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Rajasthan : अधिकारियों के रवैये से नाराज हुए भाजपा सांसद, मुख्य सचिव को लिखी चेतावनी भरी चिट्ठी

Rajasthan सरकारी कार्यक्रमों में निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नही किये जाने से नाराज राजस्थान के एक भाजपा सांसद और पूर्व मंत्री पीपी चौधरी ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 08:08 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 08:08 PM (IST)
Rajasthan : अधिकारियों के रवैये से नाराज हुए भाजपा सांसद, मुख्य सचिव को लिखी चेतावनी भरी चिट्ठी
Rajasthan : अधिकारियों के रवैये से नाराज हुए भाजपा सांसद, मुख्य सचिव को लिखी चेतावनी भरी चिट्ठी

राज्य ब्यूरो, जयपुर। सरकारी कार्यक्रमों में निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नही किये जाने से नाराज राजस्थान के एक भाजपा सांसद और पूर्व मंत्री पीपी चौधरी ने राज्य के मुख्य सचिव को चेतावनी भरी चिट्ठी लिख डाली है और कहा है कि अफसरशाही का रवैया नहीं सुधरा तो उन्हें प्रोटोकॉल की पालना नहीं होने को लेकर संसदीय समिति की शरण में जाना पड़ेगा। इससे पहले नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल संसदीय समिति के सामने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठा चुके हैं। 

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अभी पाली सीट से सांसद हैं पीपी चौधरी 

पीपी चौधरी केंद्र में पिछली सरकार में मंत्री रह चुके हैं और अभी पाली सीट से सांसद हैं। सांसद ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र के दोनों जिलों पाली और जोधपुर के अधिकारी सांसद के प्रोटोकॉल की कतई पालना नहीं कर रहे है। शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में छपने वाले बैनर, पोस्टर और शिलालेखों से या तो सांसद का नाम गायब कर दिया जाता है या वरीयता क्रम में सांसदों का नाम नीचे लिख दिया जाता है। 

मामला संसदीय समिति के सामने उठाएंगे

सांसद ने लिखा कि अखबारों और टीवी विज्ञापनों में सांसदों की जगह अधिकारियों का नाम और फोटो छप रहे हैं जबकि इस संदर्भ में भारत सरकार के कार्मिक  मंत्रालय की स्पष्ट गाइड लाइन है कि प्रोटोकॉल के अनुसार ही सांसदों को जगह मिलनी चाहिए। पीपी चौधरी ने लिखा है कि अधिकारी भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार काम करें अन्यथा उन्हें यह मुद्दा संसदीय समिति के सामने उठाना पड़ेगा। 

बार-बार कहने के बाद लगातार ऐसा हो रहा

चौधरी ने यह भी लिखा कि अधिकारियों के नाम और फोटो विज्ञापनों में छापने के लिए जनता के संसाधनों का उपयोग नहीं होना चाहिए और ऐसा होने पर संबंधित अधिकारी से ही पूरी वसूली की जाए। चौधरी ने लिखा है कि नियमानुसार अधिकारियों को सांसदों के टेलिफोनिक संदेश या जनहित के कामों को लेकर कही गई बातों की अवहेलना नहीं करनी चाहिए लेकिन मेरे संसदीय क्षेत्र के दोनों जिलों पाली और जोधपुर में अधिकारियों को बार-बार कहने के बावजूद लगातार ऐसा किया जा रहा है। 

भाजपा विधायक कई बार मुद्दा उठा चुके हैं

गौरतलब कि राजस्थान विधानसभा में भी भाजपा के विधायक कई बार यह मुद्दा उठा चुके है कि अधिकारी कांग्रेस नेताओं के दबाव में काम करते हैं और उन्हें सरकारी कार्यक्रमों में या तो बुलाया ही नहीं जाता या उचित सम्मान नहीं दिया जाता। पिछले महीने सिरोही में कोरोना लैबोरेटरी के उद्घाटन में सांसद देवजी पटेल को न बुलाए जाने को लेकर भी इसी तरह की शिकायत सामने आई थी। सांसद देवजी पटेल ने प्रभारी मंत्री भंवर सिंह भाटी की मौजूदगी में अधिकारियों को जमकर फटकारा था। 

अधिकारियों की पेशी लगवाई थी बेनीवाल ने

वही नवंबर 2019 में बाड़मेर जिले के बायतु इलाके में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और सांसद हनुमान बेनीवाल के काफिले पर हुए हमले के बाद एफआईआर दर्ज न करने को लेकर बेनीवाल प्रदेश के अधिकारियों की पेशी संसद की विशेषाधिकार समिति के समक्ष करवा चुके हैं। इस मामले में प्रदेश के डीजीपी और मुख्य सचिव दो बार समिति के सामने पेश हो चुके हैं। 


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