गहलोत सरकार की लोकप्रियता का आंकलन होंगे नगर निगम चुनाव के नतीजे, कांग्रेस व भाजपा चुनाव की तैयारियों में जुटी
कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार दो चरणों में 29 व 1 नवंबर को मतदान कराया जा रहा। राजस्थान के तीन बड़े शहरों जयपुर कोटा अजमेर के छह नगर निगमों के चुनाव की तारीख घोषित होने के साथ ही चुनाव अभियान रणनीति शुरू।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के तीन बड़े शहरों के छह नगर निगमों के चुनाव की तारीख घोषित होने के साथ ही प्रदेश में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने चुनाव अभियान को लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। करीब दो साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही अशोक गहलोत सरकार के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है। इन चुनाव के नतीजों से गहलोत सरकार की लोकप्रियता का आंकलन होगा।
निगम में भाजपा के महापौर निर्वाचित होते हैं तो यह माना जाएगा कि गहलोत सरकार से लोग खुश है। वहीं अगर निगमों में कांग्रेस को सफलता नहीं मिलती है तो यह माना जाएगा कि लोगों में गहलोत सरकार के प्रति विश्वास खत्म हो गया। चुनाव जीतने को लेकर मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविद सिंह डोटासरा ने मंत्रियों और विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है। फिलहाल ब्लॉक से लेकर प्रदेश तक कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग होने से पदाधिकारी नहीं है। इस कारण मंत्रियों और क्षेत्रीय विधायकों को चुनाव अभियान का संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया व उप नेता राजेंद्र राठौड़ की टीम ने चुनाव अभियान की कमान संभाल रखी है। चुनाव के लिए पूनिया ने विधानसभा क्षेत्रवार प्रभारी नियुक्त किये हैं।
कांग्रेस और भाजपा ने तैयारी शुरू की
जयपुर,कोटा व जोधपुर के छह नगर निगमों के लिए कांग्रेस व भाजपा पार्षद चुनाव के दावेदाराें ने टिकट की जुगत शुरू कर दी है। पिछले चार दिन में जयपुर शहर कांग्रेस में करीब 3000 और भाजपा में 2500 के दावेदारों ने बायोडाटा दिया है। आवेदनों में महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल है। कोटा व जोधपुर में भी दोनों ही पार्टियों में टिकट के दावोदारों की लंबी कतार है।
नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस ने दावेदारों से आवेदन मांगे है। कांग्रेस के टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ने के दावेदार क्षेत्रीय विधायकों के यहां पर चक्कर लगा रहे हैं। आवेदनों को देखते हुए हर वार्ड से कम से कम दस दावेदार टिकट मांग रहे है। ऐसे में जयपुर नगर निगम हेरिटेज व ग्रेटर के ढाई सौ वार्ड से पार्षद कैंडिडेट के लिए किसी एक का चुनाव करना पार्टी के लिए मुश्किल होगा। ऐसी स्थिति में पार्टी के सामने असंतुष्ट कार्यकर्ता को संतुष्ट करना भी मुश्किल होगा।
कांग्रेस में टिकट के दावेदारों से पूछा गया है कि वह कांग्रेस में कब से सक्रिय है। उन्होंने पार्टी की सदस्यता कब ली थी। कौन-कौन से राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल हुए है। किन-किन सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लिया है। वहीं चुनावी बिगुल बजने के साथ ही भाजपा में भी टिकट के दावेदार सक्रिय हो गए हैं। पार्षद की दावेदारी करने वालों के अब तक 2500 आवेदन भाजपा जयपुर शहर अध्यक्ष के पास जमा हो गए।
सतीश पूनिया का कहना है कि कार्यकर्ताओं में काफी जोश दिखाई दे रहा है। आवेदनों के आने के बाद उनकी छंटनी की जाएगी। उन्होंने बताया कि भाजपा बोर्ड बनाने के लिए मजबूत उम्मीदवार जो चुनाव जीत सके, ऐसे लोगों को मैदान में उतारा जाएगा। वर्तमान व पूर्व विधायकों को अपने क्षेत्रों की पूरी जिम्मेदारी दी जाएगी। टिकट के दावेदारों के बारे में उनसे राय ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार दो चरणों में 29 व 1 नवंबर को मतदान कराया जा रहा है। चुनाव परिणाम एक साथ 3 नवंबर को जारी होंगे ।