Haryana Politics News: JJP में गौतम की बगावत से फूटी विधायकों की पीड़ा, Dushyant Chautala की बढ़ सकती है मुश्किल
हरियाणा में जेजेपी में बगावत से उपमुख्यमंत्री Dushyant Chautala के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है। मंत्री पद के दावेदार विधायक रामकुमार गौतम ने खुलकर विद्रोह का बिगुल बजा दिया है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Haryana Politics News हरियाणा की राजनीति में असरदार रहे जननायक जनता पार्टी के नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम का गुस्सा अचानक नहीं फूटा है। गौतम ने जजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर स्पष्ट संकेत दे दिए कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। गौतम के आक्रोश को जननायक जनता पार्टी के मंत्री और चेयरमैन पदों से वंचित विधायकों की पीड़ा माना जा रहा है। गौतम की बगावत से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है।
जजपा के आधा दर्जन विधायकों की थी मंत्री पद पर निगाह, अभी चेयरमैनी तक नहीं
लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली जजपा ने विधानसभा चुनाव में दस सीटों पर विजय परचम फहराया था। दुष्यंत चौटाला के सटीक राजनीतिक आकलन और जीतने योग्य उम्मीदवारों को टिकट देने की वजह से ऐसा संभव हुआ। दुष्यंत ने विधानसभा चुनाव में सबसे बाद में अपनी पार्टी के टिकटों का आवंटन किया था। उन्होंने दूसरे दलों के बागी, टिकट से वंचित और असरदार नेताओं को टिकट के पैमाने पर अच्छी तरह जांचा-परखा और फिर उन्हें चुनावी रण में उतारा। नतीजन जजपा दस सीटों पर चुनाव जीतने में सफल रही।
दुष्यंत चौटाला के अकेले सरकार में शामिल होने से उबल रहा था विधायकों का गुस्सा
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा के साथ जजपा ने सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया, तब रामकुमार गौतम, ईश्वर सिंह, रामकरण काला और देवेंद्र बबली सरीखे विधायकों को मंत्री बनने की आस बंधी थी, लेकिन ऐसा हो न सका। जजपा संयोजक के नाते दुष्यंत चौटाला सरकार में अकेले डिप्टी सीएम के तौर पर शामिल हुए, लेकिन बाद में उन्होंने अनूप धानक को भी राज्यमंत्री बनवाकर विधायकों का आक्रोश खत्म करने की भरसक कोशिश की थी।
नैना चौटाला खुद विधायक और दुष्यंत चौटाला की माता हैं। इसलिए उनकी भूमिका को लेकर किसी तरह के सवाल नहीं खड़े किए जा सकते। ऐसे में दुष्यंत, धानक और नैना को छोड़कर बाकी बचे सात विधायकों को साधे रखना दुष्यंत चौटाला के लिए अब किसी चुनौती से कम नहीं है। जजपा में घटे इस राजनीतिक घटनाक्रम से भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक भी खुश हैं।
दुष्यंत चौटाला को कम उम्र में राजनीति का बड़ा तजुर्बा हासिल है। वह अपने विधायकों को सरकार में एडजस्ट कराने की भरसक कोशिश में जुटे हुए हैं। विधायकों में इस बात पर भी नाराजगी है कि अभी तक उन्हें मंत्री तो दूर, किसी बोर्ड या निगम का चेयरमैन तक नहीं बनाया गया है।
भाजपा-जजपा की सरकार में अभी दो मंत्री और बन सकते हैं। एक मंत्री भाजपा और एक मंत्री जजपा कोटे से बनना प्रस्तावित है। यह विस्तार कब होगा, इस पर अभी भाजपा हाईकमान ने किसी तरह के संकेत नहीं दिए हैं, लेकिन यदि दुष्यंत अपनी पार्टी के विधायकों को मंत्री या चेयरमैन नहीं बनवा सके तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
दोधारी तलवार पर चलने से कम नहीं जजपा विधायकों की जल्दबाजी
दुष्यंत चौटाला की रणनीति को समझने वाले लोग यहां तक कह रहे कि वह भाजपा हाईकमान से राज्यसभा की एक सीट मांगकर केंद्र में मंत्री बनने का रास्ता तैयार कर सकते हैं। हालांकि भाजपा में ही राज्यसभा सदस्य बनने के तलबगार नेता नहीं चाहते कि दुष्यंत की इस रणनीति को धरातल पर अमलीजामा पहनाया जाए। जजपा के विधायकों की मंत्री या चेयरमैन बनने की इच्छा हालांकि अपनी जगह है और वे रामकुमार गौतम को आगे कर दुष्यंत पर दबाव बनाने में काफी हद तक कामयाब भी होते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन जजपा विधायकों की यह जल्दबाजी उनके लिए दोधारी तलवार पर चलने से कम नहीं है।
गौतम की नाराजगी दूर करने को दुष्यंत खेल सकते नया दांव
गौतम का जजपा में बने रहकर बगावती सुर जहां पार्टी हाईकमान पर दबाव तथा दुष्यंत की मुश्किलें बढ़ा सकता है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नई जोड़-तोड़ के लिए उत्साहित भी कर सकता है। कुल मिला कर इस पूरे खेल में भाजपा सरकार के लिए किसी तरह की चिंता का विषय नहीं है क्योंकि उसके साथ सभी आजाद विधायक पूरी तरह से खड़े हुए हैं। गौतम की इस नाराजगी को दूर करने के लिए अब दुष्यंत को नया दांव खेलना पड़ सकता है।
इस्तीफे की जानकारी नहीं, सुलझा लेंगे मसला: दुष्यंत
' रामकुमार गौतम के जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र की जानकारी मुझे नहीं है। अगर उन्होंने इस्तीफा दिया है तो इस मामले को सुलझा लेंगे।
- दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री व जजपा संरक्षक।