिंह (अब सेवानिवृत्त), आजम खां के तत्कालीन ओएसडी सैय्यद आफाक अहमद व तत्कालीन चीफ इंजीनियर अनिल कुमार खरे व अन्य के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, षड्यंत्र, साक्ष्य छिपाने व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कर विवेचना की थी।