UP Assembly By-Election Result 2019 : न जातीय समीकरण सधा और न ही चला मंत्री कोई जादू
विधानसभा उप चुनाव जीतने के लिए मंत्रियों के साथ हर क्षेत्र में चार-पांच विधायकों को भी जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन 11 में तीन क्षेत्रों में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी।
लखनऊ, जेएनएन। विधानसभा उप चुनाव जीतने के लिए मंत्रियों के साथ हर क्षेत्र में चार-पांच विधायकों को भी जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन 11 में तीन क्षेत्रों में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। न तो विधायक यहां जातीय समीकरण साध पाए और न ही मंत्री कोई जादू चला सके। रामपुर, जलालपुर और जैदपुर में समाजवादी पार्टी ने जीत की नई इबारत लिख दी।
उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा क्षेत्रों में सात सीटें भाजपा और एक सहयोगी अपना दल एस के खाते में गई है। आजम खां के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई रामपुर सीट जीतने की जिम्मेदारी भाजपा ने उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को दी थी। इस बार यह सीट आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फातमा ने जीत ली। शर्मा के अलावा विधायक देवेंद्र लोधी, डॉ. डीसी वर्मा, बहोरन लाल मौर्य और सरोजिनी अग्रवाल को जातीय समीकरण साधने की चुनौती थी। भाजपा भले इस बार भी यह सीट नहीं जीत सकी लेकिन तसल्ली देने के लिए तर्क यही है कि आजम खां 2017 में इस सीट पर 46842 मतों के अंतर से जीते थे, लेकिन उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातमा किसी तरह 7716 मतों से जीत सकीं।
बाराबंकी की जैदपुर सुरक्षित सीट के लिए वन मंत्री दारा सिंह चौहान को जिम्मेदारी दी गई थी। यह सीट 2017 में भाजपा के उपेंद्र रावत ने जीती थी। पिछड़ों को साधने में दारा सिंह कोई करिश्मा नहीं कर सके। उनके अलावा विधायक महेंद्र यादव, योगेश वर्मा, आशीष सिंह, पूर्व एमएलसी रामचंद्र प्रधान का प्रयास भी काम न आया। भाजपा ने 4165 मतों के अंतर से यह सीट गंवा दी। अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट के लिए कानून मंत्री बृजेश पाठक और विधायक संगीता यादव, राम चंद्र यादव, राजेश गौतम और रवि सोनकर को जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन यह सीट फिर भाजपा के खाते में नहीं आ सकी।
जलालपुर में इस बार भाजपा तीसरे नंबर पर चली गई और सपा के सुभाष राय ने सभी जातीय समीकरण ध्वस्त कर इसे अपने नाम कर लिया। सहारनपुर की गंगोह सीट भले भाजपा ने जीत ली मगर इस दफा जीत का अंतर बहुत कम हो गया। जिस तरह कांग्रेस उम्मीदवार नोमान मसूद ने आखिरी दौर तक बढ़त बनाई, उससे पल-पल चुनौती बनी रही। इस सीट की जिम्मेदारी पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह को दी गई थी। मऊ जिले की घोसी सीट भी किसी तरह भाजपा के खाते में दर्ज हो सकी। यहां पर पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर कमान संभाले थे। जातीय समीकरण साधने के लिए राज्यमंत्री आनन्द शुक्ला, विधायक श्रीराम सोनकर, संजय यादव, ज्ञानेंद्र सिंह, धनंजय कन्नौजिया और डॉ. अवधेश सिंह को लगाया गया था।