जन कल्याण के लिए सभी मंदिर उठाएं कदम : शांता
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि आजादी के 75 वर्षों में सभी सरकारों ने विकास का प्रयास किया है। पिछले आठ वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र्र मोदी के नेतृत्व में भी बहुत विकास हुआ है। इसके बाद भी बढ़ती आबादी तथा कुछ और कारणों से गरीबी व पिछड़ापन है।
पालमपुर, संवाद सहयोगी। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि आजादी के 75 वर्षों में सभी सरकारों ने विकास का प्रयास किया है। पिछले आठ वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र्र मोदी के नेतृत्व में भी बहुत विकास हुआ है। इसके बाद भी बढ़ती आबादी तथा कुछ और कारणों से अभी गरीबी व पिछड़ापन है।
शनिवार को जारी प्रेस बयान में शांता ने कहा, भारत में पांच लाख मंदिर हैं और इनकी आय भारत सरकार की आमदनी से कई गुना अधिक है। भारत के सभी मंदिरों की कुल अर्थव्यवस्था तीन लाख करोड़ रुपये है। नकद धन के साथ सोने का दान भी बहुत अधिक होता है। वर्ष 2021 में तिरुपति मंदिर में तीन हजार करोड़ रुपये नकद और छह हजार करोड़ का सोना दान में आया था। दक्षिण के कुछ मंदिरों में सदियों से पड़ा सोना बंद तालों में रखा है। बकौल शांता, कुछ मंदिर अपनी आय का जनता के लिए बढिय़ा उपयोग करते हैं। एक मंदिर विश्वविद्यालय चला रहा है, कुछ और भी जन कल्याण के काम कर रहे हैं। सभी मंदिर ऐसा नहीं कर रहे हैं। यदि कुछ मंदिर जन कल्याण का काम कर सकते हैं तो बाकियों को भी ऐसा करने के लिए सरकार को प्रेरित करना चाहिए। तर्क दिया कि आवश्यकता हो तो कानून भी बनाया जाना चाहिए। भारत में कम से कम 100 ऐसे बड़े मंदिर हैं जो भारत सरकार के एम्स की तरह बड़े अस्पताल चला सकते हैं। शेष सभी मंदिर जन कल्याण के छोटे काम कर सकते हंै। सरकार इस पर विचार करे। देश के 100 बड़े मंदिरों को एम्स की तरह के 100 अस्पताल जिनमें गरीबों का इलाज मुफ्त हो, चलाने के लिए बाध्य किया जाए। शेष देश के प्रत्येक मंदिर की आय के अनुसार छोटा या बड़ा गोसदन चलाएं। इस निर्णय से देश को स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी और सड़क पर कोई बेसहारा पशु नजर नहीं आएगा। इन दो महत्वपूर्ण कामों को पूरा करने के लिए सरकार को कुछ खर्च नहीं करना पड़ेगा। जब मंदिर समाज सेवा का ऐसा काम करने लगेंगे तो दान से आय भी बढ़ जाएगी।