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PM Modi Kolkata Visit: पीएम मोदी और ममता बनर्जी के रिश्तों पर जमीं बर्फ पिघलेगी!

PM Narendra Modi In Kolkata. प्रधानमंत्री मोदी से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात होनी है और वह पीएम के साथ मंच भी साझा कर सकती हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 07:27 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 08:16 PM (IST)
PM Modi Kolkata Visit: पीएम मोदी और ममता बनर्जी के रिश्तों पर जमीं बर्फ पिघलेगी!
PM Modi Kolkata Visit: पीएम मोदी और ममता बनर्जी के रिश्तों पर जमीं बर्फ पिघलेगी!

कोलकाता, आनन्द राय। PM Narendra Modi In Kolkata. दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद शनिवार को पहली बार दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता आ रहे नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम पर देश-दुनिया की निगाह टिक गई है। प्रधानमंत्री मोदी से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात होनी है और वह पीएम के साथ मंच भी साझा कर सकती हैं। कयास लग रहे हैं कि मोदी-ममता के रिश्तों पर जमीं बर्फ पिघलेगी। हालांकि इस दौरान भी ममता के मोदी विरोधी सुर बंद नहीं हुए हैं।

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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर ममता बनर्जी लगातार मोदी सरकार को चुनौती दे रहीं हैं। वह बंगाल की सड़कों पर उतरकर लगातार धरना-प्रदर्शन और जुलूस में शामिल हो रही हैं। तृणमूल कांग्रेस के फ्रंटल संगठनों का भी आंदोलन जारी है, लेकिन पिछले दिनों वामो-कांग्रेस के बंद का विरोध कर उन्होंने एक नया समीकरण खड़ा किया है। ममता ने सीएए और एनआरसी पर केरल की तरह विधानसभा में प्रस्ताव पारित नहीं कराया। उन्होंने 13 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक में जाने से भी मना कर दिया है। ऐसे में मोदी का प्रबल विरोध करते हुए भी वह कहीं न कहीं विपक्षी एकता को भी धता बता रही हैं।

सोनिया की बैठक में ममता के न जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने उनकी सराहना की तो वामो और कांग्रेस नेताओं ने ममता पर भाजपा से मिले होने का आरोप भी लगा दिया है। इस बीच केंद्रीय जहाज रानी मंत्री मनसुख लाल मांडविया ने राज्य सचिवालय नवान्न जाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भी दे दिया है।

मोदी शनिवार शाम को विशेष विमान से कोलकाता पहुंचेंगे। उनके कई कार्यक्रम निर्धारित हैं। हावड़ा ब्रिज के नए लाइट एंड साउंड सिस्टम के उद्घाटन और बेलूर मठ जाने के बाद वह राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे। राजभवन में मोदी से ममता की मुलाकात संभावित है। इस मुलाकात पर लोगों की नजर लगी है। सूत्र बताते हैं कि ममता भी बंगाल के विकास को लेकर केंद्र से समझौते का मन बनाए हैं। इसे पिछले दिनों राज्यपाल से चल रही तकरार को खत्म करने के प्रयासों से जोड़कर भी देखा गया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया है और इसमें ममता बनर्जी को आमंत्रण भेजा गया है।

रविवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ के अवसर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री और राज्यपाल की उपस्थिति रह सकती है। अधिकारियों के भेजे गये आमंत्रण पत्र में इसका भी उल्लेख है। यद्यपि मोदी के साथ ममता बनर्जी के मंच साझा करने के सवाल पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने खामोशी ओढ़ी है। अभी तक तृणमूल ने अधिकृत रूप से कोई सूचना नहीं दी है, पर संकेत हैं कि ममता इस आयोजन में शामिल हो सकती हैं। इससे यह माना जा रहा है कि वैचारिक मसलों पर मोदी सरकार का विरोध करते हुए वह अपने बिगड़े रिश्तों को ठीक कर सकती हैं।

मोदी-ममता में हो सकती है बैठक
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ आंदोलन कर रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कोलकाता दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शनिवार को राजभवन में बैठक होने की संभावना है। पीएम मोदी कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। रात नौ बजे के करीब राजभवन में पीएम मोदी और सीएम ममता के बीच महत्वपूर्ण बैठक हो सकती है। इसकी अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है।

रविवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित केपीटी के कार्यक्रम में भी दोनों के एक साथ मंच पर मौजूद होने की संभावना है।

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के शासनकाल में राजग का हिस्सा रहीं ममता के साथ भाजपा के रिश्ते इन दिनों काफी कटु हैं। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी ने एक दूसरे पर तीखे तीर चलाए थे। लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा की 18 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद से ममता मोदी सरकार के खिलाफ काफी आक्रामक हो गई हैं और केंद्र की हरेक नीतिऔर घोषणा का विरोध कर रही हैं। वर्तमान में सीएए और एनआरसी को लेकर उन्होंने मोर्चा खोल रखा है और किसी भी स्थिति में इसे बंगाल में लागू नहीं करने को तत्पर हैं।

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