Kashmir Situation: विदेशी राजनयिकों का दूसरा जत्था जम्मू पहुंचा, केजेएस ढिल्लन से करेंगे मुलाकात
25 विदेशी दूतों का दूसरा जत्था जो जम्मू-कश्मीर में हैं चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन से आज मिलेंंगे उन्हें राज्य में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी जाएगी।
जम्मू, एएनआइ। 25 विदेशी राजनायिकों का दूसरा जत्था आज जम्मू पहुंच गया है। आज वह यहां जम्मू-कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, जिला प्रशासन के अधिकारियों और जम्मू संभाग के नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। 25 विदेशी दूतों का दूसरा जत्था जो जम्मू-कश्मीर में हैं, चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन से आज मिलेंंगे उन्हें राज्य में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी जाएगी।
जानकारी हो कि जम्मू-कश्मीर को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत प्राप्त विशेष दर्जा वापस लेने के 6 महीने बाद केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति का मौके पर जाकर आकलन करने के उद्देश्य से विदेशी राजनयिकों का दूसरा जत्था बुधवार को यहां पहुंचा था। विदेशी राजनयिकों का दूसरा जत्था जम्मू कश्मीर पहुंचा आज वहां के मुख्य न्यायधीश और उपराज्यपाल से मुलाकात करेंगे।
जानकारी के अनुसार 20 से अधिक देशों के राजनयिकों का यह जत्था कल बुधवार सुबह करीब 11 बजे श्रीनगर हवाई अड्डे पर पहुंचेे थे लेकिन खराब मौसम के कारण वे तय कार्यक्रम के अनुरूप उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के दौरे पर नहीं जा सके। बारामूला नहीं जा पाने के बाद, वे प्रसिद्ध डल झील में शिकारा की सैर करने गए।
जानकारी हो कि अधिकारियों ने कहा कि विदेशी राजनयिकों के दूसरे जत्थे में यूरोपीय संघ, दक्षिण अमेरिका एवं खाड़ी के देशों के राजदूत हैं । भारत में अफगानिस्तान के राजदूत ताहिर कादरी ने ट्वीट किया, यहां आने के बाद हमने कश्मीर के श्रीनगर में स्थित डल झील में शिकारा सैर का आनंद उठाया। एक नाव पर लगी दुकान से मैंने एक बेहद खूबसूरत कश्मीरी अंगूठी खरीदी। विदेशी राजनयिकों के दौरों पर प्रतिक्रिया देते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विदेशी राजनयिक अधिकारियों से इंटरनेट पर प्रतिबंध और लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत राजनेताओं के हिरासत के बारे में सवाल करेंगे। इल्तिजा ने ट्वीट किया, उम्मीद है कि पांच अगस्त से इंटरनेट पर प्रतिबंध एवं आर्थिक घाटे के बारे में आप सब (विदेशी राजनयिक) भारत सरकार से सवाल करेंगे। पिछले साल पांच अगस्त को सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जा वापस लेकर उसे दो संघ शासित क्षेत्रों में बांट दिया था। इस बंटवारे के बाद दो केंद्र शासित प्रदेश - जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख - अस्तित्व में आए।
विदेशी राजनयिकों का दूसरा जत्था नव गठित केंद्र शाषित प्रदेश जम्मू कश्मीर के दौरे पर है । अधिकारियों ने बताया कि विदेशी राजनयिकों के इस दौरे का लक्ष्य विशेष दर्जा वापस लेने के बाद क्षेत्र में मौके पर जाकर स्थिति का आकलन करना है। इस दौरान विदेशी राजनयिक अपने प्रवास के दौरान विभिन्न शिष्टमंडलों से बातचीत करेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी भी शिष्टमंडल को संबोधित करेंगे। इससे पहले जनवरी में 15 विदेशी राजनयिकों का एक दल जम्मू कश्मीर गया था और स्थिति का आकलन किया था। इस दल में अमेरिकी राजदूत केनेथ आई जस्टर भी शामिल थे।