दिल्ली रैली के लिए यूपी से ताकत जुटाएंगी प्रियंका वाड्रा...तैयारियां परखने के लिए आज आ रहीं लखनऊ
दिल्ली रैली की तैयारियों के साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए प्रियंका वाड्रा शुक्रवार को लखनऊ आ रही हैं। वह यहां दो दिन में 13 घंटे मैराथन बैठकें करेंगी।
लखनऊ, जेएनएन। सियासी रूप से कांग्रेस के लिए लगभग बंजर हो चुके यूपी में पार्टी के सपनों की झंडाबरदार प्रियंका वाड्रा को न सिर्फ प्रतिद्वंद्वी दलों से जूझना है, बल्कि संगठन को भी खड़ा करने की चुनौती है। घर में बैठे कार्यकर्ताओं को निकालकर सड़कों पर उतारने के लिए फिलहाल 14 दिसंबर को दिल्ली में होने जा रही भारत बचाओ रैली बड़ा मौका है। इसकी तैयारियों की समीक्षा के साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए वह शुक्रवार को लखनऊ आ रही हैं। वह यहां दो दिन में 13 घंटे मैराथन बैठकें करेंगी।
कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा शुक्रवार सुबह 10.15 लखनऊ हवाई अड्डा और 11 बजे पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पहुंच जाएंगी। इसके बाद 11.15 से दोपहर दो और फिर शाम चार से आठ बजे तक पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकें करेंगी। शनिवार को भी सुबह 11 से दो और फिर शाम चार से सात बजे तक बैठकें होंगी। मुख्य मुद्दा है 14 दिसंबर को नई दिल्ली में होने जा रही भारत बचाओ रैली। हर जिले से अधिक से अधिक भीड़ कैसे जुटाई जाए, इस पर वह पदाधिकारियों के साथ बात करेंगी।
चूंकि शीर्ष नेतृत्व में शामिल किसी भी नेता की तुलना में सबसे बड़े राज्य की कमान बतौर प्रभारी प्रियंका के पास है, इसलिए दिल्ली की रैली में यूपी का दम भी उन्हें दिखाना है। प्रदेश के हर मुद्दे पर वह सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर रही हैं। सरकार को घेरने का प्रयास लगातार चल रहा है। अब दो दिन यहीं रुक कर सतत बैठकों का इशारा यही है कि अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए प्रियंका लखनऊ में सक्रियता बढ़ाने जा रही हैं।
शीला कौल के घर में हो सकता है प्रवास
प्रियंका वाड्रा के प्रस्तावित कार्यक्रम में उनके रात्रि प्रवास के स्थान का उल्लेख नहीं है। मगर, चर्चा है कि वह अपनी रिश्तेदार पूर्व मंत्री शीला कौल के गोखले मार्ग स्थित घर में ठहर सकती हैं। स्थानीय पुलिस ने भी देर शाम यहां सुरक्षा के लिहाज से जायजा लिया।
मैनपुरी के पीड़ित परिवार से मुलाकात की अटकलें
अटकलें हैं कि बैठकों के बीच में ही प्रियंका मैनपुरी की मृत छात्रा के परिवार को मुख्यालय में बुलवाकर मुलाकात कर सकती हैं। कयास इसलिए है, क्योंकि उन्हीं के पत्र के बाद इस प्रकरण में कार्रवाई शुरू हुई।