J&K: केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में आज पहली बार मनाया गया संविधान दिवस
जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज से ही लोगों को उनके मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान की भी शुरूआत की।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : केंद्र शासित राज्य बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में आज मंगलवार को पहली बार संविधान दिवस मनाया जा रहा है। संविधान अपनाने की आज 70वीं वर्षगांठ है। जम्मू-कश्मीर का संविधान अनुच्छेद 370 हटने और इसके पुनर्गठन के साथ ही खत्म हो गया था। 31 अक्टूबर के बाद भारतीय संविधान ही जम्मू-कश्मीर में लागू है। लोगों को संविधान निर्माताओं के योगदान को याद दिलाने के लिए ही 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासनिक विभाग के अतिरिक्त सचिव सुभाष सी छिब्बर के आदेश पर संविधान अपनाने के 70 साल पूरे होने पर सभी सरकारी कार्यालय, स्कूलों में सुबह ग्यारह बजे संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। इसके बाद सभी ने मौलिक कर्तव्यों को निभाने की भी शपथ ली।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज से ही लोगों को उनके मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान की भी शुरूआत की। यह अभियान अगले साल बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की जयंती पर संपन्न होगा। गौरतलब है कि 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था। 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था।
स्कूलों में इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को इस दिवस की विशेषता के बारे में जानकारी दी।
पुलिसकर्मियों ने भी ली संविधान दिवस पर शपथ
अखनूर। संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर पुलिस स्टेशन अखनूर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा ने जवानों के साथ मिलकर डा. भीम राव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर अधिकारियों व जवानों ने भारतीय संविधान की रक्षा व सत्यता से कार्य करने की शपथ भी ली। थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा ने कहा कि संविधान का सम्मान सर्वोपरि है और लोगों को इसका सम्मान दिल से करना चाहिए। कार्यक्रम के उपरांत संविधान दिवस की ख़ुशी मनाते हुए जवानों में मिठाई भी बांटी गई।