CAA Protest in UP : हिंसा से CM योगी नाराज, कहा- उपद्रवियों की संपत्ति नीलाम कर होगी नुकसान की भरपाई
Protest on CAA in UP लोकभवन में अधिकारियों के साथ बैठक से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है।
लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों की आग में गुरुवार को लखनऊ व संभल भी सुलग उठे। लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कहा है कि सार्वजनिक व निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति को नीलाम कराकर की जाएगी। योगी ने विपक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठाए। कहा कि कांग्रेस, सपा व अन्य वामपंथी संगठन अनावश्यक भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। योगी ने कहा कि उपद्रवियों से पूरी सख्ती से निपटा जाएगा। प्रदर्शन के नाम पर ङ्क्षहसा स्वीकार नहीं की जाएगी। वह खुद पूरी कार्रवाई की समीक्षा कर रहे हैं। देर रात उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से दिनभर के हालात का जायजा लिया और शिथिलता पर नाराजगी जतायी। जुमे की नमाज के मद्देनजर शुक्रवार को विशेष सतर्कता बरतने का आदेश भी दिया।
लोकभवन में अधिकारियों के साथ बैठक से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। लखनऊ और संभल में दंगा करते लोग हमको सीसीटीवी में दिखे हैं। कई जगह प्रदर्शन के दौरान पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। इन सभी ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। बेहद उन्मादी लोगों की हम लोग संपत्ति जब्त करने के साथ नुकसान की भरपाई करेंगे। लखनऊ और सम्भल में उपद्रव के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसमें शामिल सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही साथ इनकी संपत्ति जब्त करके नुकसान का जुर्माना भी लिया जायेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा लोकतंत्र में सभी को प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन हिंसा की कोई जगह नहीं। हिंसा में लिप्त प्रत्येक व्यक्ति को चिन्हित करके उसकी प्रॉपर्टी जब्त करेंगे, फिर नीलामी कर पब्लिक प्रोपर्टी के नुकसान की भरपाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा विपक्षी दलों की शह पे हुआ उपद्रव। विपक्षी दल अनावश्यक भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस प्रकरण पर मैंने बैठक बुलाई है। मेरा मानना है कि आप विरोध के नाम पर हिंसा में शामिल नहीं हो सकते। हम ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। हम लोग दोषी पाए गए लोगों की संपत्ति जब्त करेंगे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की भरपाई करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में मुख्य सचिव आरके तिवारी के साथ डीजीपी ओपी सिंह तथा अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को तलब किया है। उन्होंने लखनऊ के बिगड़े हालातों को देखते हुए तुरंत बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सारे घटनाक्रम से बेहद नाराज हैं।
आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश में 110 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किए गए। जहां हिंसा की आशंका थी, वहां निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए 3305 लोगों को हिरासत में लिया गया और कई व्यक्तियों को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई थी। लखनऊ में 112 और संभल में 15 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है, जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अन्य उपद्रवियों को चिह्नित कराकर उनकी तलाश कराई जा रही है। सोशल मीडिया पर भ्रामक व भड़काऊ पोस्ट/संदेश को लेकर विभिन्न जिलों में 13 मुकदमे दर्ज कर पांच आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है। संभल में तीन रोडवेज बसों में आगजनी व तोडफ़ोड़ की गई। बसों में हुए पथराव से चार व्यक्ति घायल हुए। संभल में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए। लखनऊ में 12 वाहनों में आगजनी की गई। पथराव में 16 पुलिसकर्मी घायल हुए। आइजी का दावा है कि लखनऊ व संभल के अलावा गुरुवार को अन्य सभी जिलों में शांति व्यवस्था रही। अन्य जिलों में भी संदेह के आधार पर कई अराजकतत्वों को हिरासत में लिया गया है। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने बुधवार तक प्रदेश में 126 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के सामने और बड़ी चुनौती
पुलिस के सामने अब शुक्रवार को शांति-व्यवस्था बनाए रखने की और बड़ी चुनौती है। प्रदेश में धारा 144 लागू है और शुक्रवार को नमाज के बाद लोगों को एक स्थान पर जुटने की संभावना है। कई संगठनों ने 20 दिसंबर को भी प्रदर्शन की चेतावनी दी है। डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि इन परिस्थितियों से निपटने की रणनीति बनाई जा रही है। खुफिया तंत्र को और सक्रिय किया गया है। लखनऊ में शुक्रवार को 10 अतिरिक्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी तैनात किए जाएंगे। सभी संवेदनशील स्थानों पर गश्त बढ़ा दी गई है और शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
सुनियोजित ढंग से किया गया उपद्रव
आइजी कानून-व्यवस्था का कहना है कि सोशल मीडिया की मानीटङ्क्षरग से सामने आ रहा है कि लखनऊ में अराजकतत्वों ने सुनियोजित ढंग से उपद्रव व ङ्क्षहसा फैलाई। सोशल मीडिया के संदेशों व अन्य तथ्यों को देखा जा रहा है। उसके जरिए अराजकतत्वों को चिह्नित कराया जा रहा है। 1786 ट्विटर, 3037 फेसबुक व 38 यूट्यूब पोस्टों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है।
एडीजी व आईजी भी घायल
लखनऊ में एडीजी जोन एसएन साबत को पत्थर लगा। इनके साथ ही उपद्रवियों के पथराव में आईजी एसके भगत भी पथराव में घायल हो गए हैं। सीओ हजरतगंज अभय मिश्रा को भी आंख में चोट लगी है। परिवर्तन चौक में पथराव में कई पुलिस कर्मी घायल हैं। यहां पर प्रदर्शनकारियों ने ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। लखनऊ में खदरा से लेकर हजरतगंज तक दुकानें बंद हैं। सरकारी व प्राइवेट दफ्तर खाली कराए गए सभी लोगों को घर वापस भेजा गया। हालांकि हिंसा की आशंका को देखते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने लोगों से गुरुवार को घर से न निकलने की अपील की थी लेकिन लोग तीन तीन के गुट में निकलकर इकट्ठा होने लगे और इस तरह से हजारों प्रदर्शनकारियों सड़कों पर आ गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।