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तेजस्वी का होता रहा इंतजार, श्रीमद्भागवत गीता लेकर पिता लालू से मिले तेजप्रताप

लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव आज पिता लालू यादव से मिलने रांची के रिम्स जाने वाले थे। तेजस्वी तो नहीं पहुंचे लेकिन तेजप्रताप ने लालू से मुलाकात की।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 08:06 PM (IST)
तेजस्वी का होता रहा इंतजार, श्रीमद्भागवत गीता लेकर पिता लालू से मिले तेजप्रताप
तेजस्वी का होता रहा इंतजार, श्रीमद्भागवत गीता लेकर पिता लालू से मिले तेजप्रताप

पटना/ रांची [जेएनएन]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे, तेजप्रताप और तेजस्वी यादव रांची के रिम्स अस्पताल में पिता लालू यादव से मुलाकात करने जाने वाले थे। लेकिन, एेन मौके पर तेजस्वी ने अपना कार्यक्रम रद कर दिया और रांची के रिम्स पहुंचकर तेजप्रताप यादव ने पिता लालू से मुलाकात की और उन्हें श्रीमद्भागवत गीता भेंट की।

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आज दोपहर बाद रांची के रिम्स पहुंचे को अस्पताल के बाहर दस मिनट तक इन्तजार करना पड़ा और उसके बाद सिक्यूरिटी जांच के बाद वो पिता से मिलने पहुंचे। उनके साथ एक दोस्त ने भी लालू से मुलाकात की। वहीं, तेजस्वी के आने की खबर भी थी लेकिन उन्होंने अपना कार्यक्रम रद कर दिया। हालांकि आधिकारिक रूप से इसकी कोई पुष्टि नहीं है। 

तेजप्रताप ने मीडिया से नहीं की कोई बात

रिम्स के पेइंग वार्ड में तैनात पुलिसकर्मियों ने मीडिया कर्मियों से बदसलूकी की और जबर्दस्ती पेइंग वार्ड के भीतर से धक्का-मुक्की कर कैमरा सहित मीडिया कर्मियों को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। इसी क्रम में तेज प्रताप बिना मीडिया से बातचीत किए गाड़ी में बैठकर निकल गए।

लंबे वक्त के बाद तेजप्रताप यादव ने पिता लालू यादव से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक लालू से इस मुलाकात में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार पर चर्चा हुई होगी इसके साथ ही तेजप्रताप के बागी तेवरों पर भी लालू ने बात की होगी।  

मुलाकातियों की लिस्ट में नहीं है तेजस्वी का नाम

इधर, जेल मैनुअल के हिसाब से लालू से मुलाकातियों की जो लिस्ट बनी थी उसमें तीन नाम दर्ज थे। लिस्ट में लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप, बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी व एक अन्य का नाम शामल था लेकिन मुलाकातियों में तेजप्रताप और उनके दोस्त ने मुलाकात की।

उसके बाद बिस्कोमान के चेयरमैन ने भी लालू से मुलाकात की है। लिस्ट में तेजेस्वी का नाम शामिल नहीं किया गया था। जानकारी के मुताबिक अगर इस बीच तेजस्वी के आने की पुष्टि होती तो किसी एक नाम को हटाकर उन्हें मिलने की अनुमति दी जा सकती थी। लेकिन, तेजस्वी रिम्स नहीं पहुंचे। 

तेजप्रताप यादव पिता लालू से मुलाकात करने के लिए शुक्रवार को ही पटना से रांची आ गए थे। वहीं, तेजस्वी यादव कहां हैं? ये तो किसी को पता नहीं है, लेकिन आज मिली खबर के मुताबिक वो भी पिता लालू से मिलने रांची पहुंचने वाले थे।

उधर, कल रांची रवाना होने से पहले तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैं अपने पिता का आशीर्वाद लेने जा रहा हूं। तो वहीं तेजस्वी से किसी की अभी तक बात नहीं हो पायी है। वहीं उनके लापता होने के पोस्टर मुजफ्फरपुर के चौक चौराहों पर लगाए गए हैं। 

गायब हो गए हैं तेजस्वी

बता दें कि तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव के परिणाम में राजद को मिली करारी हार के बाद से ही कहीं चले गए थे जिसकी जानकारी किसी को नहीं है। राजद नेता भी इसे लेकर संशय जता रहे हैं। रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि वो इंग्लैंड गए हैं तो वहीं मनोज झा ने कहा था कि वो दिल्ली में ही मौजूद हैं।

मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से बच्चों की हो रही मौत के बाद जहां सत्ता पक्ष सवाल पूछ रहा था कि नेता प्रतिपक्ष कहां हैं? तो वहीं आमलोग के भी जेहन में सवाल उठ रहा था कि इतनी संख्या में बच्चों की मौत होने की खबर के बावजूद नेता प्रतिपक्ष गायब हैं। उन्हें अभी आम जनता के साथ होना चाहिए। लोगों की आवाज को सत्तापक्ष तक पहुंचाना चाहिए। 

तेजप्रताप ने बच्चों की मौत पर बिहार सरकार को घेरा

इंसेफेलाइटिस (एईएस) से बच्‍चों की मौत को तेज प्रताप यादव ने बिहार की नीतीश सरकार की विफलता बताया। कहा कि बच्चों की मौत को रोकने में यह सरकार पूरी तरह से फेल है।

बता दें कि बिहार में एईएस से 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर में ही 122 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं। इस बीमारी ने राज्य के 16 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है और बच्चों की मौत को रोक पाने में असफल रहने वाली बिहार की नीतीश सरकार की हरतरफ आलोचना हो रही है।

रांची रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर तेज प्रताप यादव ने एईएस को लेकर बिहार सरकार पर नाकामी का आरोप लगाते हुए कहा कि बच्चों की मौत मामले में नीतीश सरकार पूरी तरह से नाकाम है। सरकार को इन सब चीजों को देखना चाहिए।

बीमारी को लेकर लालू चिंतित, जमानत मामले पर पांच को होगी सुनवाई

चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर अब पांच जुलाई को सुनवाई होगी। शुक्रवार को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में उनकी जमानत पर सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआइ की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। अदालत ने सीबीआइ के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले में सुनवाई के लिए पांच जुलाई की तिथि निर्धारित की है।

दरअसल लालू प्रसाद की ओर से देवघर कोषागार से गलत तरीके से राशि की निकासी मामले में हाई कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई गई है।

सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने अदालत को बताया कि लालू प्रसाद का इलाज रिम्स में रहा है। तबीयत खराब होने की वजह से लालू की चिंता बढ़ती जा रही है। इलाज के बाद भी उनके स्वास्थ्य में बहुत ज्यादा सुधार नहीं है। इसके अलावा उन्होंने देवघर कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि जेल में काट ली है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सजा की आधी अवधि काटने के बाद उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। इसके बाद सीबीआइ की ओर से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

बता दें कि सीबीआइ की विशेष अदालत ने चारा घोटाला से संबंधित देवघर कोषागार से अवैध राशि की निकासी मामले में लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा दुमका व चाईबासा कोषागार के मामले में भी लालू को सजा मिल चुकी है। फिलहाल रिम्स में उनका इलाज चल रहा है। लालू प्रसाद यादव 23 दिसंबर 2017 से जेल में बंद है।

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