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UP Budget 2020 : वेतन, पेंशन व ब्याज पर जाएगी आधी से ज्यादा कमाई, जानिये बजट की तस्वीर...

UP Budget 2020 वर्ष 2020-21 में कुल राजस्व प्राप्तियां 422567.83 करोड़ होने का अनुमान है। वहीं वेतन पेंशन व ब्याज की अदायगी पर कुल 224561.03 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 09:52 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 10:10 AM (IST)
UP Budget 2020 : वेतन, पेंशन व ब्याज पर जाएगी आधी से ज्यादा कमाई, जानिये बजट की तस्वीर...

लखनऊ, जेएनएन। UP Budget 2020 : अगले वित्तीय वर्ष में वेतन, पेंशन और ब्याज की अदायगी पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की आधी से ज्यादा कमाई खर्च होगी। वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियां 4,22,567.83 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। वहीं वेतन, पेंशन व ब्याज की अदायगी पर कुल 2,24,561.03 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। जाहिर है कि राजस्व प्राप्तियों का 53.1 प्रतिशत हिस्सा वेतन, पेंशन व ब्याज पर खर्च होगा। राज्य सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मंगलवार को पेश बजट में यह तस्वीर सामने आयी है।

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वेतन, पेंशन व ब्याज के मद में सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 2,06,287.55 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया था। हालांकि पुनरीक्षित अनुमान में यह घटकर 1,97,678.18 करोड़ रुपये ही रह गया है। ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में अगले साल वेतन, पेंशन व ब्याज की अदायगी पर 26,882.85 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च होंगे। वेतन, पेंशन व ब्याज अदायगी पर होने वाले खर्च में वृद्धि के बावजूद सरकार ने पूंजीगत परिव्यय को बढ़ाने का हौसला दिखाया है। पूंजीगत परिव्यय से आशय परिसंपत्तियों के सृजन पर होने वाला खर्च है। अगले वित्तीय वर्ष में पूंजीगत परिव्यय पर 81,209.49 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है जबकि पिछले बजट में इसके लिए 77,641.13 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे।

सरकार पर बाजार से कर्ज लेने का दबाव बढ़ा

अपने स्रोतों से कर राजस्व जुटाने के मोर्चे पर राज्य सरकार इस साल झटका खा गई है। सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में स्वयं के कर राजस्व के जरिये 1,40,176 करोड़ रुपये जुटाने का मंसूबा पाला था लेकिन मंगलवार को पेश किये गए वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट के पुनरीक्षित अनुमानों के मुताबिक उसकी झोली में आये सिर्फ 1,34,038.94 करोड़ रुपये। इस लिहाज से राज्य के अपने कर राजस्व में 6137 करोड़ रुपये की कमी अनुमानित है। इस कमी के बावजूद सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में स्वयं के कर राजस्व के जरिये 1,66,021 करोड़ रुपये जुटाने का हौसला दिखाया है। इसके बावजूद सरकार पर बाजार से कर्ज लेने का दबाव बढ़ा है।

बाजार से 3,23,461.48 करोड़ ऋण लेने का इरादा

नए बजट में सरकार ने अगले वर्ष 3,23,461.48 करोड़ रुपये बाजार से कर्ज लेने का इरादा जताया है। जबकि चालू वित्तीय वर्ष के पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार 2020-21 में 2,77,311.48 करोड़ रुपये बाजार ऋण लिये जाने का आकलन है। ऐसे में राज्य की ऋणग्रस्तता बढ़ने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के पुनरीक्षित अनुमान में राज्य की ऋणग्रस्तता 4,76,154.7 करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि 2020-21 में इसके बढ़कर 5,16,184 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। राज्य कर्ज के बोझ का अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि चालू वित्त वर्ष में राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद की 28.2 प्रतिशत है, वहीं 2020-21 के दौरान यह बढ़कर 28.8 फीसद होने का अनुमान है।


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