Rahul Gandhi Birthday: UP में मनाया जा रहा है राहुल गांधी का जन्मदिन, अखिलेश यादव ने दी बधाई
Rahul Gandhi Birthdayलोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने वाले राहुल गांधी के जन्मदिन पर अलीगढ़ में नेताओं ने प्रार्थना सभा की।
लखनऊ, जेएनएन। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का आज 50वां जन्मदिन मनाया जा रहा है। सूबे की अमेठी से चुनाव हारने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी के आज 50वें जन्मदिन पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी उनको बधाई दी है। प्रदेश में कई जिलों में राहुल गांधी के जन्मदिन पर प्रार्थना सभा हो रही है तो कई जगह पर गरीबों को खाद्यान्न बांटा जा रहा है।
लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी की हार के बाद करीब एक वर्ष पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने वाले राहुल गांधी के जन्मदिन पर अलीगढ़ में पार्टी युवा नेताओं ने प्रार्थना सभा की। इन सभी ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए यज्ञ किया। यहां पर युवा नेताओं ने कोरोना न्याय किट का वितरण किया। इसके साथ ही इन लोगों ने लद्दाख में चीन की सेना के साथ गलवन की सैन्य झड़प के दौरान शहीद सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए हवन यज्ञ किया।
उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर मैदान में उतरने वाली समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को उनके 50वें जन्मदिन पर बधाई दी है।
कोरोना महामारी और चीन की ओर से किए गए हमले में 20 जवानों की शहादत के मद्देनजर राहुल गांधी इस बार अपना जन्म दिन नहीं मना रहे हैं। इसके बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश में राहुल गांधी के जन्मदिन के मौके पर गरीबों व जरूरतमंदों को राशन और भोजन वितरित करने का काम कर रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का आज 50वां जन्मदिन मनाया जा रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रहने वाले राहुल गांधी के सामने इस समय कई बड़ी चुनौतियां हैं। उनकी पार्टी अपने इतिहास के सबसे कमजोर मुकाम पर खड़ी है। कांग्रेस का जनाधार लगातार सिमटता जा रहा और संगठन बिखरा सा नजर आ रहा है। ऐसे में राहुल गांधी के सामने गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत को बचाने के साथ-साथ आगे बढ़ाने की चिंता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का जन्म नई दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल में 19 जून 1970 को हुआ था। इस तरह से राहुल ने अपनी जिंदगी का अर्धशतक पूरा कर लिया है।
सांसद राहुल गांधी के सामने अपने गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत को बचाने के साथ-साथ आगे बढ़ाने की चुनौती है। इसके अलावा कांग्रेस के खोए हुए जनाधार को वापस लाने और खुद के साबित करने जैसे बड़ी चुनौती भी है। वह 2003-04 में सक्रिय राजनीति में आ गए थे। इन 17 सालों में वो अपने लिए कोई भूमिका तय नहीं कर पा रहे हैं। राहुल गांधी ने सत्ता को करीब से देखा है और उन्हेंं 2009 में प्रधानमंत्री बनने का मौका भी मिला था, लेकिन उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया। राहुल अभी जिस तरह की राजनीतिक पहचान बना रहे हैं वो काफी महत्वपूर्ण है। इसी राह पर चलकर कांग्रेस के खोए हुए जनाधार को वो वापस ला सकते हैं।