सैनिटाइजर की किल्लत दूर करेंगी चीनी मिलें, योगी सरकार ने उत्पादन के लिए जारी किये लाइसेंस
जब से कोरोना वायरस ने दस्तक दी है तब से बाजार में सैनिटाइजर का संकट खड़ा हो गया है। इन हालात से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अहम निर्णय लिया है।
लखनऊ, जेएनएन। जब से कोरोना वायरस ने दस्तक दी है, तब से बाजार में सैनिटाइजर का संकट खड़ा हो गया है। इसका उत्पादन करने वाली कंपनियां मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं, जिसकी वजह से यह औने-पौने दाम में बिक रहा है। इन हालात से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अहम निर्णय लिया है। प्रदेश की तमाम चीनी मिलों के लिए सैनिटाइजर उत्पादन के लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं, कुछ को कर दिए गए हैं और उत्पादन की मात्रा भी तय कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार लोगों ने सैनिटाइजर की खरीद शुरू कर दी। जब बाजार में इसका संकट शुरू हुआ तो अचानक इसके दामों में इजाफा हो गया और कई स्थानों पर नकली सैनिटाइजर की फैक्ट्रियां भी पकड़ी गईं। सही सैनिटाइजर में 60-70 फीसद अल्कोहल की मात्रा बताई गई है। चूंकि, अल्कोहल का उत्पादन चीनी मिलों में होता है, इसलिए सरकार ने पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर जनता को मुहैया कराने के लिए चीनी मिलों को भी इसके उत्पादन की अनुमति दे दी है।
बलरामपुर समूह, उत्तम समूह, बिड़ला समूह, डालमिया समूह, दौराला समूह के लिए कुल 13400 लीटर सैनिटाइजर प्रतिदिन उत्पादन की मात्रा निर्धारित की जा चुकी है। मसौधा, ऐरा, डीएससीएल समूह, बिसवां, त्रिवेणी समूह, मवाना समूह और धामपुर समूह की चीनी मिलों को भी अनुमति दे दी गई है। इनमें से ज्यादातर को लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं और बाकी के लिए प्रक्रिया चल रही है।
प्रमुख सचिव चीनी उद्योग, गन्ना विकास एवं आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि बाजार में सैनिटाइजर की मांग के अनुरूप आपूर्ति की जा सके, इसलिए पहली बार चीनी मिलों में सैनिटाइजर उत्पादन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद व बलरामपुर क्षेत्र की चीनी मिलों में इसका उत्पादन भी शुरू हो गया है। इनका सैनिटाइजर एक-दो दिन में बाजार में आ जाएगा। भूसरेड्डी ने बताया कि इसके अलावा जो कंपनियां सैनिटाइजर बना रही हैं, उनके लिए अल्कोहल की आपूर्ति भी चीनी मिलों से सुनिश्चित की जा रही है।