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शहीद दिवस की सभा के बहाने ममता बनर्जी ने किया शक्ति परीक्षण Kolkata News

Mamata Banerjee. सीएम ममता बनर्जी ने रविवार को कोलकाता में शहीद दिवस की सभा के बहाने शक्ति परीक्षण किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 05:57 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 05:57 PM (IST)
शहीद दिवस की सभा के बहाने ममता बनर्जी ने किया शक्ति परीक्षण Kolkata News
शहीद दिवस की सभा के बहाने ममता बनर्जी ने किया शक्ति परीक्षण Kolkata News

जागरण संवाददाता, कोलकाता। शहीद दिवस की सभा के बहाने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शक्ति परीक्षण किया। वर्ष 2021 में राज्य में विधानसभा चुनाव होना है। इसके पहले भाजपा ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन कर ममता की चिंता बढ़ा दी है। पिछले कई दिनों में तृणमूल के कई नेता व बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाजपा का झंडा थाम लिया है। ऐसे में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 21 जुलाई की सभा में भीड़ जुटा कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही इस सभा के माध्यम से कार्यकर्ताओं में जोश भरा। हालांकि पिछले वर्षों में जिस तरह से शहीद सभा में भीड़ और कार्यकर्ताओं में उतसाह देखा गया है, वह इस बार की सभा में नजर नहीं आई। सभा मंच से ममता बनर्जी को कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए अनुरोध करना पड़ा। कड़ी धूप के कारण बीच में ही कार्यकर्ता सभा से जाने लगे थे। ऐसे में तृणमल सुप्रीमो को कहना पड़ा कि, मेरे भाषण खत्म होने तक आप सभी सभा में बने रहें

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शहीद सभा में ममता बनर्जी ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्‍होंने ईवीएम की बजाय मतपत्र से चुनाव कराए जाने की मांग की। इस तरह से लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद लोगों के दिलों को जीतने में लगीं मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने शहीद दिवस के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया। ममता बनर्जी ने अपने पूरे भाषण में ईवीएम एवं नोटबंदी के मुद्दे पर भाजपा को निशाना बनाया। ममता बनर्जी ने कहा क‍ि 2019 का लोकसभा चुनाव इतिहास नहीं बल्कि रहस्‍य है। उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनाव में ईवीएम, सीआरपीएफ और चुनाव का इस्‍तेमाल भाजपा ने चुनाव जीता। उन्‍हें केवल 18 सीटें मिली हैं। कुछ सीटें पाकर वे हमारी पार्टी के कार्यालयों पर कब्‍जा कर रहे हैं और हमारे लोगों को पीट रहे हैं। मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करती हूं कि पंचायत और नगर निगम के चुनाव बैलट पेपर से कराए जाएं।' उक्त सभा में पहले की अपेक्षा इस बार भीड़ कम होने के बावजूद तृणमल नेताओं का अनुमान है कि 7 लाख लोगों ने हिस्‍सा लिया।

उल्लेखनीय है कि 21 जुलाई, 1993 को वाम मोर्चा के शासन के दौरान कोलकाता के मेयोरोड पर पुलिस गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस सभा का आयोजन किया जाता है। इस सभा में विभिन्न जिलों से तृणमूल कार्यकर्ता बस एवं ट्रेनों से पहुंचे थे। 


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