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चिन्मयानंद की जमानत पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, पीड़िता ने फैसले को दी है चुनौती

Chinmayanand Case पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़ित छात्रा की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 01:06 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 01:07 PM (IST)
चिन्मयानंद की जमानत पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, पीड़िता ने फैसले को दी है चुनौती

नई दिल्ली, जेएनएन। Chinmayanand Case : पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़ित छात्रा की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है। पीड़िता ने चिन्मयानंद को जमानत देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी, 2020 को पीड़िता की याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग स्वीकार करते हुए मामले पर सोमवार को सुनवाई की सहमति दे दी थी। 

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चिन्मयानंद पर  उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर स्थित उनके ट्रस्ट के कॉलेज में पढ़ने वाली कानून की छात्रा से दुष्कर्म और यौन शोषण का आरोप है। चिन्मयानंद को इस आरोप में गत वर्ष 20 सितंबर, 2019 में गिरफ्तार किया गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीन फरवरी को चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी। हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए टिप्पणी की थी कि दोनों पक्षों ने अपनी सीमाएं लांघी। इस समय यह कह पाना मुश्किल है कि किसने किसका शोषण किया। दोनों ने एक दूसरे का इस्तेमाल किया।

यह मामला पिछले वर्ष उस समय उछला था जब कानून की छात्रा पीड़ित लड़की ने वीडियो क्लिप जारी कर चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया और उसके बाद छात्रा लापता हो गई थी। तभी कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर छात्रा को ढूंढकर पेश करने की मांग की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया था। इसके बाद छात्रा और उसके दोस्तों के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज हुआ जिसमें उन लोगों पर चिन्मयानंद से पैसे की उगाही करने का आरोप लगाया गया था।

दिल्ली में है पीड़िता और उसका परिवार

तीन फरवरी को चिन्मयानंद की जमानत मंजूरी हुई थी। पांच फरवरी को वह जेल से रिहा हुए थे। इसके बाद छात्रा व उसका परिवार 12 फरवरी को ही दिल्ली चला गया। इस बीच दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग के मुकदमों की फाइलें लखनऊ की एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गईं। 19 फरवरी को कोर्ट में आरोपितों की पेशी होनी थी, लेकिन वहां छात्रा नहीं पहुंची। उसकी ओर से कोई प्रार्थना-पत्र भी नहीं पहुंचा, जिस पर उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो गया। छात्रा के परिवार ने इस मामले में अभी कुछ भी बोलने से इनकार किया है। 


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