RSS Sangh Samagam: स्वयंसेवक हैं संघ के एंबेसडर, अनुकरणीय हो चरित्र : मोहन भागवत
संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने अपने रांची प्रवास के चौथे दिन झारखंड और बिहार के प्रांत स्तर के अधिकारियों को संबोधित किया।
रांची, जासं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि स्वयंसेवकों का चरित्र ऐसा हो जो समाज के लिए अनुकरणीय हो। स्वयंसेवकों के आचार-व्यवहार से ही लोग संघ के बारे में अपनी धारणा बनाते हैं। इसलिए स्वयंसेवकों के चरित्र निर्माण की जिम्मेदारी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं पर है। वे अपने झारखंड प्रवास के चौथे दिन शनिवार को उत्तर पूर्व क्षेत्र, झारखंड, उत्तर बिहार एवं दक्षिण बिहार की पूरी प्रांत कार्यकारिणी के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। रांची के माहेश्वरी भवन में सुबह 10 बजे से शुरू हुई बैठक रात के आठ बजे तक चली।
बैठक में संबोधित करते हुए डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि स्वयंसेवकों का चरित्र ही संघ के एंबेसडर के रूप में काम करता है। आपकी छवि को समाज के लोग जिस रूप में देखते हैं, उसी के अनुसार संघ के बारे में भी धारणा बना लेते हैं। इसलिए अपने चरित्र पर विशेष ध्यान दें। फिर हम ऐसे स्वयंसेवकों का निर्माण करें जो विषम परिस्थितियों में भी संघ को नहीं छोड़ें। एक बार जो स्वयंसेवक बन जाता है उसे संभाल कर रखना सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है। कई लोग अलग-अलग उम्मीदों को लेकर संघ से जुड़ते हैं। वैसे लोग स्थायी नहीं होते हैं।
स्वयंसेवकों के परिवार की भी करें चिंता
संघ प्रमुख ने कहा कि स्वयंसेवकों के साथ-साथ उनके परिवारों की भी चिंता करने की जरूरत है। समय-समय पर परिवार में प्रवास कर उनका हालचाल लेते रहें। आवश्यकता पडऩे पर उनकी मदद करें, तभी संघ से उस परिवार का आत्मीय लगाव होगा।
सामाजिक सद्भाव पर दें जोर
डॉ. भागवत ने कहा कि हमें समाज में समरसता कैसे बने, इस पर ध्यान देना है। समाज के हर क्षेत्र में अपना संपर्क बढ़े, इसकी चिंता करनी है। आज भी सुनने को मिलता है कि मंदिरों में कुछ वर्ग के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। फिर हम समाज में किस वर्ग के लिए काम कर रहे हैं। समाज में जहां-जहां भी ऐसी स्थिति है उसे दूर करने के लिए सभी लोगों को मिलकर प्रयास करना चाहिए। बस्तियों में जाकर समय देना चाहिए। हर वर्ग के लोगों को लगे कि संघ मेरे बारे में सोच रहा है। समाज का हर वर्ग हमें अपना समझे। इसलिए समाज में जहां भी भेदभाव है उसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
बढ़ानी है शाखाओं की संख्या
संघ प्रमुख ने कहा कि झारखंड और बिहार में शाखाओं की संख्या बढ़ानी है। संघ की योजना के अनुसार शहरों में तीन प्रतिशत और गांवों में एक प्रतिशत शाखाओं की संख्या कैसे होगी, इस पर सभी को मिलकर विचार करना होगा। इसके लिए सभी प्रवासी कार्यकर्ताओं को प्रवास करना होगा। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को शाखा बढ़ाने की जिम्मेदारी लेनी होगी। शनिवार की बैठक में क्षेत्र संघचालक सिद्धिनाथ सिंह, सह क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन, क्षेत्र कार्यवाह मोहन सिंह, क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर, क्षेत्र संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर, क्षेत्र सेवा प्रमुख अजय कुमार, क्षेत्र शारीरिक प्रमुख अरुण झा, झारखंड के प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल अग्रवाल, सह प्रांत संघचालक अशोक श्रीवास्तव, प्रांत प्रचारक रविशंकर, सह प्रांत प्रचारक दिलीप कुमार, प्रांत कार्यवाह संजय कुमार, सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल, प्रांत सह प्रचार प्रमुख संजय कुमार आजाद, प्रांत संपर्क प्रमुख राजीव कमल बिïट्टू, प्रांत सह शारीरिक प्रमुख कुणाल कुमार, प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख हरिनारायण, प्रांत सेवा प्रमुख त्रिवेणी साव, उत्तर बिहार के प्रांत प्रचारक रामकुमार, प्रांत कार्यवाह अभय गर्ग सहित कार्यकारिणी के सभी सदस्य उपस्थित थे।
आज ग्राम विकास, पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक सद्भाव पर चर्चा
रविवार को संघ प्रमुख उत्तर पूर्व क्षेत्र एवं तीनों प्रांतों के गतिविधि प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। इसमें ग्राम विकास, पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, गो संवद्र्धन आदि विषयों पर चर्चा होगी। संघ इन विषयों को बढ़ाने पर विशेष जोर दे रहा है। बैठक के बाद वे देवघर के लिए रवाना हो जाएंगे।