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Maharashtra: संजय राउत बोले, देवेंद्र फड़णवीस की जल्दबाजी महाराष्ट्र में भाजपा को ले डूबी

Sanjay Raut. सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि उद्धव ठाकरे शक्तिशाली मोदी-शाह के दबदबे को खत्म कर सत्ता में आए।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 05:56 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 05:56 PM (IST)
Maharashtra: संजय राउत बोले, देवेंद्र फड़णवीस की जल्दबाजी महाराष्ट्र में भाजपा को ले डूबी
Maharashtra: संजय राउत बोले, देवेंद्र फड़णवीस की जल्दबाजी महाराष्ट्र में भाजपा को ले डूबी

मुंबई, प्रेट्र। Sanjay Raut. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की सत्ता हासिल करने में जल्दबाजी और 'बचकानी टिप्पणियां' महाराष्ट्र में भाजपा को ले डूबी और उनको विपक्ष में बैठना पड़ गया। राउत ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में अपने 'रोखठोक' स्तंभ में दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ आने से महाराष्ट्र में जो हुआ वह देश को भी स्वीकार है।

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बिना किसी का नाम लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र दिल्ली की तरह 'भीड़ तंत्र' के आगे नहीं झुका। 'सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि उद्धव ठाकरे शक्तिशाली 'मोदी-शाह के दबदबे' को खत्म कर सत्ता में आए। उन्होंने भरोसा जताया कि यह सरकार (शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन) पांच साल तक चलेगी।

राउत ने कहा, 'मुझे यह देखकर मजा आ रहा है कि जो लोग अजीत पवार के फड़नवीस से गठजोड़ को शरद पवार की पहले से तय योजना बता रहे थे, वह अब महा विकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद राकांपा प्रमुख के आगे नतमस्तक हो रहे हैं।'

राउत ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले फड़नवीस ने इस तरह की 'बचकानी टिप्पणियां' की कि राज्य में कोई विपक्षी दल नहीं बचेगा। शरद पवार का काल खत्म हो रहा है और प्रकाश आंबेडकर का वंचित बहुजन अघाडी मुख्य विपक्षी दल होगा। लेकिन वह खुद विपक्षी नेता बन गए। फड़नवीस ने कहा था कि वह वापस लौटेंगे लेकिन सत्ता में आने की उनकी जल्दबाजी 80 घंटे में भाजपा को ले डूबी।

शिवसेना से हाथ मिलाने को लेकर संशय में थी कांग्रेस

राउत ने कहा कि कांग्रेस में हर किसी को शिवसेना से हाथ मिलाने को लेकर संशय था। शरद पवार ने ही सोनिया गांधी से कहा कि शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ मित्रवत संबंध थे। राउत ने कहा कि शिवसेना ने देश में आपातकाल के बाद हुए राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया था। मुंबई में हिंदी भाषी समुदाय भी शिवसेना को वोट देता है। इसलिए पार्टी शहर के नगर निकाय चुनाव जीतती आ रही है। शरद पवार ने यह भी सोनिया गांधी को बताया।

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