महागठबंधन में महाभारत: झारखंड में सीट शेयरिंग से तेजस्वी नाराज, पर RJD नहीं पकड़ेगा अलग राह!
झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने को ले महागठबंधन में सीट शेयरिंग हो गई है। हालांकि आरजेडी इससे संतुष्ट नहीं है। झारखंड की इस खटास का असर बिहार में भी पड़ सकता है।
पटना [जेएनएन]। झारखंड में विपक्षी महागठबंधन के सीट बंटवारे में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को धक्का लगा है। महागठबंधन के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को 43, कांग्रेस को 31 तो आजेडी को केवल सात सीटें दिए जाने की घोषणा की गई। आरजेडी की पसंद की विश्रामपुर सीट कांग्रेस को दिए जाने से मामला और उलझ गया है।
कयास लगाए जा रहे थे कि इससे नाराज तेजस्वी जीतनराम मांझी की तरह महागठबंधन से हटने का फैसला कर सकते हैं। लेकिन देर शाम आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से बातचीत के बाद उन्होंने विचार बदल दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी का फैसला झारखंड के हित में होगा।
नाराज तेजस्वी ने संवाददाता सम्मेलन से किया किनारा
रांची में शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में महागठबंधन के घटक दल जेएमएम व कांग्रेस के नेता शामिल हुए। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव रांची में रहते हुए भी संवाददाता सम्मेलन में नहीं पहुंचे। इसका कारण सीटों को ले उनकी दावेदारी को नहीं माना जाना है। आरजेडी को जेएमएम की 43 तथा कांग्रेस की 31 सीटों की तुलना में बेहद कम (7) सीटें दी गईं हैं। आरजेडी को देवघर, गोड्डा, कोडरमा, बरकट्टा, छतरपुर, हुसैनाबाद व चतरा की सीटें दी गईं हैं।
आरजेडी के लिए नाक की लड़ाई बनी विश्रामपुर सीट
संवाददाता सम्मेलन के पहले तक महागठबंधन के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव को मनाने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन वे नहीं माने। आरजेडी चाहता था कि उसे विश्रामपुर सीट मिले। इस सीट को लेकर बड़ा गतिरोध बना, लेकिन यह कांग्रेस को दे दी गई। विश्रामपुर की सीट महागठबंधन में आरजेडी के लिए नाक की लड़ाई बन गई है।
आरजेडी के लिए फ्रेंडली फाइट का रास्ता भी बंद
संवाददाता सम्मेलन में यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि महागठबंधन में रहते हुए कोई भी दल सीट शेयरिंग से इतर अपना प्रत्यशी नहीं उतारेगा। इस कारण असहमति की स्थिति में आरजेडी के लिए फ्रेंडली फाइट का रास्ता भी बंद हो गया है।
लालू से मुलाकात के बाद ये बोले तेजस्वी
इस समय रांची में मौजूद तेजस्वी यादव पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद लालू प्रसाद यादव से मिलने रिम्स (अस्पताल) गए। वहां से लौटकर उन्होंने कहा कि आरजेडी महागठबंधन में है। इस बीच महागठबंधन के नेता उन्हें मनाने की कोशिश में लगे हैं। माना जा रहा है कि फिलहाल खतरा टल गया है।
बिहार में भी कुछ इसी राह पर महागठबंधन
विदित हो कि बिहार में भी महागठबंधन में दरार दिख रही है। 'हम' सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने बिहार में भी महागठबंधन से किनारा कर अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। बिहार में कांग्रेस व आरजेडी के नेताओं के एक-दूसरे के खिलाफ बयान लगातार सुर्खियां बनते रहे हैं। ऐसे में झारखंड की सियासी खटास का बिहार में कितना असर पड़ेगा, यह देखना शेष है। फिलहाल आरजेडी व कांग्रेस के नेता इस बाबत कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।