Lok Sabha Election Results: तेज प्रताप ने पहले RJD की नाक में किया दम, अब फुस्स हुआ जीत का दावा
Lok Sabha Election Result मतगणना के पहले लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा था कि महागठबंधन को 20 से 23 सीटें मिलेंगी। उन्होंने और क्या-क्या कहा जानिए।
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap yadav) ने लाेकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दौरान अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव प्रचार किया। लेकिन अब वे पार्टी के साथ खड़े दिख रहे हैं। उन्होंने माना कि उनके पिता की गैरहाजिरी का असर महागठबंधन (Grand Alliance) के लोकसभा चुनाव अभियान पर पड़ा है। इसके बावजूद आरजेडी ने चुनाव बेहतर ढंग से लड़ा।
चुनाव के बाद ध्यान के लिए मथुरा रवाना होने से पहले तेज प्रताप ने पटना में मीडिया से बातचीत में दावा किया कि महागठबंधन बिहार में 20 से 23 सीटें जीत जाएगा। हालांकि, मतगणना से स्पष्ट है कि जनता ने उनके दावे की हवा निकाल दी है। उन्होंने आध्यात्मिक होने के बावजूद अपनी सियासी महत्वाकांक्षा से इनकार नहीं किया। साथ ही कहा कि उनका भाई तेजस्वी यादव से किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।
लालू की अनुपस्थिति बनी चुनौती
तेज प्रताप यादव ने कहा कि चुनाव में लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बनी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद मतगणना के बाद लालटेन (आरजेडी का चुनाव चिह्न) जलना तय है। एग्जिट पोल को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम चौंकाने वाले होंगे। लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद अब वे प्रतिक्रिया देने के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
किया था 23 सीटों का दावा, मिली एक
मतगणना के पहले तेज प्रताप ने कहा था कि मतदाताओं का मिजाज स्पष्ट नहीं, इसलिए कितनी सीटें मिलेंगी, यह स्पष्ट नहीं है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो महागठबंधन बिहार में 20 से 23 सीटें जीत जाएगा। लेकिन महागठबंधन को केवल एक सीट मिली है।
तेजस्वी से किसी विवाद से किया इनकार
तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से किसी विवाद से इनकार किया। कहा कि वे अपने 'अर्जुन' भाई के लिए 'कृष्ण की भूमिका में हैं। वे अपने भाई के लिए कवच का काम करते रहे हैं। तेज प्रताप यादव ने कहा कि लालू प्रसाद यादव हमेशा गरीबों और दबे-कुचलों की आवाज रहे और उन्होंने यह दायित्व दोनों भाइयों (तेज प्रताप व तेजस्वी) को सौंपी है। वे यह काम कर रहे हैं।
खुद को बताया राजनीतिक व आध्यात्मिक व्यक्ति
तेज प्रताप यादव ने खुद को राजनीतिक और आध्यात्मिक व्यक्ति बताया। कहा कि वे कृष्ण और शिव के भक्त हैं। वे मथुरा और वृंदावन गए,ताकि ऊर्ज़ा हासिल कर सकें। इसका यह अर्थ नहीं कि उनका राजनीति से जुड़ाव कम हो गया है।
पार्टी में दिखी तेज प्रताप के खिलाफ नाराजगी
विदित हो कि लोकसभा चुनाव कर पूरी प्रक्रिया के दौरान तेज प्रताप यादव आरजेडी में अलग-थलग पड़े दिखे। जहानाबाद व शिवहर में उन्होंने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ अपने प्रत्याशियों को उतारा। सारण सीट पर अपने ससुर चंद्रिका राय की आरजेडी से उम्मीदवारी का विरोध किया। तेज प्रातप के इन कदमों व उनके बयानों के कारण नाराज पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक कार्यक्रम में उनके खिलाफ 'मुर्दाबाद' के नारे भी लगाए। उन्हें पार्टी से निकालने की भी मांग की गई।
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