Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट के समर्थकों ने सीएम अशोक गहलोत को बताया तानाशाह
Rajasthan Political Crisis बागी विधायकों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को भी प्रदेश में पार्टी की बगावत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान के 19 कांग्रेस विधायकों ने खुद को कांग्रेस का सच्चा सिपाही बताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तानाशाह बताया है। इन विधायकों का कहना है कि वे गहलोत की‘तानाशाहीपूर्ण’ कार्यशैली के खिलाफ लड़ेंगे। कांग्रेस आलाकमान तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। बागी विधायकों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को भी प्रदेश में पार्टी की बगावत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इन विधायकों का कहना है कि अविनाश पांडे सही रिपोर्ट आलाकमान तक नहीं पहुंचाते, वे पक्षपात पूर्ण व्यवहार करते हैं। पायलट के सबसे विश्वस्तों में शामिल रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह ने गहलोत की कार्यशैली को लेकर पार्टी आलाकमान तक शिकायत पहुंचाई है।
मीणा व सिंह को सीएम गहलोत ने पायलट के साथ ही मंत्री पद से बर्खास्त किया था। दोनों का ही कहना है कि उन्होंने तो विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अपने-अपने क्षेत्रों की बड़ी रैली कराई थी। विधानसभा चुनाव में अपने जिलों में पार्टी को जीत भी दिलाई,ले किन गहलोत के गृह जिले में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा था। सूत्रों के अनुसार, बुधवार को दोनों नेताओं ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत की है। उन्होंने कहा कि गहलोत चाहें तो भी वे कांग्रेस छोड़ने वाले नहीं है। दिल्ली के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, मीणा और विश्वेंद्र सिंह लगातार आलाकमान के संपर्क में हैं। बागी विधायकों ने पार्टी नेतृत्व तक यह शिकायत भी पहुचाई है कि सीएम गहलोत अपने समर्थक विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में ही विकास कार्य कराते हैं। जिन विधायकों को सीएम पसंद नहीं करते उनके यहां ना तो स्कूल,कॉलेज और अस्पताल खोले गए और ना ही उन्हें मिलने का समय देते थे।
हमारी लड़ाई गहलोत के नेतृत्व से है
छह बार विधायक रहे पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि हम कांग्रेस के सच्च सिपाही हैं। हमारी लड़ाई पार्टी के खिलाफ ना होकर सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व से है। हम गहलोत के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद कहा है कि उनकी सचिन पायलट के साथ बातचीत नहीं होती थी, ऐसे में सभी लोग देख सकते हैं वह किस तरह की सरकार चला रहे हैं। विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए पायलट ने पंचायत से लेकर जिला स्तर तक मेहनत की, लेकिन उन्हें ही सरकार में अलग-थलग करने का प्रयास होता रहा, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ता आहत हुए। विधायक इंद्राज सिंह ने आरोप लगाया कि गहलोत ने किसानों की कर्जमाफी और युवाओं के लिए रोजगार जैसे मुद्दे उठाने नहीं दिया।