Kashmir Situation: पाक की हकीकत बयां कर गया दो दिवसीय सम्मेलन-पड़ोसी बदले नहीं, पर नए बनाए जा सकते हैं
पाकिस्तान की हकीकत बयां कर गया दो दिवसीय सम्मेलन-अधिकतर वक्ताओं ने कहा- टूटने की कगार पर है पाक
जम्मू, जागरण संवाददाता। आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि पड़ोसी बदले नहीं जा सकते हैं। इंद्रेश ने कहा कि यह तो ठीक है, लेकिन नए पड़ोसी बनाए तो जा सकते हैं।
फोरम फॉर अवेयरनेस ऑफ नेशनल सिक्योरिटी (फैंस) जम्मू चैप्टर की तरफ से 'इमर्जिग फॉल्ट लाइंस ऑफ जियो-स्ट्रेटेजिक इंप्लायंस ऑफ पाकिस्तान' विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का रविवार को समापन हो गया। यह सम्मेलन पाकिस्तान की हकीकत को बयां कर गया। इसमें अधिकतर वक्ताओं ने कहा कि आज पाकिस्तान टूट की कगार पर है।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्वतंत्र भारत के पहले झंडे को लहराया। यह वह इतिहास है जिसे पिछली सरकार ने अनदेखा कर दिया था, क्योंकि कांग्रेस नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पसंद नहीं करती थी। पूर्व डीजी सुदर्शन कुमार ने आरोप लगाया कि मदरसों से आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है। पाकिस्तान आतंकवाद का प्रोडक्शन सेंटर बन चुका है। लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह ने कहा कि हर देश की एक भौतिक सीमा होती है, लेकिन पाकिस्तान ने खुद को इस्लाम के स्वयंभू अभिभावक के रूप में नियुक्त किया है।
इसका अर्थ है कि वह सीमाओं से परे अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहता है, जो समस्याग्रस्त है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन ललित अग्रवाल, प्रेम सदोत्रा, गौरव जम्वाल, दिनेश गुप्ता, ओ¨पद्र शर्मा, मेजर जनरल एसके शर्मा, दीप के मार्गदर्शन में किया गया था। बलूच में अत्याचारों का भी उठा मुद्दामंसूर मोहम्मद अली बलूच ने पाकिस्तान में बलूच पर हुए अत्याचारों के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है। यह खनिज संसाधनों में समृद्ध है और स्वतंत्र रूप से खुद को बनाए रख सकता है। एक दिन बलूच राष्ट्र प्रबल होगा, क्योंकि एक दिन बलूचियों का राष्ट्र के रूप में उदय होगा। पीएम मोदी ने भी लाल किला की प्राचीर से बलूचों का मुद्दा उठा कर उनका हौसला बढ़ाया हैभारत की आर्थिक मजबूती जापान को धकेल रही पीछे शेषाद्री चारी ने कहा कि किसी क्षेत्र की भू राजनीति हमेशा गतिशील होती है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी घटना यूएसएसआर का टूटना था। आज एशियाई महाद्वीप में चीन, जापान और भारत तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। चीन शीर्ष पर है और भारत का उदय जापान को आर्थिक स्थिति में बदलाव के लिए तीसरे स्थान पर धकेल रहा है।