देखें कितना खूबसूरत होगा श्री करतारपुर कॉरिडाेर, भारत-पाक तनाव का नहीं होगा असर
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का करतारपुर कॉरिडोर पर कोई असर नहीं पड़ेगा। करतारपुर कॉरिडोर के लिए पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग को मंजूरी दे दी गई है। यह बेहद खूबसूरत होगा।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर ( Kartarpur corridor) पर कोई असर नहीं होगा। भारत सरकार ने 13 मार्च को पाकिस्तान के शिष्टमंडल के साथ होने वाली मीटिंग से पहले पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग (पीटीबी) के खालसाई परंपराओं के आधार पर बनाए खूबसूरत डिजाइन को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान की ओर बने करतारपुर साहिब जाने के इच्छुक तीर्थयात्रियों के लिए पीटीबी कॉम्प्लेक्स में सभी आवश्यक यात्री सुविधाएं करवाई जाएंगी।
पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग के डिजाइन को मंजूरी, भवन करेगा खालसाई परंपराओं को करेगा मुखरित
बता दें कि कि डेरा बाबा नानक से लेकर करतारपुर तक बनने वाले कॉरिडोर के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में पूरे जोर शोर से काम चल रहा है। पाकिस्तान में इसका शिलान्यास वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रखा था। भारत में उपराष्ट्रपति एम वेंकेया नायडू ने कॉरिडोर का शिलान्यास किया। डेरा बाबा नानक में बनने वाले पीटीबी के लिए पंजाब सरकार 50 एकड़ जमीन अधिग्रहीत करके लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को देगी। वह एकीकृत चेक पोस्ट बनाने और संचालित करने का काम करती है।
ऐसा होगी श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर की पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग।
फास्टट्रैक आधार पर कॉरिडोर का काम पूरा करने का लक्ष्य
श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव इस साल नवंबर में आएगा। इससे पहले फास्टट्रैक आधार पर कॉरिडोर का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। श्री गुरु नानक देव जी के अनुयायियों की आकांक्षाओं और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन और गुणवत्ता मानकों को तैयार किया गया है।
50 एकड़ में बनने वाले पीटीबी को दो चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण 15 एकड़ में इसका निर्माण व विकास किया जाएगा। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पंजाब के लोक निर्माण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हुसन लाल ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया की पुष्टि की। उन्होंने कहा है कि डेरा बाबा नानक के एसडीएम को भूमि अधिग्रहण कलेक्टर के रूप में नामांकित किया गया है।
21,650 वर्ग मीटर एरिया में पूरी तरह से वातानुकूलित इमारत का होगा निर्माण
पहले चरण में विकसित किए जाने वाले पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स की रुपरेखा के अनुसार यह बेहद भव्य हो गया। पहले चरण में लगभग 21,650 वर्ग मीटर एरिया में पूरी तरह से वातानुकूलित इमारत बनाई जाएगी। इसका स्वरूप पूरी तरह खालसाई होगा। पीटीबी कॉम्प्लेक्स के ऊपर खंडे का निशान लगाया जाएगा। यह निशान एकता और मानवीय मूल्य का प्रतीक है।
यह भव्य भवन विकलांगों के अनुकूल होगा और इसमें समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को दिखाने वाले भित्ति चित्र व चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें प्रतिदिन लगभग 5000 तीर्थयात्रियों के सुगम आवागमन की प्रक्रिया के लिए पर्याप्त आव्रजन और सीमा शुल्क निकासी सुविधाएं होंगी।
कॉम्प्लेक्स के निर्माण पर 190 करोड़ रुपये का आएगा खर्च
कॉम्प्लेक्स की अनुमानित लागत 190 करोड़ रुपये तक है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक 300 फीट राष्ट्रीय ध्वज भी लगाया जाएगा।
13 को पाकिस्तानी शिष्टमंडल के साथ होगी बैठक
13 मार्च को पाकिस्तान का शिष्टमंडल करतारपुर कॉरिडोर पर विस्तृत बातचीत के लिए आएगा। इस बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होगी कि भारत से करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में जाने के लिए क्या पहचान पत्र दिखाए जा सकेंगे, एक दिन में कितने यात्रियों को जाने की सुविधा होगी। लंबे समय तक वहां रहने के लिए क्या पॉलिसी बनेगी? यात्रियों को पैदल जाने की सुविधा होगी कि नहीं आदि पर विस्तार से चर्चा होने की संभावना है।
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करतारपुर साहिब: कब क्या हुआ
- 1522 : श्री गुरु नानक देव जी ने गुरुद्वारे की स्थापना की और एक किसान की तरह जिंदगी बिताने का निर्णय किया।
- 1539: श्री गुरु नानक देव जी ने देह का त्याग कर गुरु अंगद देव को उत्तराधिकारी बनाया।
- 1947: विभाजन के दौरान गुरदासपुर जिला भी दो हिस्सों में बंट गया और गरुद्वारा करतारपुर साहिब पाकिस्तान चला गया।
- 1971: पाकिस्तान के नारोवाल और भारत के गुरदासपुर को जोडऩे वाला रावी नदी पर बना पुल भारत-पाक युद्ध में तबाह हो गया।
- 1995: पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारे की मरम्मत करवाई।
- 2000: पाकिस्तान ने करतारपुर के वीजा फ्री यात्रा की घोषणा की।
- 2001: पाकिस्तान ने विभाजन के बाद पहली बार भारतीय जत्थे को करतारपुर साहिब जाने की अनुमति दी।
- 2002: अप्रैल में जत्थेदार कुलदीप सिंह वडाला और करतारपुर रावी दर्शन अभिलाषी संस्था ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिख कर पाकिस्तान के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की मांग की।
- 2004: पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारे का पूरी तरह कायाकल्प किया।
- 2008: तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने डेरा बाबा नानक का दौरा किया और फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने की बात कही।
- 2008: एसजीपीसी ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा को पत्र लिख कॉरिडोर के निर्माण की मांग की।
- 2018: 17 अगस्त को सिद्धू पाकिस्तान के नए पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए और पाक सेना प्रमुख को जफ्फी डाली। विवाद पर सिद्धू ने बताया कि पाक सेना प्रमुख ने उन्हें करतारपुर मार्ग खोलने का भरोसा दिया है।
- 2018: 22 अगस्त को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिख यह मामला पाकिस्तान से उठाने को कहा।
- 2018: 7 सितंबर को पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कॉरिडोर खोलने का एेलान किया। बाद में पाकिस्तान ने इसको नकार दिया।
- 2018: 9 नवंबर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर यह मामला पाकिस्तान से उठाने की मांग की।
- 22 दिसंबर 2018: केंद्रीय कैबिनेट ने गुरु नानक देवजी के 550वें प्रकाशोत्सव वर्ष पर डेरा बाबा नानक से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर कॉरिडोर बनाने का फैसला लिया।