संजय राउत का दावा- गैंगस्टर करीम लाला से मिला करती थीं इंदिरा गांधी
Sanjay Raut. 1960 से 1980 के बीच करीम लाला मुंबई के अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा नाम था। वह कच्ची शराब की भट्ठियां और जुए के अड्डे चलवाता था।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Sanjay Raut. शिवसेना नेता संजय राउत ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक समय के अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने खुद उसके इलाके पायधुनी में जाया करती थीं। राउत ने यह बात पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में साक्षात्कार देते हुए कही।
संजय राउत इस बातचीत के दौरान मुंबई के अंडरवर्ल्ड की यादें ताजा कर रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि मुंबई का अंडरवर्ल्ड एक समय शिकागो के अंडरवर्ल्ड से भी ज्यादा खतरनाक था। दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे डॉन की मुंबई एवं उसके आसपास के क्षेत्रों पर अच्छी पकड़ हुआ करती थी। अंडरवर्ल्ड तय करता था कि मुंबई का पुलिस आयुक्त कौन होगा या मंत्रालय में कौन बैठना चाहिए। डॉन हाजी मस्तान जब मंत्रालय जाता था तो उसे देखने के लिए पूरा मंत्रालय नीचे उतर आता था। यहां तक कि खुद इंदिरा गांधी भी तब के अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने उसके इलाके पायधुनी में जाया करती थीं।
1960 से 1980 के बीच करीम लाला मुंबई के अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा नाम था। वह कच्ची शराब की भट्ठियां और जुए के अड्डे चलवाता था। तस्करी में उसकी हाजी मस्तान से होड़ रहती थी। संजय राउत इसी डॉन से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के उसके इलाके में जाकर मिलने का खुलासा कर रहे थे।
इसी बातचीत में संजय राऊत ने अंडरवर्ल्ड के लोगों से स्वयं अपना सामना होने का भी खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि दाऊद इब्राहिम सहित कई अंडरवर्ल्ड डॉन से उनका सामना हो चुका है। दाऊद से न सिर्फ वह मिले हैं, बात की है, बल्कि उसे फटकार भी लगा चुके हैं। राउत कहते हैं कि सामने प्रधानमंत्री हों, गृहमंत्री हों या कोई गुंडा हो, मैं किसी से डरता नहीं। यदि आप डरेंगे नहीं, कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। राउत कहते हैं कि एक समय लोग मुझे भी गुंडा कहते थे। ठीक है। गुंडा मतलब, अच्छा काम करनेवाला व्यक्ति।
बता दें कि संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में कार्यकारी संपादक का दायित्व निभाने से पहले मुंबई के ही एक मराठी दैनिक में क्राइम रिपोर्टर रह चुके हैं। पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना के नेतृत्व में बनी महराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के गठन में राउत की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है।