Maharashtra: उद्धव ठाकरे बोले, बॉलीवुड को खत्म करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं करेंगे
Uddhav Thackeray उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह मुंबई की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड को बदनाम करने उसे खत्म करने या कहीं और स्थानांतरित करने का कोई प्रयास बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनका यह बयान बॉलीवुड के विवादों में रहने के कारण आया है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह मुंबई की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड को बदनाम करने, उसे खत्म करने या कहीं और स्थानांतरित करने का कोई प्रयास बर्दाश्त नहीं करेंगे। समझा जा रहा है कि उनका यह बयान पिछले कुछ माह से बॉलीवुड के विवादों में रहने के कारण आया है। उद्धव गुरुवार को थिएटर व मल्टीप्लेक्स मालिकों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि बॉलीवुड के चाहने वाले पूरी दुनिया में हैं। फिल्म इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर रोजगार भी देती है। पिछले कुछ दिनों से इसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, जो दर्दनाक है। फिल्म इंडस्ट्री को खत्म करने या इसे कहीं और स्थानांतरित करने का कोई प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गक 14 जून को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद से ही फिल्म इंडस्ट्री चर्चा में है। पहले इस पर भाई-भतीजावाद के आरोप लगते रहे। फिर सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगे। इस आरोप की जांच केंद्रीय एजेंसी सीबीआइ अभी भी कर रही है। फिर रिया के ड्रग्स रैकेट में शामिल होने के आरोप लगे। इस आरोप की जांच भी केंद्रीय जांच एजेंसी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कर रही है। इस मामले में अब तक कई मशहूर हस्तियों से एनसीबी पूछताछ कर चुकी है। इसी दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को जगह देने व शुरू करने की घोषणा की गई। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे का बयान इन्हीं कारणों को ध्यान में रखते हुए आया है।
उन्होंने थिएटर व मल्टीप्लेक्स मालिकों को बताया कि राज्य के संस्कृति विभाग ने एक थिएटर व मल्टीप्लेक्स की पुनः शुरुआत के लिए एक स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार किया है। सरकार का रुख इन्हें खोलने के प्रति सकारात्मक है। क्योंकि मनोरंजन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था को भी सुधारने में मददगार होता है। उन्होंने कहा कि सिनेमा हाल में एक ही कमरे में करीब दो घंटे तक लोगों को रहना पड़ता है। इसलिए हम पूरी सफाई, विसंक्रमीकरण व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ही थिएटर व मल्टीप्लेक्स खोलना चाहते हैं। यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सिर्फ 50 फीसद सीटें ही भरी जाएं।