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Public Safety Act: 40 लाेगों की रिहाई के लिए गृह मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव

Public Safety Act. जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाकर देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे गए 40 लाेगों की रिहाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 05:50 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 05:50 PM (IST)
Public Safety Act: 40 लाेगों की रिहाई के लिए गृह मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव
Public Safety Act: 40 लाेगों की रिहाई के लिए गृह मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव

जम्मू, राज्य ब्यूरो। Public Safety Act. केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर राज्य प्रशासन ने जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत बंदी बनाकर देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे गए 40 लाेगों की रिहाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। इनमें कश्मीर बॉर एसोसएिशन के पूर्व प्रधान एडवोकेट नजीर अहमद रोंगा, जमात ए इस्लामी के प्रवक्ता एडवोकेट जाहिद अली के अलावा जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के दो वरिष्ठ नेता शौकत बख्शी और मुश्ताक अजमल शाह भी शामिल बताए जा रहे हैं। सूची में उत्तरी कश्मीर से संबंध रखने वाला एक सरपंच भी शामिल है।

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गौरतलब है कि गत पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने के मद्देनजर प्रशासन ने एहियात के तौर पर अलगाववादी संगठनों से जुड़े विभिन्न लोगों के अलावा मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के भी कई नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इनमें से 450 को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाया गया है और अधिकांश को उत्तर प्रदेश व हरियाणा की जेलों में रखा गया है।

संबंधित अधिकारियों ने बताया जिन लोगों की रिहाई के लिए आग्रह किया गया है, उनमें से अधिकांश को पांच अगस्त के आस-पास ही हिरासत में लिया गया है। इनके अलावा कुछ लोगों को अगस्त से पहले ही एहतियातन हिरासत में लिया गया है। इनमें नजीर अहमद रोंगा, शौकत बख्शी और मुश्ताक अजमल शाह, उत्तरी कश्मीर में जिला बारामुला का रहने वाला सरपंच जहूर अहमद मीर के अलावा फिरदौस अहमद बाबा, बिलाल अख्तर, खालिद जरगर, अब्दुल रशीद शिगन, आरिफ शेख, शकील बट, लतीफ मीर और हिलाल जान के नाम उल्लेखनीय हैं।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इन सभी लोगों के मामलों को जम्मू-कश्मीर की परिस्थितियों के आधार पर देखेगा और उसके आधार पर ही रिहाई का फैसला लेगा। अलबत्ता, केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर राज्य प्रशासन के गृह विभाग ने कथित तौर पर इस सूची में उन्हीं लोगों के नाम शामिल किए हैं, जिनके मामलों पर पीएसए संबंधी मामलों के लिए गठित समीक्षा समिति ने किसी तरह की नकारात्मक रिपोर्ट नहीं दी है। इसके अलावा सूची तैयार करते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट का भी पूरा ध्यान रखा गया है।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय जब भी इन लोगों की रिहाई का फैसला लेगा, इन्हें प्राथमिकता दी जा सकती है। कुछ समय पहले ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व चेयरमैन मुबीन शाह को पीएसए से मुक्त किया है। मुनीब शाह का मामला सर्वाेच्च न्यायालय में भी पहुंचा था। इसके अलावा राज्य प्रशासन ने गत सप्ताह कुलगाम के रहने वाले परवेज अहमद पाला को भी अदालत के निर्देशानुसार पीएसए से मुक्त किया था। पाला कैंसर पीड़ित है और उसे सात अगस्त को जिलाधिकारी कुलगाम के निर्देशानुसार पीएसए के तहत बंदी बनाया गया था। 

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