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UP Budget Session 2020 : मानदेय व भत्ता बढ़ाने की मांग पर टूटे सत्ता और विपक्ष के फासले, मांगा मुख्य सचिव से अधिक वेतन

UP News विधानमंडल के बजट सत्र में बुधवार को अपना मानदेय और भत्ते बढ़ाए जाने की मांग उठी तो सत्ता तथा विपक्ष के विधायक एक स्वर में बोलते नजर आए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 01:50 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 02:48 PM (IST)
UP Budget Session 2020 : मानदेय व भत्ता बढ़ाने की मांग पर टूटे सत्ता और विपक्ष के फासले, मांगा मुख्य सचिव से अधिक वेतन
UP Budget Session 2020 : मानदेय व भत्ता बढ़ाने की मांग पर टूटे सत्ता और विपक्ष के फासले, मांगा मुख्य सचिव से अधिक वेतन

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान बजट चर्चा के दौरान पहले ही दिन से नोकझोंक व आरोप प्रत्यारोप में उलझे रहने वाले सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता अपने मामले में एक हो गए हैं। आठ फरवरी से चालू सत्र में रोज ही प्रदर्शन तथा हो-हल्ले के बीच किसी तरह कार्यवाही निपटाई जा रही थी कि बुधवार को वेतन तथा मानदेय के मामले में सत्ता व विपक्ष के विधायकों का राग अलग ही था। सभी के सुर मिलने लगे।

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विधानमंडल के बजट सत्र में बुधवार को अपना मानदेय और भत्ते बढ़ाए जाने की मांग उठी तो सत्ता तथा विपक्ष के विधायक एक स्वर में बोलते नजर आए। यहां पर तो दलीय बंदिशें भी टूट गयी और दिलों के फासले भी मिट गए। विधानसभा में बुधवार को यह नजारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में देखने को मिला। मुख्यमंत्री का संबोधन खत्म होने के बाद भाजपा के सुरेश श्रीवास्तव ने महंगाई बढऩे व क्षेत्रीय जरूरतें बढऩे का वास्ता देते हुए विधायकों के मानदेय व भत्तों में वृद्धि करने का आग्रह किया। उनका कहना था कि यात्रा कूपनों की धनराशि कम होने के कारण असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हवाई यात्रा के दौरान यह परिस्थिति अधिकतर बनती है। असल किरकिरी उस समय हो जाती है जब विभागीय अधिकारी एक्जीक्यूटिव क्लास में सफर करते मिलते हैं और विधायक को इकोनॉमी क्लास मेें यात्रा करनी पड़ती है।

समाजवादी पार्टी के नितिन अग्रवाल का कहना था कि प्रोटोकाल भी ध्यान भी रखा जाना चाहिए। मानदेय व भत्ते मिला कर मुख्य सचिव से चाहे एक रुपया अधिक हो परंतु किया जाना चाहिए। उन्होंने विधायक निधि को दस करोड़ रुपये करने की मांग की। उनका तर्क था कि गिट्टी, मौरंग व बालू आदि महंगी होने के कारण विधायक निधि को बढ़ाया जाए ताकि विकास कार्य ठीक से हो सकें। बसपा के उमाशंकर सिंंह भी इस मुद्दे को लेकर मैदान मेंं कूद गए। उनका कहना था कि निधि कम होने के कारण ग्राम प्रधानों जैसे कार्य भी नहीं करा पाते हैं। उन्होंने विधायक निधि दस करोड़ से कम न होने की पैरोकारी की। कांग्रेस की दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने विधायक निधि बढ़ाने के साथ इंडिया मार्का हैंड पंप का कोटा बढाने पर बल दिया। सपा के नरेंद्र वर्मा ने कहा कि विधायक निधि से अस्पतालों व स्कूलों आदि सार्वजनिक स्थलों में एयरकंडीश्नर व गीजर आदि लगवाने की इजाजत देने की बात कही।

विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने विधायक निधि से कराए जाने वाले कार्यो की सूची पुनर्निधारित करने की बात कही। उनका कहना था कि इस बारे मेें सरकार को विचार करना चाहिए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस बारे में फैसला लेने के लिए सर्वदलीय समिति हो, जिसकी संस्तुति के आधार पर ही मुख्यमंत्री उचित ले सकेंगे। 


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