Move to Jagran APP

UP Cabinet Approved : एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक भर्ती अब लिखित परीक्षा से, टीईटी के साथ स्नातक में 50 प्रतिशत अंक

प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए भी राज्य स्तर पर लिखित परीक्षा होगी जिसका उत्तीर्णांक भी तय होगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 10:53 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 10:53 PM (IST)
UP Cabinet Approved : एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक भर्ती अब लिखित परीक्षा से, टीईटी के साथ स्नातक में 50 प्रतिशत अंक
UP Cabinet Approved : एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक भर्ती अब लिखित परीक्षा से, टीईटी के साथ स्नातक में 50 प्रतिशत अंक

लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश में शिक्षा का स्तर उठाने को लेकर बेहद गंभीर योगी आदित्यनाथ सरकार शिक्षकों की भर्ती में ढील देने को राजी नहीं है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में एडेड जूनियर हाईस्कूल में शिक्षकों भी भर्ती में भी लिखित परीक्षा के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई।

loksabha election banner

प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों की तरह अब प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए भी राज्य स्तर पर लिखित परीक्षा होगी जिसका उत्तीर्णांक भी तय होगा। भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता में भी बदलाव किया गया है। एडेड जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर अस्थायी नियुक्ति के प्रविधान को खत्म कर दिया गया है।

मंगलवार को कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश (मान्यताप्राप्त जूनियर हाईस्कूल) अध्यापकों की भर्ती नियमावली, 1978 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। प्रस्ताव में अध्यापकों के दायित्व भी तय किए गए हैं। मान्यता संबंधी नियमों का पालन न करने वाले विद्यालयों को नोटिस देकर उनकी मान्यता समाप्त करने के लिए सहायक निदेशक, बेसिक शिक्षा को अधिकृत किया गया है।

प्रदेश में 3049 एडेड जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमें सृजित शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के लगभग 25000 पदों में तकरीबन 4300 खाली हैं। अभी तक इन विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए स्नातक और बीटीसी/बीएड/सर्टिफिकेट ऑफ टीचिंग (सीटी)/जूनियर टीचिंग सर्टिफिकेट (जेटीसी)/हिंदुस्तानी टीचिंग सर्टिफिकेट (एचटीसी) की शैक्षिक योग्यता रखने के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण होना जरूरी था। ऐसे अभ्यर्थियों को एडेड जूनियर हाईस्कूल का प्रबंधतंत्र साक्षात्कार के आधार पर नियुक्त करता था।

प्रबंधतंत्र की ओर से चयनित शिक्षक की नियुक्ति के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का अनुमोदन लिया जाता था। इस चयन में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की शिकायतें शासन को लगातार मिल रही थीं। इस वजह से संशोधन किया गया

यह होगी पात्रता

एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए अब टीईटी उत्तीर्ण वे अभ्यर्थी पात्र होंगे जो स्नातक में 50 प्रतिशत अंक के साथ बीएड उत्तीर्ण होंगे या जो स्नातक के साथ प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में दो वर्षीय डिप्लोमा (डीएलएड)/बीटीसी/प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में चार वर्षीय डिग्री (बीएलएड)/ शिक्षा शास्त्र के साथ चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए या बीएससी उत्तीर्र्ण होंगे या जिन्होंने 50 फीसद अंकों के साथ बीए/बीएससी उत्तीर्ण करने के साथ एक वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा उत्तीर्ण किया हो।

गुणांक के आधार पर होगी भर्ती

भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के आधार पर गुणांक का निर्धारण परिषदीय शिक्षकों की भर्ती के लिए अपनाए जाने वाले फॉर्मूले के आधार पर होगा। गुणांक निर्धारण में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के प्राप्तांक प्रतिशत में से प्रत्येक का 10 फीसद और लिखित परीक्षा के प्राप्तांक का 60 प्रतिशत जोड़ा जाएगा।

प्रधानाध्यापक भर्ती को पांच साल शैक्षिक अनुभव जरूरी

प्रधानाध्यापक की भर्ती के लिए मान्यताप्राप्त जूनियर हाईस्कूल में बतौर शिक्षक पांच साल का अनुभव जरूरी है। भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे। परीक्षा का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी को सौंपने का इरादा है। अभी तक शिक्षक बनने के लिए ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं थी।

लखनऊ-वाराणसी सहित सात नगरीय निकायों का सीमा विस्तार

लखनऊ व वाराणसी नगर निगम सहित सात नगरीय निकायों के सीमा विस्तार को हरी झंडी दे दी गई है। इनमें दो नगर पालिका परिषद व तीन नगर पंचायतें शामिल हैं। मंगलवार को योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जालौन की कोंच व संतकबीरनगर की खलीलाबाद नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार को मंजूरी मिली। सिद्धार्थनगर की शोहरतगढ़, सीतापुर की तम्बौर अहमदाबाद व रायबरेली की महाराजगंज नगर पंचायत का भी सीमा विस्तार किया गया है। कैबिनेट ने 11 नई नगर पंचायतों के गठन को भी मंजूरी दे दी है।

लखनऊ नगर निगम की सीमा में 88 नए राजस्व गांव और जोड़े गए हैं। यह गांव लखनऊ नगर निगम की सीमा के चारों ओर पूरब, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण दिशाओं के हैं। वहीं, वाराणसी में 79 राजस्व गांव को जोड़ा गया है। इससे वाराणसी नगर निगम की सीमा में कुल 8621.691 हेक्टेयर क्षेत्रफल और बढ़ गया है। कैबिनेट ने सीमा विस्तार में किसी भी प्रकार के संशोधन व परिवर्तन का अधिकार विभागीय मंत्री को दे दिया है।

जालौन की नगर पालिका परिषद, कोंच में सीमा विस्तार करते हुए पांच नए राजस्व गांव शामिल किए गए हैं। संतकबीरनगर की नगर पालिका परिषद, खलीलाबाद में 21 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है। इसी प्रकार सिद्धार्थनगर की नगर पंचायत शोहरतगढ़, सीतापुर की नगर पंचायत तम्बौर अहमदाबाद व रायबरेली की नगर पंचायत महाराजगंज के सीमा विस्तार को मंजूरी मिल गई है।

कैबिनेट ने जिन 11 नई नगर पंचायतों का गठन किया है, उनमें महराजगंज के बृजमनगंज, बस्ती के भानपुर, लखीमपुर खीरी के निघासन, संतकबीरनगर के बेलहर कला व बाघनगर उर्फ बखिरा, मैनपुरी के बरनाहल, जौनपुर के ग्राम कचगांव, मऊ के ग्राम कुर्थीजाफरपुर व प्रतापगढ़ के सुवंशा बाजार हैैं। सिद्धार्थनगर में दो नई नगर पंचायतें और बनाई गईं हैं। इनमें बिस्कोहर बाजार के साथ ही बर्डपुर शहर को नगर पंचायत कपिलवस्तु बनाया गया है।

सुलतानपुर के 29 गांव सदर से बल्दीराय तहसील में

सुलतानपुर की सदर तहसील के राजस्व निरीक्षक क्षेत्र हलियापुर के 29 राजस्व ग्रामों को जिले की नवसृजित बल्दीराय तहसील में शामिल करने के प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

राजस्व परिषद ने शासन को यह प्रस्ताव भेजा था जिसमें बताया गया था कि इन 29 गांवों का प्रशासनिक कार्य सदर तहसील द्वारा देखा जा रहा है लेकिन इन ग्रामों में पहुंचने के लिए तहसील सदर के प्रशासनिक अधिकारियों को तहसील बल्दीराय के प्रशासनिक क्षेत्र से होकर जाना पड़ता है। यदि इन गांवों को बल्दीराय तहसील में शामिल कर लिया जाए तो नागरिकों के लिए तहसील मुख्यालय से अधिकतम दूरी 18 किलोमीटर होगी।

जिन गांवों को तहसील सदर से हटाकर तहसील बल्दीराय में शामिल किया गया है उनमें सोरांव, रैंचा, भवानीगढ़, डीह, मिझूटी, दक्खिनगांव, हलियापुर, जरईकलां, पिपरी, जमालपुर, फत्तेपुर, उसकामऊ, विशुनाथपुर, सरायबग्घा, तौधिकपुर, डोभियारा, तिरहुत, गौरापरानी, बड़ाडाड़, कुंवासी, रामपुर बबुआन, उमरा, कांपा, पौली, डेहरियावां, मेघमऊ, हसुई मुकुन्दपुर, रनमूसेपुर, और कांकरकोला शामिल हैं।

राज्य मार्गों पर चौराहों से एक किमी दूर ही लगेंगे पेट्रोल पंप

प्रदेश के मैदानी व ढालू क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अधीन राज्य मार्गों/मुख्य जिला मार्गों के इंटरसेक्शन (चौराहों) से एक किलोमीटर की दूरी के बाद ही अब कोई ईंधन स्टेशन (पेट्रोल पंप/पीएनजी/सीएनजी स्टेशन) स्थापित किया जा सकेगा। वहीं अन्य जिला मार्र्गोंं/ग्रामीण मार्गों पर चौराहे से 600 मीटर की दूरी के बाद ही ईंधन स्टेशन बनाया जा सकेगा।

कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के अधीन राज्य मार्गों/मुख्य जिला मार्गों/अन्य जिला मार्गों पर ईंधन स्टेशन की स्थापना के लिए अनापत्ति देने की नीति को मंजूरी दे दी है। नीति के तहत एक लाख या उससे अधिक आबादी वाले शहरी इलाकों में सभी श्रेणी के मार्गों के चौराहों से 100 मीटर की दूरी के बाद ही ईंधन स्टेशन की स्थापना हो सकेगी। टोल प्लाजा या रेल समपार से किसी भी ईंधन स्टेशन की दूरी न्यूनतम एक किलोमीटर होगी।

सड़कों पर स्थापित किए जाने वाले ईंधन स्टेशन के लाइसेंस की वैधता 10 साल के लिए होगी। राज्य मार्गों व मुख्य जिला मार्गों पर ईंधन स्टेशन के लिए लाइसेंस शुल्क तीन लाख रुपये तथा अन्य जिला व ग्रामीण मार्गों के लिए दो लाख रुपये होगा। लाइसेंस का नवीनीकरण शुल्क 10,000 रुपये होगा।

सड़क-सेतु व भवन निर्माण पर 12 फीसद जीएसटी

कैबिनेट ने केंद्र सरकार के सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की तर्ज पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) की ओर से कराए जाने वाले मार्ग, सेतु व भवन निर्माण कार्यों पर अब उनकी लागत के 12 प्रतिशत की दर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का फैसला किया है। अभी तक पीडब्लूडी की ओर से कराए जाने वाले निर्माण कार्यों में निर्माण सामग्री पर जीएसटी के आकलन की व्यवस्था लागू थी। इसे लेकर भ्रम की स्थिति थी। इस वजह से लोक निर्माण विभाग वाणिज्य कर विभाग को जीएसटी का भुगतान नहीं कर पा रहा था।

तीन एसडीएम सहित चार अफसरों पर अनियमितता में कार्रवाई

चार अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के मामले में कार्रवाई कर सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति का संदेश फिर दिया है। पुराने मामलों में एसडीएम प्रयागराज जवाहरलाल श्रीवास्तव, एसडीएम सुनील कुमार शुक्ल और एसडीएम अयोध्या लव कुमार सिंह की वेतन वृद्धियां रोकने का फैसला सरकार ने लिया है। सीतापुर के गांव जहांगीराबाद के राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाब की भूमि पर द अवध शुगर मिल हरगांव का अवैध कब्जा था। इस कब्जे को हटाने में वहां तहसीलदार सदर के रूप में तैनात रहे जवाहरलाल श्रीवास्तव, सुनील कुमार शुक्ल और लव कुमार सिंह पर अनियमितता के आरोप लगे। वर्ष 2016 में इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए शासन ने मंडलायुक्त लखनऊ से जांच कराई। उसके आधार पर प्रस्तावित कार्रवाई पर लोक सेवा आयोग की राय ली गई। शासन ने जो कार्रवाई निर्धारित की थी, उसे आयोग ने अधिक मानते हुए अपनी राय दी। मगर, मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में शासन द्वारा निर्धारित कार्रवाई को ही उपयुक्त माना गया। एसडीएम प्रयागराज जवाहरलाल श्रीवास्तव की तीन वेतन वृद्धि, एसडीएम जालौन सुनील कुमार शुक्ल और एसडीएम अयोध्या लव कुमार सिंह की एक-एक वेतन वृद्धि तीन वर्षों के लिए रोकने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह सेवानिवृत्त सहायक चकबंदी अधिकारी दल सिंगार तिवारी की पेंशन से दस फीसद कटौती स्थायी रूप से करने का फैसला हुआ है। वर्ष 2011 में जनपद आजमगढ़ में तैनाती के दौरान की गई अनियमितताओं के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही थी। लोक सेवा आयोग ने अनियमितता में उनकी भूमिका को आंशिक मानते हुए पेंशन से दस फीसद की कटौती पांच वर्षों तक करने का सुझाव दिया था। वहीं, कैबिनेट ने दल सिंगार तिवारी द्वारा की गई अनियमितता को गंभीर मानते हुए पेंशन से स्थायी कमेटी का निर्णय लिया है। इस संबंध में वित्त, न्याय और कार्मिक विभाग ने भी अनापत्ति दे दी है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.