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मथुरा-वृंदावन की तर्ज पर अब अयोध्या, विंध्यवासिनी धाम व नैमिषारण्य के लिए भी तीर्थ विकास परिषद

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मथुरा-वृंदावन के बाद अब अयोध्या विंध्यवासिनी धाम और नैमिषारण्य के लिए भी तीर्थ विकास परिषद का गठन करने जा रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 06:29 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 08:12 AM (IST)
मथुरा-वृंदावन की तर्ज पर अब अयोध्या, विंध्यवासिनी धाम व नैमिषारण्य के लिए भी तीर्थ विकास परिषद
मथुरा-वृंदावन की तर्ज पर अब अयोध्या, विंध्यवासिनी धाम व नैमिषारण्य के लिए भी तीर्थ विकास परिषद

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मथुरा-वृंदावन के बाद अब अयोध्या, विंध्यवासिनी धाम और नैमिषारण्य के लिए भी तीर्थ विकास परिषद का गठन करने जा रही है। इसके लिए अध्यादेश लाने की तैयारी है।

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योगी सरकार मथुरा-वृंदावन के विकास के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन कर चुकी है।

मीरजापुर के विंध्यवासिनी धाम, सीतापुर के नैमिषारण्य और अयोध्या के लिए भी मथुरा-वृंदावन की तर्ज पर तीर्थ विकास परिषद गठित किया जाएगा। इन तीनों तीर्थस्थलों के विकास के लिए तीर्थ विकास परिषदों के गठन की खातिर विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान ही विधेयक लाने का इरादा था। विधानमंडल सत्र में विधेयक न ला पाने के कारण सरकार अब इन तीर्थस्थलों में तीर्थ विकास परिषद के गठन के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी में जुटी है।

तीर्थ विकास परिषद के गठन के बाद इन क्षेत्रों के विकास के लिए गठित विकास प्राधिकरण या स्थानीय प्राधिकारी का विलय तीर्थ विकास परिषद में हो जाएगा। तीर्थ विकास परिषद ही तीनों क्षेत्रों के विकास के लिए महायोजना तैयार करेगा। यह महायोजना एक तरह से संबंधित क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए दीर्घकालीन विस्तृत परियोजना रिपोर्ट होगी, जिसमें पर्यटन और तीर्थ विकास पर खास फोकस होगा। क्षेत्र के विकास की योजनाएं संचालित करने के लिए शासन संबंधित क्षेत्र विकास परिषद को धनराशि मुहैया कराएगा।

विंध्यवासिनी मंदिर के चारों ओर बनेगा कॉरीडोर

वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर मीरजापुर के विंध्यवासिनी देवी मंदिर के चारों ओर भी कॉरीडोर बनाने की योजना है। विंध्यवासिनी देवी मंदिर की सीढ़ी संकरी है, जिस पर चढ़ने में बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुरानी सीढ़ी के बगल में एस्केलेटर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मथुरा-वृंदावन की तर्ज पर विंध्यवासिनी देवी मंदिर में चढ़ाये जाने वाले फूलों की रिसाइकिलिंग कर उससे इत्र और अगरबत्ती बनायी जाएगी।


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