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गहलोत ने सोनिया और राहुल को भेजे साजिश के सबूत, सीएम के आग्रह पर दिल्ली से जयपुर आए बड़े नेता

गहलोत ने सोनिया और राहुल को भेजे साजिश के सबूत सीएम के आग्रह पर दिल्ली से जयपुर आए बड़े नेता

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 03:11 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 03:15 PM (IST)
गहलोत ने सोनिया और राहुल को भेजे साजिश के सबूत, सीएम के आग्रह पर दिल्ली से जयपुर आए बड़े नेता
गहलोत ने सोनिया और राहुल को भेजे साजिश के सबूत, सीएम के आग्रह पर दिल्ली से जयपुर आए बड़े नेता

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान से राज्यसभा की 3 सीटों के लिए 19 जून को होने वाले चुनाव को लेकर कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में काफी हलचल बढ़ी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी व वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को कुछ वीडियो व ऑडियो के साथ ही कई ऐसे सबूत भेजे हैं, जिनमें यह बताया गया है कि कौन नेता गहलोत सरकार को गिराने का प्रयास कर रहा है।

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प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि गहलोत ने सोनिया गांधी व राहुल गांधी को दस्तावेजों के साथ ही कुछ विधायकों के लिखित बयान भी भेजे हैं, जिनमें उन्हे लालच देने की बात कही गई है। इस नेता ने बताया कि भाजपा के साथ ही कांग्रेस के नेताओं के नाम गहलोत ने सभी आवश्यक सबूतों के साथ दिल्ली भेजे हैं। सोनिया गांधी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से बात करके ही गहलोत ने विधायकों को 25 से 35 करोड़ में खरीदने के प्रयासों की जांच राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) व स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को सौंपी थी।

गहलोत द्वारा भेजे भेजे गए सबूतों के बाद ही अचानक आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल, देवेंद्र यादव, काजी निजामुद्दीन, तरूण कुमार, छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टी.एस.सिंहदेव, दीपेंद्र हुड्डा, राजीव सातव एवं मानिक टेगौर को जयपुर भेजा था।

अपनी पार्टी के विधायकों के भाजपा में संपर्क में होने की बात पुख्ता होने के बाद गहलोत के आग्रह पर पांडे, सुरजेवाला, सिंहदेव व चारों सचिव पिछले एक सप्ताह से जयपुर में ही रह रहे हैं। ये नेता प्रत्येक विधायक से अलग-अलग मुलाकात कर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। मंत्रियों को भी सुना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार खाघमंत्री रमेश मीणा की सीएम से नाराजगी दूर करने का काम कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल ने किया है। वे प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी है,उनके साथ नीरज डांगी भी मैदान में है।

दोनों ही पक्षों के विधायकों की मॉक पोलिंग हुई

बाड़ेबंदी में कैद कांग्रेस और भाजपा विधायकों की मॉक पोलिंग हुई। इसमें विधायकों को वोट डालने का सही तरीका बताया गया। 107 कांग्रेस विधायकों के साथ 13 निर्दलीय व भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायक भी है। वहीं भाजपा के 72 विधायकों के साथ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायक है। कांग्रेस और उसके समर्थक विधायक पिछले छह दिन से होटल में ठहरे हुए हैं। वहीं भाजपा विधायकों को मंगलवार को होटल में ठहराया गया है। उधर विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रही एसीबी व एसओजी ने कुछ सबूत जुटाए हैं। दोनों एजेंसियों के जांच अधिकारियों ने इन सबूतों की जानकारी सीएम गहलोत को दी है। इसके साथ ही राज्य के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भी कुछ तथ्य दोनों एजेंसियों के अधिकारियों को सौंपे हैं।

उल्लेखनीय है कि चुनाव जीतने के लिए प्रत्येक प्रत्याशी को प्रथम वरियता के 51 वोट चाहिए। वोटों के गणित के लिहाज से कांग्रेस के पास ये वोट हैं। वहीं भाजपा को कांग्रेस की खेमेबाजी पर भरोसा है। भाजपा ने राजेंद्र गहलोत व ओंकार सिंह लखावत को प्रत्याशी बनाया है। 


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