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New Year 2020 Hope : भगवान राम की नगरी अयोध्या में वह सुबह आ गई, जिसका सदियों से था इंतजार

New Year 2020 Hope यह उस साल की पहली सुबह है जिसमें भगवान राम की नगरी अयोध्या के भव्यतम स्वरूप की आधारशिला रखी जानी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 08:54 AM (IST)
New Year 2020 Hope : भगवान राम की नगरी अयोध्या में वह सुबह आ गई, जिसका सदियों से था इंतजार
New Year 2020 Hope : भगवान राम की नगरी अयोध्या में वह सुबह आ गई, जिसका सदियों से था इंतजार

अयोध्या [रघुवरशरण]। भगवान राम की नगरी अयोध्या की यह सुबह बहुप्रतीक्षित थी। 492 वर्ष से न सिर्फ अयोध्यावासी बल्कि विश्वभर के रामभक्त इस सुबह का इंतजार कर रहे थे। यह उस साल की पहली सुबह है, जिसमें रामनगरी के भव्यतम स्वरूप की आधारशिला रखी जानी है। यूं तो रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण तो गत नौ नवंबर को आए सुप्रीम फैसले से ही तय हो गया है लेकिन, नव वर्ष के पूर्वार्ध में इसकी शुरुआत होनी है। 

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में तीन माह के भीतर मंदिर निर्माण के लिए शासकीय न्यास के गठन की बात कही है। इस हिसाब से आठ फरवरी तक इसका गठन हो जाना है। इसके बाद मंदिर निर्माण शुरू होने के लिए अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। शासकीय न्यास के गठन और मंदिर निर्माण के प्रति अपनी जिम्मेदारी के प्रति सरकार गंभीर है। मंदिर निर्माण के प्रति उत्साह के साथ उसके भव्यतम आकार-प्रकार की कल्पना भी की जा रही है।

स्वयं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो बार रामलला के गगनचुंबी मंदिर निर्माण का भरोसा दिला चुके हैं। कई अन्य मंदिर समर्थक रामलला के भव्यतम मंदिर की चाहत का इजहार कर रहे हैं। कोई रामलला के 1008 फीट ऊंचे मंदिर की मांग कर रहा है, तो कोई 1011 फीट। यह कहना तो कठिन है कि रामलला का मंदिर कितना ऊंचा होगा पर यह विश्वास पक्का होता जा रहा है कि यह अति भव्य होगा। 2020 में ही रामनगरी को अति भव्यता की पर्याय भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा के शिलान्यास का इंतजार होगा। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी।

रेलवे स्टेशन पर खर्च होंगे दो सौ करोड़

स्थानीय रेलवे स्टेशन को एक साथ 50 हजार यात्रियों के बैठने के हिसाब से विस्तार दिया जा रहा है। 80 करोड़ की लागत से रेलवे स्टेशन के विकास का काम 2018 से ही शुरू है और अब इसे दो सौ करोड़ की लागत से विकसित किया जाना है।

कायाकल्प के लिए त्रिस्तरीय मास्टर प्लान

प्रशासन ने रामनगरी के त्रिस्तरीय विकास का मास्टर प्लान तैयार किया है। इसका प्रारंभिक चरण निर्णय के छह माह बाद, मध्य का चरण निर्णय आने के दो साल बाद और अंतिम चरण छह साल में पूरा करने का लक्ष्य तय है। ऐसे में यह तय है कि अगले कुछ सालों में रामनगरी दुनिया को अपनी आभा से लुभाएगी।


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