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Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में गुरु गोलवलकर को लेकर हंगामा

Rajasthan Assembly . राजस्थान विधानसभा सत्र के पहले दिन दो नवनिर्वाचित विधायकों रीता चौधरी और नारायण बेनीवाल ने शपथ ली।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 05:01 PM (IST)
Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में गुरु गोलवलकर को लेकर हंगामा
Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में गुरु गोलवलकर को लेकर हंगामा

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Assembly Session. संविधान दिवस समारोह के तहत राजस्थान विधानसभा में भारतीय संविधान और मूल कर्तव्यों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को बुलाए गए विशेष सत्र में पक्ष-विपक्ष ने जमकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। दो दिवसीय सत्र के पहले दिन गुरुवार को चर्चा के नाम पर सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) पर निशाना साधा। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के 70 साल के शासन को लेकर आरोप लगाए।

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इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने आरएसएस के द्वितीय सरसंघचालक गुरु गोलवलकर की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी, जिसमें तीन लोगों को देश के लिए नुकसान दायक बताया था । इनमें एक मुसलमान, दूसरा ईसाई और तीसरा वामपंथ। धारीवाल ने कहा कि पूरे देश के तिरंगा झंडा फहराया जाता है, लेकिन आरएसएस की शाखाओं में इसके बजाय संघ का झंडा फहराते हैं। इतना सुनते ही भाजपा विधायक अपनी सीटों से खड़े होकर जोर-जोर से बोलने लगे। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने शांत कराने का प्रयास किया।

विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि दूसरों की तरफ पत्थर फेंकने का काम करोगे तो हम भी यहां ऐसे ही नहीं बैठे हैं। ऐसा नहीं है कि हमने आपके चिट्ठे नहीं पढ़ रखे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी को फादर ऑफ नेशन कहे जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि दुनिया जानती है कि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी है। लेकिन अब मोदी को बनाया जा रहा है।

आरएसएस ने संविधान की जगह मनुस्मृति की पैरवी की थी

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि संविधान दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में सार्थक बहस होनी चाहिए, लेकिन भाजपा इसका दुरुपयोग कर रही है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश लगातार प्रगति कर रहा है। कांग्रेस ने हमेशा एक ही परिवार के नाम से योजनाएं चलाने का काम किया। इस पर कांग्रेस विधायकों के साथ उनकी तकरार भी हुई। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि 26 जनवरी, 1949 को संविधान अंगीकार किया गया। उसके चार दिन बाद ही आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में संविधान की आलोचना की गई थी। इसके संपादकीय में संविधान की जगह मनुस्मृति की पैरवी की गई थी। गुरु गोलवलकर ने संविधान की आलोचना की थी।

दो विधायकों ने शपथ ली

विधानसभा सत्र के दौरान गुरूवार को हाल में निर्वाचित हुए दो विधायकों रीटा चौधरी और नारायण बेनीवाल ने शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शपथ दिलाई। कांग्रेस की रीटा चौधरी मंडावा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नारायण बेनीवाल उप चुनाव में निर्वाचित हुए हैं।

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