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आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा, राम मंदिर ट्रस्ट बनने के बाद संघ नहीं करेगा हस्तक्षेप

मुरादाबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से गुरुवार शाम जिज्ञासा और समाधान सत्र में स्वयंसेवकों के सवालों के जवाब दिया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 12:16 AM (IST)
आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा, राम मंदिर ट्रस्ट बनने के बाद संघ नहीं करेगा हस्तक्षेप
आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा, राम मंदिर ट्रस्ट बनने के बाद संघ नहीं करेगा हस्तक्षेप

मुरादाबाद, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से गुरुवार शाम जिज्ञासा और समाधान सत्र में स्वयंसेवकों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि राम मंदिर बनने के बाद आरएसएस की भूमिका नहीं होगी। जिस दिन राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो जाएगा। संघ उसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा। स्वयंसेवकों ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर मचे हंगामे को लेकर उनसे सवाल पूछा तो सर संघचालक ने कहा कि इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। इससे हमारी राष्ट्रीयता का प्रमाण मिलता है।

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चार दिन के प्रवास पर मुरादाबाद आए संघ प्रमुख मोहन भागवत सुबह कार्यक्रम स्थल मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) में लगी शाखा से शामिल हुए। शाम को चार बजे से साढ़े पांच बजे तक जिज्ञासा और समाधान सत्र में स्वयं सेवकों ने सर संघचालक से देश की वर्तमान स्थिति पर सवाल पूछे। सभी का पूरी सादगी से सर संघ चालक ने दिया। 

देश को परम वैभव पर पहुंचाना हम सभी का कर्तव्य

शाखा में शामिल होने के बाद प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इससे पहले एकात्मता स्रोत और आपस में पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयं सेवकों को देश प्रेम के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि जन-जागरण और अपने कार्य में सतत लगे रहें। देश को परम वैभव पर पहुंचाना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने देश सेवा के लिए निरंतर कार्य करने का मंत्र भी दिया। एकात्मता स्रोत के माध्यम से देवी-देवताओं को आह्वान किया गया। चार सत्रों में प्रांत और क्षेत्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें मौजूद प्रांत और क्षेत्रीय कार्यकारिणी के दायित्व निभाने वाले स्वयं सेवकों को दायित्व निर्वाह के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि देश सेवा से सभी को जोड़ने के लिए पूरी तन्मयता से लोगों से संपर्क करना होगा।

मथुरा और काशी संघ के एजेंडे में नहीं रहा

नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद देश में हुई हिंसक घटनाओं के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह कानून नागरिकता देने वाला है, इसका विरोध नहीं होना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चों की अनिवार्यता के सवाल पर कहा कि संघ जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में है लेकिन, कानून का मसौदा सरकार को बनाना है। अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनता है तो देश विकास के मार्ग पर चलेगा। मथुरा और काशी संघ के एजेंडे में रहेगा कि नहीं, इस सवाल का जवाब देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि काशी और मथुरा कभी भी संघ के एजेंडे में नहीं रहा है। 

शांत बैठे स्वयंसेवकों की फिर से बढ़ाएं सक्रियता

प्रांतीय और क्षेत्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि संघ शिक्षा वर्ग में दो साल तक अध्ययन करने के बाद संघ के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने वालों को सक्रिय कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपे। एमआइटी में प्रांतीय और क्षेत्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ शिक्षा वर्ग में दो साल तक पढ़ने के बाद ऐसे स्वयंसेवकों के बारे में जानकारी करने की जरूरत है जो किन्हीं कारणों से अब संघ के कार्यक्रमों में भाग नहीं लेते हैं। कहा कि प्रांत और क्षेत्रीय कार्यकारिणी में दायित्व निर्वाह करने वालों को अपने-अपने क्षेत्र और प्रांत की सूची लेकर सक्रिय करना होगा। इसके बाद उन्हें जिम्मेदारी देकर देश सेवा के प्रति सतत क्रियाशील करना होगा।

सीएए पर भ्रम दूर करें स्वयंसेवक

संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ देर रात आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक रात नौ बजे से शुरू हुई थी, जिसमें संघ प्रमुख ने आनुषांगिक संगठन के पदाधिकारियों के सवालों के जवाब दिए। आनुषांगिक संगठन के पदाधिकारियों की बैठक में संघ प्रमुख ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश में कुछ लोग भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस भ्रम को दूर किया जाए। आप सभी के बीच जाएं, सेमिनार कराएं, गोष्ठी करें और बैठकों में शामिल होकर नागरिकता संशोधन कानून पर लोगों के भ्रम दूर करें। उन्होंने कहा कि संघ लगातार प्रयास कर रहा है हिंदू समाज एकजुट हो, लेकिन अभी समाज जातियों में बंटा हुआ है। हम सभी को प्रयास करने चाहिए कि जातियों में बंटे समाज को एकजुट करें, सभी की पहचान भारतीय और हिंदू के तौर पर हो। सभी को एकजुट करना होगा तभी राष्ट्र मजबूत होगा।


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