UP Assembly By Election 2020: विधानसभा उप चुनाव में सभी आठ सीटों पर लड़ने की जोरदार तैयारी में BSP
UP Assembly By Election 2020 आठ सीट पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव की तारीख तय नहीं है लेकिन पार्टियां तैयारी में लग गई हैं। कांग्रेस के साथ बसपा ने भी इरादे जता दिए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी को लेकर काफी जतन में लगी बहुजन समाज पार्टी अब विधानसभा उप चुनाव में भी जोरदार तैयारी के साथ उतरेगी। बसपा प्रदेश में इससे पहले उप चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। उत्तर प्रदेश में आठ सीट पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव की तारीख तय नहीं है, लेकिन पार्टियां तैयारी में लग गई हैं। कांग्रेस के साथ बसपा ने भी इरादे जता दिए हैं।
बहुजन समाज पार्टी आठ विधानसभा सीटों पर प्रस्तावित उपचुनाव में किस्मत आजमाएगी। बसपा ने सभी आठ सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। बसपा पहले उपचुनाव नहीं लड़ती रही है, लेकिन बीते वर्ष से ही पार्टी ने धारणा बदली है। अब पार्टी विधानसभा के उप चुनाव में भी किस्मत आजमाने लगी है। प्रदेश में कानपुर के घाटमपुर, जौनपुर के मल्हनी, रामपुर के स्वार, बुलंदशहर के सदर, आगरा के टूंडला, देवरिया के देवरिया सदर, उन्नाव के बांगरमऊ तथा अमरोहा के नौगावां सादात विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव होने हैं। इन आठ में से छह पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी, जबकि दो पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी। आठ सीट का नम्बर काफी बड़ा माना जाता है, इसलिए बसपा ने सभी पर अपने प्रत्याशी उतारने का मन बना लिया है। 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर भी इन आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसके परिणाम को प्रदेश में एक बड़े राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जाएगा।
बहुजन समाज पार्टी की इन आठ सीटों पर मजबूत प्रत्याशी उतारने की योजना है। इनमें से एक पर भी पहले इनका दावा मजबूत नहीं था, लेकिन अब स्थितियां बदली हैं। इसी कारण बसपा प्रमुख मायावती उत्तर प्रदेश की सभी आठ सीटों पर उपचुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। बसपा उपचुनाव लड़कर अपनी सियासी ताकत को आजमा सकती है। बसपा के साथ ही दो सीट पर काबिज रहने वाली सपा के तथा कांग्रेस भी अपने-अपने प्रत्याशी उतारेंगे। आम आदमी पार्टी भी अब उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय हो रही है। कांग्रेस ने सभी सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिए एक कमेटी भी बुधवार को गठित की है।
जिन आठ सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से दो रामपुर की स्वार और जौनपुर की मल्हनी सीट समाजवादी पार्टी के कब्जे में थीं। भाजपा इन दोनों सीट पर भले ही अपना पूरा जोर लगा दे, लेकिन रामपुर में आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम खां की स्वार और जौनपुर में पारसनाथ यादव व बाहुबली धनंजय सिंह के दखल वाली मल्हनी उसके लिए बड़ी चुनौती है। माना जा रहा है कि पारसनाथ यादव के परिवार का कोई सदस्य उनकी सीट पर अपनी दावेदारी करेगा। जमानत पर जेल से बाहर धनंजय सिंह भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
कानपुर के घाटमपुर से कुलदीप संखवार हो सकते हैं उम्मीदवार
कानपुर की घाटमपुर सीट प्रदेश की प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण के निधन के बाद खाली है। इस सीट पर कुलदीप संखवार की दावेदारी काफी तेज है। वह चार बार कानपुर देहात के बसपा के जिला अध्यक्ष व 2007 में पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रहे हैं। इस बीच में वह नई दिल्ली में कानपुर शहर व देहात के नेताओं के साथ बसपा मुखिया मायावती से मिल चुके हैं। पार्टी के मुख्य सेक्टर प्रभारियों ने प्रत्याशिता के लिए चार बार कानपुर देहात के जिलाध्यक्ष रहे कुलदीप संखवार का नाम प्रस्तावित किया है। मंगलवार को कुलदीप ने बसपा प्रमुख मायावती से दिल्ली में मुलाकात की। बसपा प्रत्याशी रहे राजाराम पाल ने 1996 व रामप्रकाश कुशवाहा ने 2007 के चुनाव में इस सीट से जीत दर्ज की थी। 2012 में सपा के इंद्रजीत कोरी और 2017 में भाजपा की कमलरानी वरुण ने जीत दर्ज की थी। 2012 व 2017 में बसपा की उम्मीदवार सरोज कुरील को हार का सामना करना पड़ा था।