Move to Jagran APP

उद्धव ठाकरे बोले, एनपीआर का अध्ययन करेगी त्रिदलीय समिति

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का कहना है कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के मुद्दे पर महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन विकास अघाड़ी की त्रिदलीय समिति चर्चा करेगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 10:09 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 10:09 PM (IST)
उद्धव ठाकरे बोले, एनपीआर का अध्ययन करेगी त्रिदलीय समिति
उद्धव ठाकरे बोले, एनपीआर का अध्ययन करेगी त्रिदलीय समिति

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का कहना है कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के मुद्दे पर महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन विकास अघाड़ी की त्रिदलीय समिति चर्चा करेगी। मुख्यमंत्री मंगलवार को विधान भवन में पत्रकारों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे।

loksabha election banner

अपने बयान से पलटे उद्धव ठाकरे

सीएए पर केंद्र सरकार के रुख का समर्थन कर चुके मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एनपीआर पर भी लचीला रुख दर्शा चुके हैं, लेकिन मंगलवार को पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार में शामिल तीनों दलों के वरिष्ठ नेताओं की समिति विचार करेगी। उसके बाद ही कोई फैसला किया जाएगा।

सीएए और एनपीओर को लेकर कांग्रेस और राकांपा ने बनाया है दबाव

बता दें कि उद्धव ठाकरे एनआरसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार का विरोध कर चुके हैं। सीएए और एनपीआर के मुद्दे पर कांग्रेस और राकांपा उद्धव ठाकरे पर केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध का दबाव बनाते रहते हैं। उद्धव ने कहा कि वह किसी कीमत पर किसी नागरिक का नुकसान नहीं होने देंगे। बता दें कि कुछ समय पहले उद्धव ने एनआरसी का विरोध करते हुए कहा था कि एनआरसी किसी भी धर्म के नागरिक के लिए उचित नहीं है।

उद्धव बोले, मेरे पास नहीं आया है मामला

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मुसलमानों को शिक्षा के क्षेत्र में पांच प्रतिशत कोटा दिये जाने के मुद्दे पर कहा कि अभी तक यह आधिकारिक रूप से मेरे पास नहीं आया है। हमें अभी इस पर अपना रुख तय करना है। जब हम वास्तव में इस मामले में चर्चा करेंगे तब तकविपक्ष को अपनी ऊर्जा बचा कर रखनी चाहिये।

ज्ञात हो कि 2014 से पहले मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने मुसलमानों को पांच फीसदी आरक्षण और मराठों को 16 फीसदी आरक्षण को लेकर घोषणा की थी। लेकिन चुनाव के बाद बाजी पलट गयी और भाजपा व शिवसेना गठबंधन की सरकार बन गई। नई सरकार के बनने के बाद मराठा आरक्षण वाली बात तो बरकरार रही किंतु मुस्लिम वर्ग के लिए आरक्षण को लेकर कोई कदम नही उठाया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.