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खास अंदाज में दिखे संघ प्रमुख मोहन भागवत, बुद्धिजीवियों संग मंथन; तस्‍वीरें RSS Sangh Samagam

RSS Sangh Samagam पांच दिनों के प्रवास पर रांची पहुंचे आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत सूचना भवन के आईएमए सभागार में विशिष्‍ट लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 12:07 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 01:21 PM (IST)
खास अंदाज में दिखे संघ प्रमुख मोहन भागवत, बुद्धिजीवियों संग मंथन; तस्‍वीरें RSS Sangh Samagam
खास अंदाज में दिखे संघ प्रमुख मोहन भागवत, बुद्धिजीवियों संग मंथन; तस्‍वीरें RSS Sangh Samagam

रांची, जेएनएन। RSS Sangh Samagam अपने पांच दिनों के प्रवास पर रांची पहुंचे आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत सूचना भवन के आईएमए सभागार में विशिष्‍ट लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं। वे यहां संपर्क विभाग की योजना के तहत रांची के प्रमुख लोगों से मिलने पहुंचे हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत के कार्यक्रम स्‍थल आइआइएम सभागार पहुंचते ही लोगों ने उनकी जाेरदार आगवानी की। बंद कमरे में हो रही इस बैठक में देश और राज्‍य के ज्‍वलंत समस्‍याओं पर मंथन हो रहा है। 

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रांची महानगर में शाखाओं की संख्या बढ़ाने का दिया टास्क

संघ प्रमुख ने बैठक में रांची महानगर में शाखाओं की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। एक वर्ष का समय देते हुए कहा कि अगली शिवरात्रि तक सभी बस्तियों में शाखा शुरू हो जानी चाहिए। मोहन भागवत ने शाखाओं पर समाज के लोगों को आमंत्रित करने एवं समाज के कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर भाग लेने की बात कही।

समाज की संघ से है काफी अपेक्षाएं

सूत्रों के अनुसार संघ प्रमुख ने कहा कि समाज के लोगों की संघ से काफी अपेक्षाएं हैं। लोग चाहते हैं कि सभी काम संघ ही करे। अब उनकी अपेक्षाओं पर खरा होने के लिए प्रयास करने होंगे। वैसे स्वयंसेवक कर भी रहे हैं। जब भी कहीं आपदा आती है, सबसे पहले स्वयंसेवक पहुंचते हैं। समाज के लोग इसमें कैसे भाग लें, इस पर विचार करना चाहिए। 

भारतीय और हिंदू एक-दूसरे के पूरक  : मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि भारतीयता और हिंदू एक-दूसरे के पर्याय और पूरक हैं। अपने देश की संस्कृति, परंपरा और विचारों का पूरा-पूरा प्रतिनिधित्व हिंदू शब्द करता है। ऐसे में हिंदुओं की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्हें राष्ट्र के निर्माण की जिम्मेदारी लेनी होगी। देश में अच्छा या बुरा जो भी होता है, उन सबकी जिम्मेदारी हिंदुओं को लेनी होगी। उन्होंने आगे कहा कि देश को बढ़ाना है तो हिंदू को बढ़ाना होगा। आज विश्व को भारत की जरूरत है। हमें फिर विश्व गुरु बनना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को अपना स्वार्थ छोड़कर आगे आना होगा। संघ प्रमुख गुरुवार को रांची में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों और स्थानीय लोगों को संबोधित कर रहे थे।

भारत आगे बढ़ेगा तो दुनिया का होगा भला

संघ प्रमुख ने कहा कि विश्व के कुछ देश मानते हैैं कि राष्ट्र के बड़ा होने से विश्व को खतरा है। उन्होंने एक बार के अपने यूके प्रवास का संदर्भ देते हुए कहा कि मेरे संबोधन से पहले वहां कुछ लोगों ने मुझे सलाह दी थी कि यहां नेशलिज्म शब्द को लोग फासीवाद से जोड़कर देखते हैैं। इस शब्द के प्रयोग से परहेज करते हैैं। वह मानते हैैं कि राष्ट्र का बड़ा होना अच्छा नहीं है। हमारा मानना इससे अलग है। इतिहास गवाह रहा है कि भारत जब-जब बड़ा हुआ है तब-तब दुनिया का भला ही हुआ है। आज दुनिया को भारत की जरूरत है। राष्ट्र के नाते भारत बड़ा होगा तो विश्व का कल्याण ही होगा।

 

भारत को विश्वगुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता

सरसंघचालक ने कहा कि भारत में रहने वाले चाहे वे किसी भी पंथ, मत, भाषा और जाति के हों, सभी भारतीय संस्कृति से आपस में जुड़े हुए हैं। यह संस्कृति ही हिंदू है। विदेश में भी जब यहां के इस्लाम या ईसाईयत को मानने वाले जाते हैं तो उन्हें भी हिंदू ही कहा जाता है। मेरी बातें कुछ लोगों को खराब लगती हैं, लेकिन यहीं हकीकत है। यहां के लोगों का डीएनए 40 हजार वर्ष पुराना है। अंदर से सभी एक हैैं। संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू कहने वालों को संगठित करने के लिए समाज को खड़ा करना होगा। जब समाज खड़ा होगा तो भारत को विश्व गुरु  बनने से कोई नहीं रोक सकता।

 

सेवा भावना से संघ से जुड़ें, सभी आएं आगे

इस मौके पर संघ प्रमुख ने समाज के लोगों से भी संघ से सेवा भाव के साथ जुडऩे की अपील की। समाज के प्रभावशाली लोगों, सेवानिवृत्त लोगों, छात्रों और बुद्धिजीवियों से समाज के लिए समय देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सबके सम्मिलित प्रयास से भारत आगे बढ़ेगा। साथ ही यह नसीहत भी दी कि संघ से कोई आशा-प्रत्याशा, महत्वाकांक्षा या स्वार्थ भावना लेकर नहीं जुड़ें, बल्कि सेवा, समर्पण और त्याग की भावना के साथ जुड़ें। 


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