वसीम रिजवी की फिल्म 'श्रीनगर' का ट्रेलर लॉन्च, कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म को किया गया है बेनकाब
वसीम रिजवी की फिल्म श्रीनगर का ट्रेलर लॉन्च हो गया गया। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैंन की यह फिल्म पूरी तरह कश्मीरी पंडितों पर हुई यातनाओं पर आधारित है।
लखनऊ, जेएनएन। कश्मीरी पंडितों पर आधारित फिल्म 'श्रीनगर' का मंगलवार को ट्रेलर लॉन्च कर दिया गया। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैंन वसीम रिजवी द्वारा निर्मित यह फिल्म पूरी तरह कश्मीरी पंडितों पर हुई यातनाओं पर आधारित है। वसीम के अनुसार सनोज मिश्रा के निर्देशन में बनी ये फिल्म तैयार है। इस फिल्म का पहला ट्रेलर लॉन्च होने के बाद अब जल्द ही सिनेमा घरों में दिखाई जाएगी। इससे पहले वसीम रिजवी राम जन्मभूमि और पैगम्बर मोहम्मद की पत्नी आयशा पर फिल्में बना चुके हैं।
फिल्म और कश्मीर दोनों का जिक्र करते हुए वसीम रिजवी ने कहा कि इस फिल्म में हमने कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म को बेनकाब किया है। इस फिल्म की शूटिंग श्रीनगर के उन क्षेत्रों में हुई है जो आतंकवाद प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि यह फिल्म तैयार है और इसे मार्च में रिलीज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में जहां एक राज्य, जिसकी मुस्लिम बाहुल्य आबादी है और जिसका नाम है कश्मीर। वर्ष 1990 में इस्लामिक कट्टरपंथी मानसिकता रखने वाले दहशतगर्दों ने कश्मीरी पंडितों को धर्म के आधार पर कश्मीर से जालिमाना तरीके से घर निकाला दे दिया और 3 लाख से ज्यादा कश्मीरी हिंदू अपने ही मुल्क में बेघर हो गए।
वसीम रिजवी ने बताया कि इस्लाम धर्म के मानने वालों ने इस्लाम को अब दहशतगर्दी का मजहब बना दिया है।इस्लामिक मुल्कों में गैर मुसलमानों को अपने धर्म के त्योहारों को मनाने की इजाजत नहीं है। वे त्योहारों के दिन डरे और सहमे हुए रहते हैं, जबकि हिंदुस्तान में ईद, बकरीद और तमाम मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियां होती हैं। यहां तक की अलविदा की नमाज पढ़ने तक की भी छुट्टी दी जाती है।
रिलीज हो चुका है पोस्टर
वसीम रिजवी की आने वाली फिल्म 'श्रीनगर' के पोस्टर पिछले दिनों रिलीज किया जा चुका है। चार लेयर में बने इस पोस्टर में सबसे पहले दुष्कर्म की शिकार एक महिला को दर्शाया गया है। पोस्टर की दूसरी लेयर एक साइनबोर्ड है, जिसमें लिखा है कि कश्मीरी पंडितों का प्रवेश निषेध है और इसे खतरे के निशान के रूप में दर्शाया गया है। तीसरे लेयर में एक फांसी का फंदा है, जो शायद 1990 में कश्मीर में हुए नरसंहार का प्रतीक है। पोस्टर की चौथे लेयर में जम्मू-कश्मीर स्थित अनंतनाग का मार्तंड (सूर्य) मंदिर है, जिसका प्रयोग शायद पोस्टर में जम्मू और कश्मीर की संस्कृति दर्शाने के लिए किया गया है।
यह उनकी तीसरी फिल्म
अयोध्या पर फैसला आने से पहले वसीम 'राम जन्मभूमि' नाम से फिल्म बना चुके हैं। उस फिल्म में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह द्वारा करवाए गए गोलीकांड से लेकर हलाला प्रथा, ट्रिपल तलाक, बाबर के इतिहास, हिंदू और सहिष्णुता जैसे मुद्दों को उछाला है था। वह उनकी पहली फिल्म थी, जो सिनेमाघरों में भी रिलीज हुई थी। हालांकि, फिल्म की लॉन्चिंग इतनी आसान नहीं थी। उनको इस फिल्म को लेकर तमाम तरह की धमकियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन वसीम ने अपनी फिल्म को रिलीज कराया। हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं कर पाई। इसके बाद वसीम रिजवी ने दूसरी फिल्म बनाई, जो पैगम्बर मोहम्मद साहब की पत्नी आयशा की जिंदगी पर थी। इस फिल्म में इतने विवाद थे कि वह बड़े बर्दे पर रिलीज नहीं हो सकी। इसे इंटरनेट पर ही रिलीज किया जा सका। अब उनकी तीसरी फिल्म तैयार हैं, जो कश्मीरी पंडितों पर आधारित है।