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Rajasthan political crisis: अब राज्यपाल मिश्र हुए सक्रिय, विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी में गहलोत

अब राज्यपाल मिश्र हुए सक्रिय विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी में गहलोत बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने में जुटा सीएम खेमा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 02:30 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 03:03 PM (IST)
Rajasthan political crisis: अब राज्यपाल मिश्र हुए सक्रिय, विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी में गहलोत
Rajasthan political crisis: अब राज्यपाल मिश्र हुए सक्रिय, विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी में गहलोत

जयपुर,  नरेन्द्र शर्मा।  राजस्थान में चल रहे सियासी संघर्ष के बीच अब राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधि विशेषज्ञों से सलाह लेना शुरू किया है। राज्यपाल मिश्र प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। राजभवन सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने प्रदेश के विधि विशेषज्ञों से चर्चा करने के साथ ही दिल्ली के बड़े वकीलों एवं संविधान विशेषज्ञों से भी टेलिफोन पर संपर्क में हैं। 

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प्रदेश के घटनाक्रम को लेकर राज्यपाल केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजने की भी तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगले सप्ताह विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। इस संबंध में गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी से चर्चा की है। विधानसभा सत्र बुलाकर गहलोत अपना बहुमत साबित करेंगे। शनिवार रात राज्यपाल से मुलाकात कर गहलोत ने 102 विधायकों की सूची उन्हे सौंपी और यह बताया था कि उनके पास पूरा बहुत है। वे विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहते हैं। इसके बाद रविवार को राज्यपाल ने अपने स्तर पर विशेषज्ञों से सलाह की। गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष को भी इस बारे में बताया है। विधानसभा सत्र बुलाकर गहलोत सचिन पायलट को झटका देने की तैयारी कर रहे हैं।

सीएम के निकटस्थों के अनुसार विधानसभा में बहुमत साबित कर गहलोत ये दिखाना चाहते हैं कि विधायकों पर उनकी पकड़ मजबूत है। इसके अलावा वोटिंग के जरिए उन विधायकों को भी अपने खेमे में शमिल कर सकते हैं जो इस बात को लेकर पूरी तरह साफ नहीं है उन्हे किस खेमे में जाना है। सीएम खेमे का मानना है कि विधानसभा सत्र बुलाने से बागी विधायक भी फ्लोर टेस्ट में भाग ले सकते हैं।

स्पीकर ने पहले से ही सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को सदस्यता खत्म करने को लेकर नोटिस दे रखा है। बागी विधायकों को इस नोटिस का जवाब मंगलवार शाम तक देना है। इससे पहले सोमवार को हाईकोर्ट में बागी विधायकों द्वारा दायर की गई याचिका पर निर्णय आ सकता है। गहलोत खेमे का मानना है कि यदि हाईकोर्ट बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त नहीं करता है तो फिर स्पीकर मंगलवार को इनका जवाब मिलने के बाद सदस्यता समाप्त कर सकते हैं। ऐसे में फ्लोर टेस्ट में सीएम आसानी सेे बहुमत कर देंगे। इससे पायलट को बड़ा झटका लगेगा।

विधानसभा का समीकरण 200 सदस्यीय विधानसभा में स्पीकर को मिलाकर कांग्रेस के 106 विधायक हैं। इनमें से 19 विधायक सचिन पायलट के साथ हैं। राष्ट्रीय लोकदल के 1 विधायक गहलोत सरकार में मंत्री हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायकों ने गहलोत को समर्थन देने की घोषणा की है। 13 में से 10 निर्दलीय गहलोत के साथ हैं।  वहीं  3 निर्दलीय पायलट के समर्थन में हैं। माकपा के 2 में से एक विधायक गहलोत के साथ और 1 पायलट के साथ हैं। भाजपा के खुद के 72 विधायक हैं। वहीं एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकातांत्रिक पार्टी के 3 विधायक भाजपा के साथ हैं। इस तरह कुल मिलाकर एनडीए के 75 विधायक हैं। 


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