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सपा सांसद आजम खां के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद, हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका

हाई कोर्ट ने सपा सांसद आजम खां के बेटे व रामपुर की स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम खां का चुनाव रद कर दिया है। कोर्ट ने यह आदेश गलत आयु दिखाकर चुनाव लड़ने के आधार पर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 12:49 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 05:23 PM (IST)
सपा सांसद आजम खां के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद, हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका
सपा सांसद आजम खां के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद, हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका

प्रयागराज, जेएनएन। समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद आजम खां के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने उनके रामपुर जिले के स्वार विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने को शून्य घोषित करते हुए उनका निर्वाचन रद कर दिया है। कोर्ट ने महानिबंधक को आदेश दिया है कि आदेश की प्रति चुनाव आयोग व विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित करें। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने नवाब काजिम अली खां की चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

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हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने के समय अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल नहीं थी, जबकि चुनाव के लिए 25 साल न्यूनतम आयु निर्धारित किया गया है, इसलिए वह चुनाव लड़ने की योग्यता धारण नहीं करते थे। कोर्ट ने कहा है कि हाईस्कूल के फार्म में अब्दुल्ला आजम की जन्म तारीख एक जनवरी 1993 दर्ज है, जबकि उनकी मां तंजीन फातिमा का कहना है कि यह तारीख सही नहीं है। उनके बेटे का जन्म क्वींस मैरी हॉस्पिटल लखनऊ में 30 सितंबर 1990 को हुआ था, जो नगर निगम लखनऊ में दर्ज है।

उन्होंने कहा कि 17 जनवरी 2015 को जन्म प्रमाणपत्र की अर्जी दी गई थी। मजिस्ट्रेट के आदेश बगैर प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा सकता। इस पर कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में छेड़छाड़ और ओवर राइटिंग की गई है। कोर्ट ने कहा है कि अस्पताल में मेल बेबी का जन्म लिखा है। इससे यह साबित नहीं होता कि वह बच्चा अब्दुल्ला आजम ही था। अब्दुल्ला आजम ने वोटर लिस्ट में दर्ज जन्म तारीख के आधार पर चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल किया। इसे जन्म तारीख के लिए ठोस आधार नहीं माना जा सकता।

अब्दुल्ला के खिलाफ बसपा के उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली ने हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की थी। याचिका में अब्दुल्ला पर जन्म से संबंधिक फर्जी दस्तावेज लगाकर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में हाई कोर्ट ने 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था।

यह था मामला

अब्दुल्ला का पहला पैन कार्ड (डीएफओपीके6164के) 30 अगस्त 2013 को बना था, जिसमें उनकी जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 दर्ज कराई गई थी। अबदुल्ला की हाईस्कूल की सीबीएसई की मार्कशीट (रोल नंबर-5260139) में भी यही जन्मतिथि दर्ज है। इस लिहाज से अबदुल्ला की 25 साल की उम्र एक जनवरी 2018 को पूरी होनी थी, जबकि आजम ने उन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में उतारने का मन बनाया था। इस चुनाव के समय वास्तव में अबदुल्ला की उम्र 24 साल थी, जो कि चुनाव लड़ने के लिए कम थी। इसीलिए 24 मार्च, 2015 को अबदुल्ला का एक और पैन कार्ड (डीडब्ल्यूएपीके7513आर) बनवाया गया और इसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 दर्ज करा दी गई। इस जन्मतिथि को तर्कसंगत बनाने के लिए 21 जनवरी, 2015 को लखनऊ नगर निगम से एक जाली जन्म प्रमाणपत्र बनवाया गया। नई जन्म तिथि के लिहाज से 2017 के विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते समय अबदुल्ला की उम्र 26 साल हो गई।

विधान सभा चुनाव के लिए अबदुल्ला ने की थी जालसाजी

विधायक बनने के लिए 25 साल उम्र चाहिए, लेकिन सपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे आजम खां के बेटे मु.अबदुल्ला आजम खां की उम्र 2017 के विधानसभा चुनाव के लिहाज के 24 साल ही बैठ रही थी। यह उम्र उसके पैन कार्ड में दर्ज थी। इसलिए अबदुल्ला का एक और पैन कार्ड बनवाया गया, जिसमें उम्र 26 साल हो गई। अब यह शिकायत भाजपा सरकार में दो बार मंत्री और चार बार विधायक रहे शिव बहादुर सक्सेना के पुत्र आकाश सक्सेना ने निर्वाचन आयोग व आयकर विभाग से करते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की थी। आकाश के अनुसार आजम खां ने अपने पुत्र को विधायक बनाने के लिए उसकी उम्र छिपाई, जालसाजी व धोखाधड़ी करते हुए उसके दो पैन कार्ड बनवाए और विधानसभा चुनाव के नामांकन में झूठा शपथ पत्र दिया। आकाश ने अपने पिता शिव बहादुर सिंह को विधानसभा चुनाव में हराने के लिए आजम और अबदुल्लाह द्वारा गलत तरीके इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था।

धोखाधड़ी में भी दर्ज हुआ था मुकदमा

अलग-अलग जन्मतिथि से दो पैन कार्ड बनाने के आरोप में सांसद आजम खां और उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम पर रामपुर की सिविल लाइंस पुलिस ने धोखाधड़ी से कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। यह मुकदमा भाजपा नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर हुआ था। भाजपा नेता ने मुकदमे में आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम के एक पैन कार्ड में जन्मतिथि एक जनवरी 1993 अंकित है। यही जन्म तिथि उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों में भी है। इस पैन कार्ड का इस्तेमाल उन्होंने स्टेट बैंक के खाते में भी किया है। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर अब्दुल्ला ने स्वार-टांडा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। पहले जारी पैन कार्ड में अंकित तिथि के मुताबिक उनकी आयु चुनाव लड़ने की नहीं थी। इस पर उन्होंने दूसरा फर्जी पैन कार्ड बनवाया। जिला निर्वाचन अधिकारी के यहां प्रस्तुत नामांकन पत्र में उन्होंने फर्जी पैन कार्ड की प्रति जमा की। इसमें उनकी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 है। अब्दुल्ला ने अपने पिता की मदद से सुनियोजित षड्यंत्र के तहत चुनाव नामांकन में आयु संबंधी अयोग्यता छुपाने के मकसद से फर्जी पैन कार्ड बनवाया था।

आजम, उनकी पत्नी और बेटे के गैर जमानती वारंट भी हुए थे जारी

दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में हाजिर न होने पर अदालत ने सांसद आजम खां, उनकी पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा और बेटे विधायक अब्दुल्ला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने सांसद, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में इसी साल जनवरी में मुकदमा कराया था। आरोप है कि सांसद और उनकी पत्नी ने बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र अनुचित लाभ लेने के लिए बनवाए थे। इनमें एक रामपुर नगर पालिका से और दूसरा लखनऊ से बनवाया था। इस मामले में पुलिस ने तीनों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट लगा दी थी। अदालत ने तीनों को हाजिर होने के आदेश दिए थे लेकिन, वे हाजिर नहीं हो रहे थे। इस पर कोर्ट ने उनके वारंट जारी कर दिए थे। इसके बाद भी अदालत में हाजिर नहीं हुए। इस मामले में सुनवाई थी लेकिन इसमें हाजिर नहीं हुए।


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