Move to Jagran APP

CAB: शिवसेना ने कहा, हिंदू घुसपैठियों को स्वीकारने से सांप्रदायिक संघर्ष को मिलेगा बढ़ावा

Shiv Sena. शिवसेना ने विधेयक के समय पर सवाल उठाते हुए कहा भारत में अभी दिक्कतों की कमी नहीं है लेकिन फिर भी हम सीएबी जैसी नई परेशानियों को बुलावा दे रहे हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 06:06 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:06 PM (IST)
CAB: शिवसेना ने कहा, हिंदू घुसपैठियों को स्वीकारने से सांप्रदायिक संघर्ष को मिलेगा बढ़ावा
CAB: शिवसेना ने कहा, हिंदू घुसपैठियों को स्वीकारने से सांप्रदायिक संघर्ष को मिलेगा बढ़ावा

मुंबई, प्रेट्र। Shiv Sena. लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी) पेश किए जाने के मद्देनजर शिवसेना ने सवाल उठाया है कि क्या हिंदू घुसपैठियों को 'स्वीकार' करने से देश में सांप्रदायिक संघर्ष को बढ़ावा नहीं मिलेगा। पार्टी ने केंद्र पर हिंदुओं तथा मुस्लिमों का 'पर्दे के पीछे विभाजन' करने का आरोप लगाया। उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली पार्टी ने यह भी कहा है कि विधेयक की आड़ में 'वोट बैंक की राजनीति' करना देश के हित में नहीं है। पार्टी ने घुसपैठियों को मतदान का अधिकार देने का भी विरोध किया।

loksabha election banner

मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में शिवसेना ने विधेयक के समय पर सवाल उठाते हुए कहा, 'भारत में अभी दिक्कतों की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी हम सीएबी जैसी नई परेशानियों को बुलावा दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि केंद्र ने विधेयक को लेकर हिंदुओं और मुस्लिमों का पर्दे के पीछे से विभाजन किया है।'

लोकसभा में शिवसेना के 18 सांसद हैं। पार्टी ने यह भी उल्लेख किया है कि पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों ने सीएबी का विरोध किया है। बिहार और बंगाल भी इसके खिलाफ हैं। बिहार में जदयू के साथ भाजपा भी सत्ता में है।

साथ ही, शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ पड़ोसी देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की। शिवसेना ने सवाल किया, 'यह सच है कि हिंदुओं के लिए हिंदुस्तान के अलावा कोई दूसरा देश नहीं है, लेकिन घुसपैठियों में से केवल हिंदुओं को स्वीकार करने से देश में एक गृह युद्ध नहीं छिड़ जाएगा?'

संपादकीय में कहा गया है, 'पाकिस्तान की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन पड़ोसी देशों को भी कड़ा सबक सिखाना चाहिए जो हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी और जैन समुदायों पर अत्याचार करते हैं।' शिवसेना ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने पहले ही दिखाया है कि कुछ चीजें 'मुमकिन' हैं।

पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का 'पुनर्वास न किए जाने' को लेकर भी भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा है, 'यह स्पष्ट नहीं है कि वे (पंडित) अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी जम्मू-कश्मीर जाएंगे या नहीं। क्या केंद्र जम्मू-कश्मीर में पड़ोसी देशों के अवैध शरणार्थियों को बसाएगा, क्योंकि अब वह आधिकारिक रूप से देश के शेष हिस्से से जुड़ गया है।'

महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.