BJP की चुनावी जमीन तैयार करेगा बजट, बेरोजगारी-किसानों के मुद्दे की काट में सूझबूझ का बड़ा निवेश
योगी सरकार ने जो निवेश युवा किसान और बुनियादी विकास पर किया है वह चुनावी जंग में उतरने से पहले विपक्षी पाले से मुंह खोलते बेरोजगारी व किसानों के मुद्दे को खामोश कर सकता है।
लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की इस कार्यकाल की पारी अभी दो वर्ष बची है। पांचवां बजट पेश करने का मौका भी सरकार को मिलना है, लेकिन सरकार के कामकाज के हिसाब का अहम पैमाना यही बजट बनेगा। पांचवें बजट से घोषणाएं भले बड़ी हो जाएं, लेकिन दावे का दम इस बजट के बाद आने वाला दो वर्ष का वक्त ही देगा। सरकार ने अभी सूझबूझ का जो निवेश युवा, किसान और बुनियादी विकास पर किया है, वह 2022 की चुनावी जंग में उतरने से पहले विपक्षी पाले से मुंह खोलते बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे को खामोश कर सकता है।
दरअसल, गठबंधन के कई प्रयोग आजमा चुके विपक्ष ने अभी से विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी शुरू कर दी है। बसपा, सपा और कांग्रेस लगातार मुद्दे उठा रही हैं कि किसान बदहाल हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है, जमीन पर विकास नहीं दिख रहा। इन चुनौतियों से लड़ने का अस्त्र सरकार ने बजट के पिटारे से वक्त रहते निकाला है।
यही वजह है कि युवाओं की तरफ और तेजी से लपकी सरकार ने बजट के केंद्र में इसी वर्ग को रखा है। युवाओं को रोजगार के लिए कुशल बनाने के मकसद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षुता प्रोत्साहन योजना शुरू की है। प्रशिक्षण के दौरान ढाई हजार रुपये मासिक भत्ते की व्यवस्था कर दी। स्वरोजगार की चाहत रखने वालों के लिए युवा हब बनाने जैसी योजना लाई गई है। हर घर नल और हर खेत को पानी, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना और चीनी मिलों के लिए करोड़ों के बजट का कदम गांव की माटी पर होने वाले चुनावी दंगल में विपक्ष के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
बुनियादी ढांचा बनेगा मील का पत्थर!
योगी सरकार ने बुनियादी ढांचे के लिए 78565.41 करोड़ रुपये बजट में आवंटित किए हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास 29 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। डिफेंस कॉरिडोर से भी बुंदेलखंड जुड़ा है। यह ऐसा क्षेत्र है, जहां से पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोटों की मूसलाधार बारिश भाजपा पर हुई है। यह दो बड़ी परियोजनाएं इस अंचल में विपक्ष की राह और पथरीली कर सकती हैं। वहीं, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए भी बजट दिया है, जो चुनाव से पहले जमीन पर आकार लेने लगेंगे। यह पूर्वांचल के बड़े इलाके को विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का अहसास कराएंगे। वहीं, मेरठ से प्रयागराज तक जो गंगा एक्सप्रेस-वे की घोषणा की गई है, वह सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे के रूप में मील का पत्थर बन सकता है।