सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हमसफर रिसॉर्ट में की जनसभा, कहा- हम जेल जाने को तैयार
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सांसद आजम खां पर दर्ज मुकदमों को लेकर कहा कि भाजपा वालों तुम जेलें बनाओ हम जेल जाने को तैयार हैं।
रामपुर, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सांसद आजम खां पर दर्ज मुकदमों को लेकर कहा कि भाजपा वालों तुम जेलें बनाओ, हम जेल जाने को तैयार हैं।
रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के पक्ष में माहौल बनाने सड़क मार्ग से लखनऊ से शुक्रवार देर रात रामपुर पहुंचे अखिलेश यादव ने आजम के हमसफर रिसॉर्ट में जनसभा की। जनसभा में उन्होंने कहा कि जब भी हम जेल गए हैं, तब हमारी सरकार बनी है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अगर किसी नेता पर सबसे ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए तो वह नेताजी मुलायम सिंह यादव हैं, जिनके खिलाफ एक ही रात में 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज करा दिए गए थे। अब आजम खां के खिलाफ इतने मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आजम खां जैसे समाजवादी नेता पर बकरी चोरी और भैंस चोरी के इल्जाम में झूठे मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। आजम खां पर सिर्फ इसलिए मुकदमे दर्ज कराए जा रहे है, क्योंकि उन्होंने गरीबों और कमजोरों के बच्चों का भविष्य बनाने के लिए जौहर यूनिवर्सिटी बनवाई है। सरकार चाहे जितने जुल्म करा ले, हमें इंसाफ जरूर मिलेगा।
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दुष्कर्म के आरोपितों को बचा रही भाजपा
हमारी सरकार को गुंडों की सरकार कहते थे, लेकिन अब देख लीजिए, कैसे लोग सरकार में बैठे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ कैसे-कैसे मुकदमे हैं। उप मुख्यमंत्री के खिलाफ कितने मुकदमे हैं। जब ऐसे लोग सरकार चलाएंगे तो इंसाफ कैसे मिलेगा। भाजपा ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं। संसद में तमाम महिला सांसद एकजुट हो गई थीं, लेकिन उन्नाव की घटना को लेकर ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि यहां तो सरकार ही दुष्कर्म के आरोपितों को बचा रही है। दरअसल, उनमें भाजपा का विधायक भी शामिल रहा है। इसी तरह शाहजहांपुर में भाजपा नेता के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करने में भी पुलिस आनाकानी कर रही है।
आजम खां से हमारा पारिवारिक रिश्ता
अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां से हमारा कोई सियासी रिश्ता नहीं, बल्कि पारिवारिक रिश्ता है। उन्होंने हमें उसी तरह माना, जैसे उन्होंने अब्दुल्ला को माना है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम भी उन्हें परिवार का सदस्य मानें। जब हम पर परेशानी आई। नेताजी पर परेशानी आई, तब आजम खां ने हमारा साथ दिया।