पश्चिम बंगाल हिंसा: शांति संदेश के साथ भाड़पाड़ा पहुंचे बुद्धिजीवी
West Bengal Violence उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा तथा काकीनाडा में हुई हिंसा घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के बुद्धिजीवियों का दल भाटपाड़ा इलाके का जायजा लेंंगे।
कोलकाता, जेएनएन। पश्चिम बंगाल में राजनीतिक दलों के बीच जारी हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। यहां आए दिन भाजपा और सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा की घटनाएं सामने आती रहती हैं। उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा तथा काकीनाडा में हुई हिंसा घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के बुद्धिजीवियों का दल भाटपाड़ा इलाके का जायजा लिया। वहां इलाके में लोगों से मिलने के साथ बुद्धिजीवी पीड़ितों के परिवारों से भी मिलकर व स्थानीय लोगों से बातचीत की व उनकी समस्याएं सुनी। मालूम हो कि गत 20 जून को हुई घटना के बाद से इलाके में स्थिति काफी अचल हो गई थी जो धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है।
उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले भाटपाड़ा इलाके में लोकसभा चुनाव के बाद से ही राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के बीच जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच गुरुवार को शांति संदेश के साथ फिल्मकार व अभिनेत्री अपर्णा सेन के नेतृत्व में बुद्धिजीवियों का एक प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनसे बातचीत की। इस प्रतिनिधिमंडल में फिल्मकार अपर्णा सेन के साथ ही बांग्ला सिने अभिनेता कौशिक सेन, चंदन सेन समेत भारी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे। करीब दो बजे के दरम्यान कांकीनाड़ा पहुंचे बुद्धिजीवियों ने पदयात्रा करते हुए भाटपाड़ा तक का सफर तय किया। इस दौरान कई स्थानों पर रूक स्थानीय लोगों से बातचीत की व उनकी समस्याएं सुनी।
वहीं भाटपाड़ा पहुंचे बुद्धिजीवियों ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया। साथ ही पीडि़त परिवार के लोगों का बयान भी रिकॉर्ड किया गया व उनकी तस्वीरें ली गई। इस दौरान मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुई फिल्मकार अपर्णा सेन ने कहा कि दो दलों की आपसी राजनीति वर्चस्व की लड़ाई में आम लोगों की बलि चढ़ाई जा रही है और कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देकर यहां की स्थिति बिगाड़ने में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हिंसा की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों से लेकर यहां से खौफजदा हो कही और आसरा लिए लोगों के नाते रिश्तेदारों ने भी एक ही बात कहीं कि चुनाव से पूर्व यहां हालात सामान्य थे और सभी जाति धर्म के लोग मिलजुल कर रहते थे। लेकिन चुनाव के बाद से ही यहां राज्य की सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के बीच दखल की राजनीति ने माहौल बिगाड़ रखा है। वर्तमान स्थिति यह है कि पुलिसकर्मी भी डरे सहमे हैं। वहीं सत्तारूढ़ पार्टी के शुक्रवार को यहां दौरे पर आने संबंधी एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें तो पहले ही यहां आना चाहिए था। किसी के दर्द पर मरहम लगाने में भी इतना वक्त लगता है क्या?
वहीं रंगकर्मी व बांग्ला सिने अभिनेता कौशिक सेन ने कहा कि कांकीनाड़ा व भाटपाड़ा का इलाकेवार दौरा कर हमने लोगों की समस्या जानने की कोशिश की और ज्यादातर लोगों ने यही कहा कि यहां आए दिन गुंडे पुलिसिया पोशाक में आते हैं और बम गोली के जरिए लोगों में खौफ भर रहे हैं। हालात यह है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं। खैर, हम शांति पहल के लिए आए हैं और इससे संबंधी एक रिपोर्ट राज्य की मुख्यमंत्री व राज्यपाल को भी देंगे। आखिर में बैरकपुर कमिश्नरेट पहुंच प्रतिनिधिमंडल की टीम ने पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा को ज्ञापन सौंप इलाके में शांति स्थापना की पहल की।
इधर, भाजपा नेता मुकुल रॉय ने फिल्मकार व अभिनेत्री अपर्णा सेन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें सोच समझ कर अपनी बातें रखनी चाहिए। इतना ही नहीं उन्हें तो जयपुर और संदेशखाली भी जाना चाहिए और वहां के हालातों का भी जायजा लेना चाहिए। केवल भाटपाड़ा का दौरा करने मात्र से समस्या का समाधान संभव नहीं है।
हुगली के बाथनगोरा आशपारा गांव में हिंसा
ताजा घटना कल हुगली की है। यहां जय श्रीराम के नारे को लेकर भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हो गया है। हालात तब और बेकाबू हो गए जब वहां पुलिस पहुंची। पता चला है कि इस संघर्ष के दौरान लोगों ने पुलिस पर पथराव किया जिससे कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। लोगों ने पुलिस की रिवाल्वर छीनने का प्रयास किया। इस छीना-झपटी में गोली छिटक कर एक व्यक्ति को लग गई। वह भाजपा कार्यकर्ता बताया गया है। इस घटना में कई लोग जख्मी हुए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार हुगली के बाथनगोरा आशपारा गांव में भाजपा के एक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि जय श्रीराम का नारा लगाने पर टीएमसी कार्यकर्ता नाराज हो गए और उनके साथ मारपीट की। घालय बाउल को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इसके बाद इलाके में तनाव का माहौल पैदा हो गया। घटना में दो लोग घायल हो गए हैं।
पुलिस हालात को काबू करने के लिए पहुंची लेकिन उसपर भीड़ ने हमला कर दिया। इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों की सर्विस रिवॉल्वर छीनने की कोशिश की। इसी बीच एक शख्स के सीने पर गोली लग गई। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। हालांकि यह साफ नहीं हुआ है कि गोली किसने चलाई थी। पुलिस का कहना है कि बेकाबू भीड़ द्वारा रिवॉल्वर छीनने की कोशिश के दौरान गोली चली है।