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शिवपाल सिंह यादव की बनी रहेगी विधानसभा सदस्यता, सपा के आग्रह पर याचिका वापस

विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने 23 मार्च को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर शिवपाल यादव के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई करने की याचिका वापस करने की मांग की गई थी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 10:58 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 12:28 AM (IST)
शिवपाल सिंह यादव की बनी रहेगी विधानसभा सदस्यता, सपा के आग्रह पर याचिका वापस
शिवपाल सिंह यादव की बनी रहेगी विधानसभा सदस्यता, सपा के आग्रह पर याचिका वापस

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी से बगावत कर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना लेने वाले पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा खत्म हो गया है। सपा के आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने गुरुवार को शिवपाल की सदस्यता समाप्त करने के लिए दी गई याचिका को वापस कर दिया है। 

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विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने 23 मार्च को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर शिवपाल यादव के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई करने की याचिका वापस करने की मांग की गई थी। लॉकडाउन के कारण विधानसभा सचिवालय बंद रहने से उक्त प्रार्थनापत्र पर फैसला नहीं हो सका था।

बता दें कि यादव परिवार में आंतरिक कलह के चलते सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी का गठन किया था। इस पर समाजवादी पार्टी के दल नेता रामगोविंद चौधरी ने चार सितंबर, 2019 को दल परिर्वतन के आधार पर शिवपाल यादव की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर की गयी थी। करीब दो माह पूर्व चौधरी ने प्रार्थना पत्र देकर विधानसभा अध्यक्ष से याचिका वापस करने का आग्रह किया था। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि याचिका प्रस्तुत करते समय कई महत्वपूर्ण अभिलेख व साक्ष्य संलग्न नहीं किए जा सके थे, ऐसे में याचिका वापस की जाए।

बता दें कि इटावा में लंबे समय से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की विरासत के सहेज रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी ने दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहरा कर बड़ा झटका दिया था। शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी से इटावा के जसवंतनगर से विधायक हैं। जसवंतनगर से मुलायम सिंह यादव विधायक हुआ करते थे, उनके लोकसभा सदस्य बनने के बाद से शिवपाल सिंह यादव 1996 से वहां से लगातार विधानसभा सदस्य हैं।

वर्ष 2017 में यूपी विधानसभा चुनावों के समय से ही मुलायम सिंह यादव के कुनबे में बिखराव शुरू हो गया था। इस टकराव का नजीता ये हुआ कि शिवपाल को सपा छोड़नी पड़ी और उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली। लोकसभा चुनावों 2019 में शिवपाल यादव ने भतीजे और भाई के खिलाफ ताल ठोंका था। शिवपाल की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। शिवपाल सिंह यादव खुद फीरोजाबाद से लोकसभा का चुनाव हार गए थे।


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