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उद्धव ठाकरे सरकार ने आरएसएस से जुड़े संस्थान की स्टांप शुल्क छूट रद की

महाराष्ट्र में सात दिनों पहले राकांपा व कांग्रेस के सहयोग से बनी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के उस निर्णय को रद कर दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 07:45 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 11:58 PM (IST)
उद्धव ठाकरे सरकार ने आरएसएस से जुड़े संस्थान की स्टांप शुल्क छूट रद की
उद्धव ठाकरे सरकार ने आरएसएस से जुड़े संस्थान की स्टांप शुल्क छूट रद की

मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र में सात दिनों पहले राकांपा व कांग्रेस के सहयोग से बनी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के उस निर्णय को रद कर दिया है, जिसमें आरएसएस से जुड़े एक शोध संस्थान को स्टांप शुल्क में छूट प्रदान की गई थी। उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में शिवसेना अहम साझीदार थी।

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 संस्थान को अब स्टांप शुल्क का करना होगा भुगतान

एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया, 'स्टांप शुल्क में मिली छूट को रद करने का निर्णय शिवसेना की नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने बुधवार को लिया।' उन्होंने बताया कि नागपुर के पुनरुत्थान शोध संस्थान ने करोल तहसील में बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा भारतीय शिक्षण मंडल ने की थी।

नौ सितंबर को देवेंद्र फड़नवीस की नेतृत्ववाली राज्य की तत्कालीन सरकार ने संस्थान को जमीन सौदे के लिए स्टांप और पंजीकरण शुल्क के भुगतान से छूट प्रदान की थी। अधिकारी ने कहा, '105 हेक्टेयर जमीन की खरीद के लिए 1.5 करोड़ रुपये के स्टांप शुल्क पर दी गई छूट को अब रद कर दिया गया है। संस्थान को अब स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा।'

बैठक में 34 फैसलों पर चर्चा

सूत्रों ने बताया था कि बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम दिनों में लिए गए 34 फैसलों पर चर्चा की गई थी। राज्य के मंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कहा था कि महाविकास अघाड़ी सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं की समीक्षा करेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि ठाकरे सरकार पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी।

भाजपा नेताओं की सात चीनी मिलों की कर्ज गारंटी भी रद

उद्धव ठाकरे सरकार ने बुधवार को एक अन्य फैसले के तहत भाजपा नेताओं की सात चीनी मिलों को दी गई कर्ज गारंटी भी रद कर दी। महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे समेत अन्य नेताओं की सहकारी चीनी मीलों ने 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज ले रखा है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) सहकारी समितियों को कर्ज उपलब्ध कराता है।

राज्य सरकार कुछ नियम एवं शतरें के तहत समितियों के कर्ज पर गारंटी देती है। एक अधिकारी ने बताया, 'इन सात सहकारी चीनी मिलों ने गारंटी की शर्तें को पूरा नहीं किया। ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने गारंटी रद करने का फैसला किया है।' उन्होंने बताया कि भाजपा की सहयोगी जनसुराज्य शक्ति पार्टी के नेता विनय कोरे की सहकारी मिल को भी गारंटी दी गई थी।


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