Rajasthan By Election Result 2019: खींवसर से RLP के बेनीवाल व मंडावा से कांग्रेस की रीटा की जीत
Rajasthan By Election Result 2019 राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में खींवसर से आरएलपी के नारायण बेनीवाल व मंडावा से कांग्रेस की रीटा चौधरी जीत गए हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan By Election Result 2019 राजस्थान विधानसभा की दो सीटों मंडावा व खींवसर में हुए उपचुनाव में गुरुवार को खींवसर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के नारायण बेनीवाल चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के हरेन्द्र मिर्धा को हराया है। नारायण बेनीवाल 4500 वोट से जीते हैं।
वहीं, मंडावा से कांग्रेस की रीटा चौधरी ने भाजपा की सुशीला को हरा दिया है। मंडावा से कांग्रेस की रीटा चौधरी ने भाजपा की सुशीला को 33,517 वोटों से हराया। खींवसर से आरएलपी के नारायण बेनीवाल ने कांग्रेस के हरेन्द्र मिर्धा को 4630 वोटों से हराया है।
उपचुनाव जीतने से गहलोत विरोधियों पर लगेगी लगाम
राजस्थान विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आए तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। पिछले कुछ माह से उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक मंत्रियों के निशाने पर रहे गहलोत के लिए यह चुनाव परिणाम कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में संजीवनी साबित हो सकते हैं। सत्ता और संगठन से जुड़े विभिन्न मामलों को लेकर गहलोत पिछले कुछ समय से पायलट खेमे के दबाव में थे, लेकिन चुनाव परिणाम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनकी अभी भी आम मतदाताओं एवं कार्यकर्ताओं में मजबूत पकड़ है। गहलोत खेमे को उम्मीद है कि अब उनके विरोधियों पर कुछ हद तक लगाम लगेगी। दो में से एक सीट मंडावा पर कांग्रेस की प्रत्याशी रीटा चौधरी ने भाजपा की सुशीला सींगड़ा को 33 हजार 704 वोटों के भारी अंतर से हराया।
वहीं, खींवसर सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और भाजपा के गठबंधन के हिस्से में आई है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने आरएलपी के साथ गठबंधन किया था। अब उपचुनाव में खींवसर विधानसभा सीट पर आरएलपी को समर्थन दिया था। खींवसर में आरएलपी अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरेंद्र मिर्धा को 4,630 वोटों से हराया है। चुनाव परिणाम पर खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री ने मंडावा में विजय हुई रीटा चौधरी को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि खींवसर में सभी ने एकजुट होकर मजबूती से चुनाव लड़ा, जहां लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 55 हजार वोटों का अंतर रहा था, वहीं सिर्फ पांच माह में ही 4,630 वोटों का अंतर हमारे लिए जीत के समान ही है। उन्होंने कहा कि दोनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को आशीर्वाद देने के लिए जनता का हार्दिक आभार और चुनाव प्रबंधन करने वाले नेताओं वकार्यकर्ताओं को बधाई ।
दोनों ही पार्टियों में था भीतरघात का खतरा
मंडावा और खींवसर दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में भीतरघात का खतरा चुनाव अभियान शुरू होते ही मंडराने लगा था। मंडावा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी के चुनाव अभियान में पायलट समर्थक बिजेंद्र ओला सहित कई नेता नहीं जुटे। पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा भी चुनाव अभियान से लगभग दूर रहे। वहीं, भाजपा ने इस सीट पर कांग्रेस से पार्टी में शामिल हुई सुशीला सींगड़ा को टिकट दिया तो मूल कार्यकर्ता नाराज हो गए। भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं का कहना था कि सुशीला सींगड़ा कई साल तक कांग्रेस में रहते हुए बीजेपी के खिलाफ बोलती रही और अब उन्हें ही टिकट देकर पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई है।
उधर, खींवसर सीट पर कांग्रेस ने हरेंद्र मिर्धा को टिकट दिया तो शुरुआत में तो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता उनके चुनाव अभियान में नहीं जुटे, लेकिन बाद में वे सक्रिय हो गए। उधर, भाजपा ने यह सीट आरएलपी के लिए छोड़ी थी। आरएलपी के लिए सीट छोड़ने से भाजपा नेता सीआर चौधरी, पूर्व मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और युनूस खान जैसे पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समर्थक नेता नाराज थे। ये नेता चुनाव अभियान से दूर ही रहे। खुद वसुंधरा राजे उपचुनाव में दोनों सीटों पर प्रचार करने नहीं पहुंची।
उल्लेखनीय है कि करीब नौ माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में मंडावा से भाजपा के नरेंद्र खीचड़ और खींवसर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल जीते थे। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने खीचड़ को झुंझुनूं से चुनाव लड़ाया और वे जीत भी गए। वहीं, बेनीवाल नागौर से चुनाव लड़कर संसद में पहुंचे थे। इस कारण ये दोनों सीटें खाली हुई थी।
खींवसर में कम और मंडावा में मतदान के प्रति लोगों में रहा उत्साह
राजस्थान में विधानसभा की दो सीटों खींवसर और मंडावा के लिए गत सोमवार को मतदान हुआ था। खींवसर में कम मतदान हुआ, वहीं मंडावा में मतदान के प्रति लोगों में उत्साह नजर आया। दोनों ही जगह मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। राजस्थान में नागौर की खींवसर सीट से विधायक बने हनुमान बेनीवाल और झुंझुनू की मंडावा सीट से विधायक बने नरेंद्र खींचड लोकसभा चुनाव में सांसद चुन लिए गए थे। इसके चलते इन सीटों पर उपचुनाव कराना पड़ा। सोमवार 21 अक्टूबर को दोनों सीटों पर मतदान हुआ। यह चुनाव भाजपा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन कर लड़ा है।
खींवसर सीट से हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल तथा मंडावा सीट से भाजपा की सुशीला देवी चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस की ओर से खींवसर सीट पर पूर्व मंत्री हरेंद्र मिर्धा और मंडावा सीट से पूर्व विधायक रीटा चौधरी मैदान में हैं। दोनों सीटों पर मतदान का प्रतिशत उम्मीद से कम रहा। खींवसर में तो इसे काफी कम माना जा रहा है, क्योंकि नागौर राजस्थान में राजनीतिक रूप से काफी जागरूक जिला माना जाता है। खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल और नागौर के पुराने राजनीतिक परिवार मिर्धा परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इसके बावजूद यहां 5.30 बजे तक 60.36 प्रतिशत ही मतदान हुआ। यहां मतदान की गति शुरुआत से ही धीमी रही। पहले एक घंटे में यहां सिर्फ 8.26 प्रतिशत वोट पडे थे। इसके बाद 11 से तीन बजे तक मतदान अच्छा हुआ और आंकडा 49 प्रतिशत तक जा पहुंचा, लेकिन अंतिम तीन घंटे में यह आंकड़ा मुश्किल से 11-12 प्रतिशत ही बढ़ा। यहां लोगों में मतदान के प्रति उत्साह में कमी ने परिणाम के रोचक होने की संभावना बढ़ा दी है।
वहीं, झुंझुनू की मंडावा सीट पर मतदान खींवसर के मुकाबले अच्छा हुआ। यहां साढे पांच बजे 67 प्रतिशत वोट पडे़ थे। यहां सुबह के पहले एक घंटे में 10.26 प्रतिशत वोटिंग हुई और इसके बाद यहां भी सुबह 11 बजे से दोपहर तक तीन बजे तक अच्छा मतदान हुआ। इस क्षेत्र में महिलाओं की अच्छी कतारें देखी गई। दोनों जिलों के 525 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ।
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